संपादकीय

किसी को हराना आसान है लेकिन किसी को जीतना काफी मुश्किल है

11 वां राष्ट्रपति 25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007 अवुल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम —तमिल नाडु – जन्म –ब्रिटिश
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न जयप्रकाश आंदोलन कुछ कर पाया न ही अन्ना आंदोलन–डाँ नीलम महेंद्र

वीआईपी कल्चर खत्म करने के उद्देश्य से जब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मई 2017 में वाहनों पर से लालबत्ती हटाने सम्बन्धी
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गुजरात -बीजेपी की वापसी-लेकिन–सत्ता विरोधी मतदान पर नहीं-शैलेश कुमार

22.2587°उत्तरी देशांतर और 71.1924° पूर्वी देशांतर 23 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 72 डिग्री पूर्वी देशांतर ******************************************* 2011 जनगणना के अनुसार
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डिजिटल युग में मीडिया की चुनौती–शैलेश कुमार

डयूज कर्टीज ‘- हमने बहुत से लोगों से बाते की है , उन लोगों का कहना है कि जो भी
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हास्य और अनुराग तुम्हीं थे, तानसेन का राग तुम्हीं थे-कवि चेतन नितिन खरे ,मोहोबा

*कायस्थों के अस्तित्व और स्वाभिमान सूर्य रश्मियाँ जब भी बोझिल हुईं अंधेरी रातों से, सदा मिली है ताकत इनको कागज
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दामन पर दाग—आसान नहीं–शिव –राज –का –राज्य-्वापसी—डाँ नीलम महेंद्र

भारतीय जनता पार्टी पहली बार 5 मार्च 1990 में भोजपुर विधायक सुन्दर लाल पटवा के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का कमान
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शुभप्रभात —“खुद पीड़ित”—शैलेश कुमार

कहने वाले कहते है की तुम अहंकार को छोडो पर दिल में जो विराजमान है ,कैसे उसके दिल को तोड़ें।
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सर्वें में गिरावट–राष्ट्रीय मोर्चों पर सरकार असफल क्यों— डॉ नीलम महेंद्र

मार्च 2017 में उप्र के चुनावी नतीजों के बाद देश भर के विभिन्न मीडिया सर्वे में जुलाई तक जिस मोदी
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जो बबूल नहीं बोया वह अब बबूल खा रहा है–शैलेश कुमार

बोयें पेड़ बबूल का आम कहाँ से खाएं ? यह कहावत उल्टा पर गया। जो बबूल बोया वह आम खाया
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कायस्थ —-नई दिशा और नई सोच–शैलेश कुमार

चित्रगुप्त की उत्पति : – विष्णु के मस्तिष्क से उत्पति पुत्र। विष्णु ने कहा यह पुत्र -कायस्थ के नाम से
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