• March 26, 2015

तीन साल में सभी गांवों को सड़कों से जोडऩे के प्रयास

तीन साल में सभी गांवों को सड़कों से जोडऩे के प्रयास

तीन साल में सभी गांवों को सड़कों से जोडऩे के प्रयास होंगे
लक्ष्मणगढ़ एवं रतनगढ़ से सालासार के रूट्स पर पदमार्ग बनेंगे
सड़क सुरक्षा के प्रति जनजागृति लाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान चलेगा
 -सार्वजनिक निर्माण मंत्री

जयपुर – सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को सड़कों के मामले में देश का मॉडल प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्घ है।  इसके तहत वर्ष 2018 तक गांव-गंाव में तक पक्की सड़क पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा घोषित सभी सड़क परियोजनाओं को वित्तीय संसाधन जुटाकर हर हाल में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाएगा। साथ ही निर्माण कार्याें की गुणवत्ता, समयबद्घता, निर्माण कार्याें में पारदर्शिता, सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से कुशल मॉनिटरिंग, सड़क सुरक्षा जैसे विषय सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं सरकार की प्राथमिकता में हैं।

उन्होंने घोषणा की कि सालासर आने वाले पदयात्री सड़क दुर्घटनाओं का शिकार नहीं हो, इसके लिए लक्ष्मणगढ़-सालासर एवं रतनगढ़-सालासर मार्गों पर पदमार्ग बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2014 में 24 हजार 628 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें 10 हजार 289 व्यक्तियों की जान गईं। उन्होंने कहा कि जनजागृति से ही दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है और इसके लिए 15 मई से पहले राज्य की सभी 9 हजार 900 ग्राम पंचायतों में जनजागृति अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत को इसके लिए 10 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। इसके बाद 186 नगर पालिका क्षेत्रों में भी सड़क सुरक्षा के लिए ऐसे ही काम किए जाएंगे।

सार्वजनिक निर्माण मंत्री सदन में मांग संख्या-19 लोक निर्माण कार्य एवं मांग संख्या-21 सड़कें एवं पुल पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने लोक निर्माण कार्य की 15 अरब 82 करोड़ 20 लाख 79 हजार रुपए तथा सड़कें एवं पुल की 47 अरब 84 करोड़ 78 लाख 62 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। इससे पहले श्री खान ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मांग संख्या-19 के संबंध में 151 एवं मांग संख्या-21 के संबंध में 363 कटौती प्रस्ताव सदन में आए हैं, उनका अध्ययन कराकर 7 दिन में जवाब भिजवाया जाएगा।

सार्वजनिक निर्माण मंत्री ने बताया कि फरवरी, 2015 तक प्रदेश में 1 लाख 39 हजार 681 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। दिसम्बर, 2013 में जब वर्तमान सरकार ने कार्यभार संभाला तब प्रदेश में 1 लाख 33 हजार 663 किलोमीटर लंबी सड़कें थीं और 1 हजार 722 किलोमीटर सड़कों की योजनाएं पाइपलाइन में थीं। हमारी सरकार ने इन सड़कों को पूरा कराने के अतिरिक्त 6 हजार 18 किलोमीटर सड़कें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पूरी कीं और इन पर 2 हजार 177 करोड़ रुपए व्यय हुए। उन्होंने कहा कि हमने अपने पिछले कार्यकाल में वर्ष 2003-2008 के दौरान 38 हजार 176 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण कराया, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2008-2013 की अवधि के दौरान केवल 10 हजार 315 किलोमीटर सड़कें बनाईं।

श्री खान ने कहा कि सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रदेश में 20 हजार किलोमीटर के सुदृढ़ मेगा हाइवे तैयार किए जाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक दिन में नहीं किया   जा    सकता।   उन्होंने बताया कि  8 हजार 910   किलोमीटर  की 132  सड़कों  का चिन्हीकरण कर वायबिलिटी अध्ययन कराया गया है।

यदि ऐसा  नहीं किया जाए तो भारत सरकार से 20 प्रतिशत राशि नहीं मिलेगी, कंसेशनर नहीं आएंगे और ऋण भी नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि पीपीपी परियोजनाओं के लिए 35 अधिकारियों का डिविजन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि डाक बंगले प्रदेश की महत्वपूर्ण सम्पत्ति हैं। 11 महत्वपूर्ण डाक बंगलों को पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के अनुशासित वित्तीय प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि नॉन वायेबल सड़कों को भी हम पूरा करेंगे और इसके लिए वित्तीय संसाधन एशियाई विकास बैंक एवं विश्व बैंक से ऋण लेकर जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एशियाई विकास बैंक एवं विश्व बैंक से इसके लिए तीन-तीन हजार करोड़ रुपए का ऋण मिल चुका है। उन्होंने कहा कि सड़कों की बेहतरी के लिए हम राजस्थान राजमार्ग विधेयक ला चुके हैं और टोल नीति की अधिसूचना 18 मार्च, 2015 को जारी हो चुकी है।

ग्रामीण गौरव पथ की चर्चा करते हुए श्री खान ने कहा कि 905 ग्राम पंचायतों का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि 85 ग्राम पंचायतों में यह काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण गौरव पथ के निर्माण में 6 इंच मोटाई, 3.75 मीटर चौड़ाई एवं 1 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का प्रावधान है लेकिन क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर इसमें परिर्वतन संभव है और यदि 8 इंच मोटाई की एक किलोमीटर के स्थान पर 750 मीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी तो अनुमति दी जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर प्रदेश में 10 हजार 863 गांव एवं बसावटों को जोड़ा जा चुका है। वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर इसमें 39 हजार 753 गांव कवर होते हैं, राज्य में 2001 की जनगणना के बाद बने जो राजस्व गांव जुड़ नही पाए हैं। उनकी विधानसभा वार सूची बनाई गई है। 2018 तक इन सभी गांवों को पक्की सडकों से जोड़ दिया जायेगा।

श्री खान ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 पर कोटा-दर्रा-झालावाड़-तीनधार होकर मध्यप्रदेश की सीमा तक जाने वाली सड़क के लिए 621 करोड़ रुपए की कोटा से दर्रा के लिए स्वीकृति और मिल गई है।

उन्होंने कहा कि सोने का गुर्जा और सबलगढ़-मंडरायल पुल की सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद शीघ्र ही इनका निर्माण कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि भाड़ोती-मथुरा सड़क के लिए आरएसआरडीसी से कार्य कराया जा रहा है। नोहर-भादरा से पंजाब सीमा तक जाने वाली सड़क का कार्य भी दिसम्बर, 2015 तक पूरा करा दिया जाएगा।

श्री खान ने कहा कि चौमूं-महला निर्माण में अनियमितता पाए जाने पर कंसेशनर को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। साथ ही जनता को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए सरकार इसे स्वयं के संसाधनों से तैयार कराएगी। उन्होंने इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़ी 476 किलोमीटर की सड़कों को किसी योजना में लेकर पूरा करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने घोषणा की कि भीलवाड़ा के शाहपुरा में 8.5 किलोमीटर का बाईपास 17 करोड़ रुपए की लागत से तैयार कराया जाएगा।

सार्वजनिक निर्माण मंत्री ने कहा कि विभाग के कार्यों में और पारदर्शिता लाने के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। जिसमें 6 माह की अवधि में सभी सड़कों की पूरी जानकारी अपलोड कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण गौरव पथ के तहत 9 हजार फोटोज की गैलेरी अपलोड की जा चुकी है।

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