• April 18, 2015

पीसीपीएनडी अधिनियम की प्रभावी क्रियान्विती सुनिश्चित की जायेगी

पीसीपीएनडी अधिनियम की प्रभावी क्रियान्विती सुनिश्चित की जायेगी

जयपुर -प्रदेश में गिरते लिंगानुपात पर नियंत्रण के लिए व्यापक जनसहयोग से पीसीपीएनडी अधिनियम-1994 की प्रभावी क्रियान्विती सुनिश्चित की जायेगी। समाज में बेटी की स्वीकारिता का भाव विकसित करने के साथ ही बेटी के प्रति सम्मान की भावना के प्रसार पर विशेष बल दिया जायेगा।

पीसीपीएनडीटी इकाई के राज्य प्राधिकृत अधिकारी एवं मिशन निदेशक (एनएचएम) श्री नवीन जैन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सांय स्वास्थ्य भवन में स्वास्थ्य विभाग के बेटी बचाओ प्रकोष्ठ, स्वयंसेवी संस्थाओं ‘गर्ल काउंट’ नई दिल्ली एवं ‘एसआरकेपीएस’ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए बनाये गये पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयोजित संगोष्ठी में यह जानकारी दी गयी।

श्री जैन ने बताया कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम को प्रभावी बनाने हेतु प्रदेश में मुखबिर योजना में देय राशि को बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कन्या भू्रण हत्या की रोकथाम के लिए गर्भवती महिलाओं की मॉनीटरिंग का प्रावधान किया गया है। सोनोग्राफी केन्द्रों पर भरे जा रहे ऑनलाईन फार्म ‘एफ’ में रेड-एलर्ट की व्यवस्था कर लिंग परीक्षण के इच्छुक व्यक्तियों की निगरानी की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि बेटी-बचाओ प्रकोष्ठ के तहत् व्यापक जनचेतना अभियान संचालित किया जा रहा है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के सलाहकार आरसीएच डॉ.अनीस रहमान ने सोनोग्राफी केन्द्रों पर कार्य करने वाले चिकित्सकों के निर्धारित छह माह के प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से कराने एवं प्रशिक्षण की प्रभावी मॉनीटरिंग करने पर बल दिया।

गर्ल काउंट के राष्ट्रीय समन्वयक श्री रिजवान परवेज ने गत् चार वर्षाें के दौरान किये गये अध्ययन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लिंगानुपात को बेहतर बनाने की दिशा में अन्य बारह राज्यों की तुलना में राजस्थान में बेहतर कार्य किया गया है। उन्होंने इन कार्याें में सुधार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला एवं जिलास्तरीय कमेटी का गठन करने के साथ ही जेंडर एक्विलिटी के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं की सक्रिय सहभागिता की आवश्यकता प्रतिपादित की।

प्रदेश की परियोजना निदेशक (पीसीपीएनडीटी) श्री किशनाराम ईशरवाल ने पीसीपीएनडीटी इकाई द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। एसआरकेपीएस के सचिव श्री राजन चौधरी ने संगोष्ठी के उद्घेश्यों पर प्रकाश डाला एवं संभागियों का स्वागत किया। राज्य सलाहकार समिति की सदस्य डॉ.मीना आसोपा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

संगोष्ठी में प्रदेश के तैंतीस जिलों से आये जिला पीसीपीएनडी समन्वयक एवं तीस स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य संभागियों ने भाग लिया।

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