लेखक के कलम से

शिक्षक – एक अनोखा किरदार — प्रवीण शर्मा

आचार्य द्रोणाचार्य जी ने कहा था – ‘‘शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद मे खेलते हैं।”
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शिक्षा-क्षेत्र में रचनात्मक परिवर्तन अपेक्षित

आज ‘शिक्षा’ का अर्थ साक्षरता और सूचनात्मक जानकारियों से समृद्ध होना है और आज की शिक्षा का उद्देश्य किसी शासकीय,
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