यूरोप भ्रमण और रनिंग -सतीश सक्सेना

यूरोप भ्रमण और रनिंग -सतीश सक्सेना

यूरोप का ट्रिप ढाई महीने का रहा जो कि 25 सितम्बर को पूरा होगा, इस बार जर्मनी से बाहर खूबसूरत प्राग (चेकोस्लोवाकिया या चेकिया) , इंसब्रुक (ऑस्ट्रिया), वेनिस (इटली), माउंट टिटलिस ( स्विट्ज़रलैंड) पेरिस ( फ्रांस ) और बार्सिलोना ( स्पेन )

घूमने का मौका मिला ! सिर्फ यूरोप में ही यह सुविधा है कि विभिन्न देशों में जाने के लिए आपको अलग अलग वीसा (फीस 60 यूरो ) अप्लाई नहीं करना पड़ता ! यूरोप महाद्वीप के 26 देशों ने, अपने नागरिकों को, किसी भी देश में स्वतन्त्रता पूर्वक आने जाने के लिए, पूरी आज़ादी देते हुए अपने बॉर्डर समाप्त कर दिए हैं !

पूरे शेंगेन जोन ( Schengen zone ) में इंटरनेशनल बॉर्डर, मात्र मैप में ही नज़र आता है , 26 देशों के नागरिक बिना किसी पासपोर्ट चेक एवं कण्ट्रोल के एक दुसरे देश में कहीं भी आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं ! इसी तरह विश्व के किसी भी देश का नागरिक शेंगेन वीसा के साथ इन 26 देशों में कहीं भी बेरोकटोक घूम सकता है ! यह समस्त देश आपस में बस, ट्रैन और फ्लाइट के माध्यम से जुड़े हुए हैं ! जैसे म्युनिक(जर्मनी) से प्राग(चेकिया), 380 km की दूरी तय करने में, बस का टिकिट 15 euro का है, हाँ बस में बैठने से पहले आपको अपना पासपोर्ट एवं टिकिट ड्राइवर को दिखाना होगा !

यह यात्रा मेरे लिए बेहद आनंद दायक रही क्योंकि मैंने अपने इस विदेश प्रवास में, चाहे वह प्राग का चार्ल्स ब्रिज हो या पेरिस में एफिल टावर के नीचे, सीन नदी का किनारा, बार्सिलोना (स्पेन) का खूबसूरत समुद्री किनारा , या वेनिस की जलभरी गलियां हर जगह दौड़ते हुए पार की ! मुझे याद है कि अपनी जवानी के दिनों में ऐसा करने में एक डर रहता था कि नए देश में रास्ता न भटक जाएँ ! अभी 64 वर्ष की उम्र में बिना परवाह के दौड़ना शुरू करता हूँ 5 km दौड़ने के बाद, जब तक शरीर गर्म होता है तबतक यह छोटे छोटे शहर का दूसरा किनारा नज़र आने लगता है ! मेरी फिलहाल दौड़ने की रेंज लगभग 25 km है उतने में पूरा शहर का चक्कर हो.

-रनिंग सीखे बिना, दौड़ने की कोशिश करना, अधिक उम्र वालों के लिए घातक हो सकता है !
-अधिकतर प्रौढ़ व्यक्तियों या “समझदार” व्यक्तियों को दौड़ना नहीं आता है वे बच्चों की तरह, हांफते, रुकते, टहलते, दौड़ने का प्रयास करते हैं जिससे उनके हृदय पर विपरीत असर पड़ता है ! उन्हें लगता है कि रनिंग में सीखने जैसी क्या बात है !

– अगर रनिंग करते समय आनंद नहीं आ रहा तो वह रनिंग आपके हृदय को स्वस्थ नहीं बल्कि कमजोर बनाएगी इसीलिए शरीर को रनिंग सिखानी आवश्यक है कि उसे उसमें आनंद आये !

-अधिक उम्र वालों को स्मूथ रनिंग सीखने में, लगभग 2 से 3 वर्ष लगते हैं जो जल्दबाजी करते हैं उनकी रनिंग जल्द ही बंद हो जाती है !

– मैं 3वर्ष में 25 से अधिक बार हाफ मैराथन के साथ कुल 4285 km दौड़ चुका हूँ और अब भी खुद को रनिंग का जानकार नहीं समझता, मेरा हर नया रन एक नया सबक देता है !

-जब भी दौड़ते समय हांफने लगें मानियेगा कि आप ट्रेनिंग से अधिक तेज दौड़ने का प्रयास कर रहे हैं और शरीर रजिस्ट कर रहा है सो शरीर से जबरदस्ती नहीं करनी !

-आप लगातार 5 मिनट तक न दौड़ें बल्कि 2 मिनट दौड़ें और अगले चार मिनट वाक् करें जब सांस व्यवस्थित हो जाए तब दो मिनट फिर दौड़ें और फिर चार मिनट वाक, यह क्रम दुहराएँ !

-दौड़ते समय शरीर को शक्ति ऑक्सीजन से मिलती है सो दौड़ते समय सांस लेने का एक रिद्म बनता है जिससे मस्तिष्क और फेफड़ों को बेहतर एवं अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है ! जो सही से सांस नहीं लेते वे जल्दी थक जाएंगे

-दौड़ने से पहले व्यायाम और एड़ी पंजें की स्ट्रेचिंग करें !

-पानी दौड़ के लिए और एक रनर के लिए बहुत आवश्यक है सारे दिन में कम से कम 12 गिलास पानी पियें इससे जोड़ों में लचीला पैन आएगा जो कि लम्बी दौड़ों के लिए बेहद आवशयक है !

-पूरे सप्ताह में आराम देना बहुत आवश्यक है कम से कम दो दिन दौड़ने को आराम दें !

सप्ताह में एक दिन साईकिल चलाने जैसी एक्सरसाइज बेहद आवश्यक है यह उन मसल्स को मजबूत करेगी जो रनिंग के द्वारा उपयोग में नहीं आते !

अगर रनिंग के सबसे आवश्यक टिप जानना हों तो पहले तीन टिप निम्न हैं

१.हायड्रेशन
२.हायड्रेशन
३.हायड्रेशन

अर्थात शरीर में अगर पानी अब्सॉर्व नहीं है तो शरीर दौड़ नहीं पायेगा इसका अर्थ यह नहीं कि दौड़ने से पहले एक बोतल पानी पीकर दौड़ा जाये बल्कि दौड़ने से पहले दिन अधिक पानी पीना है.

– जिस दिन आप रनिंग 21 km दौड़ते हुए एन्जॉय कर पाएंगे समझियेगा कि आपकी सारी हार्ट आर्टरी ओपन हो चुकी हैं और याद रखें रनर को डायबिटीज तो हो ही नहीं सकती !

Related post

सेबी से तिमाही आधार पर परिपत्र जारी करने का भी आह्वान  : श्री पी के रुस्तगी, अध्यक्ष, कॉर्पोरेट मामलों की समिति

सेबी से तिमाही आधार पर परिपत्र जारी करने का भी आह्वान : श्री पी के रुस्तगी,…

नई दिल्ली——अच्छी तरह से विनियमित पूंजी बाजार सकारात्मक आर्थिक गतिविधियों के लिए एक अच्छा चक्र बनाने…
अमित गुप्ता बनाम भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड : पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

अमित गुप्ता बनाम भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड : पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

नई दिल्ली    —एनसीएलटी  और पीएचडीसीसीआई की आईबीसी समिति ने माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले पर…
” येस ! इट मैटर्स ” पुस्तक समीक्षा  :  आदतें ही आदमी का व्यक्तित्व बनाती हैं

” येस ! इट मैटर्स ” पुस्तक समीक्षा : आदतें ही आदमी का व्यक्तित्व बनाती हैं

उमेश कुमार सिंह ————  हर इंसान के जीवन में कुछ अच्छी आदतें होती है और कुछ…

Leave a Reply