जैव विविधता में मनुष्य के साथ पशुओं का अद्भुत सामंजस्य है—- मुरली मनोहर श्रीवास्तव
पटना —- कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं….इस गीत के बोल आज देश-दुनिया के पशुओं पर पूरी तरह
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