लेखक के कलम से

रघुवंश की दो चिट्ठी, अलग-अलग मायने —- मुरली मनोहर श्रीवास्तव

कल तक राजद से इस्तीफा देने के बाद जहां दूसरे दलों में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। वहीं
Read More

सत्ता की संकल्प-शक्ति से ही हिन्दी बनेगी राष्ट्रभाषा — डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र (विभागाध्यक्ष-हिन्दी)

भाषा व्यक्ति-व्यक्ति के मध्य अथवा दो समूहों के मध्य केवल संपर्क का ही माध्यम नहीं होती। वह संपर्क से आगे
Read More

80 वर्षों से बिना भोजन और बिना एक बूंद पानी पीये — राम कुमार आर्य

80 वर्षों से बिना भोजन और बिना एक बूंद पानी पीये…. ही जीवित रहने वाले सन्यासी ऋषि , संत प्रहलाद
Read More

प्लास्टिक की गिरफ़्त में इंसानी ज़िंदगी —— रमा शर्मा

जयपुर, (राजस्थान)—– आज के वैज्ञानिक युग में न केवल मानव विकास की रफ्तार बढ़ी है बल्कि विज्ञान ने इंसान के
Read More

डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी के पूर्वज मूलरूप से कुआँगाँव — डाक्टर सच्चिदानंद सिन्हा

डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी के पूर्वज मूलरूप से कुआँगाँव, अमोढ़ा (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे। यह एक कायस्थ परिवार था।
Read More

मौत में अपना अस्तित्व तलाशता मीडिया——- डॉ नीलम महेंद्र (लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार)

आजकल जब टी वी ऑन करते ही देश का लगभग हर चैनल “सुशांत केस में नया खुलासा” या फिर “सबसे
Read More

शिक्षा एक गंभीर सामाजिक दायित्व-बोध है—डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र

भारतवर्ष की सनातन सांस्कृतिक परंपरा में ‘शिक्षा’ स्वयं में बहुअर्थगर्भित शब्द है। यहाँ शिक्षा का अभिप्राय साक्षरता अथवा शैक्षणिक प्रमाणपत्रों
Read More

कौन सुनेगा शिक्षकों का दर्द ? अमृतांज इंदीवर

मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार)—- कोरोना महामारी ने जिन क्षेत्रों को सबसे अधिक प्रभावित किया है, उनमें शिक्षा व्यवस्था भी शामिल है। स्कूल
Read More

पुस्तक-समीक्षा —‘शिमला डायरी’ उर्फ़ लेखकीय संघर्ष में कोई बाइपास नहीं होता —– डॉ. देविना अक्षयवर

जिसे आज पहाड़ों की रानी कहा जाता है, वह कभी उत्तरी भारत के इस हिमालयी राज्य का एक छोटा-सा गाँव
Read More

समुदाय की सहभागिता के बिना योजनाएं सफल नहीं— नरेन्द्र सिंह बिष्ट

समुदाय की सहभागिता के बिना योजनाएं सफल नहीं— नरेन्द्र सिंह बिष्ट नैनीताल (उत्तराखण्ड) हमारे देश में बहुत सारी योजनाएं चलाई
Read More