- December 8, 2014
शिक्षा को अपना घर मानकर कार्य करें -शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर- शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने शिक्षा विभाग के संस्था प्रधानों एवं अधिकारियों से कहा कि शिक्षा विभाग मेरा घर है ऐसी मानसिकता से साथ शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करें। उन्होंने कहा कि अध्यापक पढ़ाई के लिए बच्चों में भाव जाग्रत कर संवाद बढाये। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मॉनीटरिंग करें तो झालावाड़ शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय व आदर्श जिला बन सकता है।
बैठक में झालावाड़-बारां सांसद श्री दुष्यन्त सिंह भी मौजूद रहे। जिला प्रमुख श्रीमती मनोरमा जैन, खानपुर विधायक नरेन्द्र नागर, डग विधायक श्री रामचन्द्र सुनारीवाल, मनोहरथाना विधायक श्री कंवर लाल मीणा ने अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं पर विचार रखें। इस अवसर पर राजस्थान बोर्ड में बेहतर परिणाम देने वाले जिले के 29 संस्था प्रधानों को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शिक्षा राज्य मंत्री ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय के सभागार में रविवार को आयोजित शिक्षा संवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का निर्णय है कि प्रत्येक पंचायत में एक आदर्श विद्यालय होगा तथा मार्च 2015 तक कोई भी विद्यालय शौचालय विहिन नहीं रहना चाहिए एवं शौचालय की साफ-सफाई की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि सरकार का मानस है कि निजी विद्यालयों से बच्चे सरकारी विद्यालयों में आकर प्रवेश लें। उन्होंने संस्था प्रधानों से कहा कि झालावाड जिले के बच्चें राजस्थान बोर्ड परिणाम में अधिक से अधिक संख्या में मेरिट में स्थान प्राप्त करें, ऐसे प्रयास होने चाहिए।
उन्होंने विद्यालयों के एकीकरण के मामले में कहा कि सरकार की मानसिकता विद्यालयों को बन्द करने की नहीं है सरकार शिक्षा का विस्तार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालायों को ही मर्ज किया गया है जिन स्थानों पर छात्र संख्या कम थी। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन, नाला, पहाडी क्षेत्र के विद्यालयों को एकीकरण से मुक्त रखेें ताकि एकीकरण का मुद्दा समाप्त हो जाये। उन्होंने विद्यालयों के एकीकरण से आई समस्या का तत्काल समाधान करने के निर्देश दिये।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि प्रत्येक माध्यमिक विद्यालय में विषय अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए प्राथमिक सेटअप से माध्यमिक सेटअप में 3 माह के लिए अध्यापक लगाये ताकि बोर्ड का परिणाम बेहतर मिल सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में लम्बे समय से एक ही स्थान पर नियुक्त मंत्रालयिक कार्मिकों का स्थानान्तरण करें और ब्लॉक के दफ्तरों में कार्य कर रहे अध्यापकों को भी विद्यालयों में ही लगाये। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि निमार्णाधीन विद्यालयों का भौतिक सत्यापन अपने स्तर पर करें।
बैठक में जिला कलक्टर श्री बिष्णु चरण मल्लिक ने कहा कि बैठक में दिये गये निर्देशों की पालना, अपेक्षा के अनुसार बेहतर काम करके सुनिश्चित करेंगे तथा जनप्रतिनिधयों से प्राप्त सुझावों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।