- November 11, 2014
मुझे और मेरे परिवार की ह्त्या की साजिश : साजिश में अधिकारीगण
मऊ (उत्तर प्रदेश) – हम सब भारतीय नागरिक हैं और सचमुच अपराधतंत्र ने हमारी सरकार को बहुत कमजोर कर दिया है। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए कृपया आप भी सरकार का सहयोग करें।
उ०प्रo शासन के कुछ अधिकारीगण व कुछ सेवा निवृत्त अधिकारी उo प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहे है। इनका अपना खुफिया तंत्र है। अपनी संचार व्यवस्था है। शासन की सेवाओं और जानकारियों का अपनी आपराधिक गतिविधियों के संचालन के लिए इस्तेमाल करते है।
भ्रामक सूचनाओं के आधार पर कुछ राजनीतिज्ञों का समर्थन प्राप्त करने में सफल रहे हैं। भ्रामक सूचनाओं के आधार पर अपने से जुड़े अपराधियों को मेरी हत्या के लिए उसका रहे है। भ्रामक सूचनाओं के आधार पर मेरे ऊपर इस तरह के चार्ज लगाये गए है ताकि मेरी हत्या को मुझसे जुड़ी गतिविधयों का स्वाभाविक रूप सिद्ध किया जा सके।
मुकदमा संख्य्या – 176/ 91,
प्रतिवादी : मुख्य सचिव उ0प0
जिलाधिकारी जनपद गौंडा ,
जिला विकास अधिकारी जनपद गौंडा।
मैंने यह सूचना सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय सेवा से अपने को अलग कर लेने के बाद जिम्मेदार लोगों को दी थी। किसी रिस्पॉन्स के अभाव में शासन की जिम्मेदरियों की उद्घोषणा के लिए सिविल कोर्ट जनपद मऊ में एक उद्घोषणात्मक वाद सुनिश्चित किया था।
मैं शुक्रगुजार हूँ तत्कालीन अधिकारीगणो का जो मेरे विरुद्ध न्यायालय नहीं आये. यद्यपि कुछ लोगों ने उनके फर्जी दस्तखत कर न्यायलय में वाद को इंटरटेन किया और मेरे विरुद्ध एक तथाकथित फैसला करवा दिया।
यद्यपि जिस समय यह फैसला आया उस समय एक जमीन के विवाद की आड़ लेकर मेरी हत्या का एक और प्रयास किया गया लेकिन मैंने राजकीय सेवा की तरह उपहार स्वरूप मिलने वाली सम्पत्ति को उस आदमी को दे दिया। जिससे विवाद की कहानी पलट की गई ।
फैसले के बाद मैंने न्यायाधीश के विरूद्ध भी आपराधिक साजिश से जुड़े मुकदमे को प्रतिवादिगण की फर्जी उपस्थिति दिखाकर फैसला देने के लिए शिकायत दर्ज करवाई।
मई 1986 में सेवारत रहते मेरे पिता की भावनाओं को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के अविलम्ब भुगतान के आदेश के बावजूद अब तक जब्त कर लिया गया है।
वादी:-
सुरेन्द्र कुमार सिंह
ग्राम / पो राजापुर, जनपद – मऊ
मोब- 8400545999