प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र –1200 करोड़ रूपए का सहायता राशि स्वीकृत किए जाने का भी अनुरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र –1200 करोड़ रूपए का सहायता राशि स्वीकृत किए जाने का भी अनुरोध

देहरादून (सू०ब्यूरो)——- मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उतराखण्ड पुनर्निर्माण व पुनर्विकास के लिए गठित केबिनेट कमेटी द्वारा स्वीकृत पैकेज के तहत एसपीएआर के तहत रूपए 323 करोड़ 78 लाख व सीएसएसआर के तहत रूपए 763 करोड़ 23 लाख की धनराशि शीघ्र अवमुक्त किए जाने का अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने बाह्य सहायतित परियोजनाओं में 90:10 के अनुपात को बनाए रखने व 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से राज्य को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए वर्ष 2016-17 के केंद्रीय पूल से अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के तौर पर 1200 करोड़ रूपए का सहायता राशि स्वीकृत किए जाने का भी अनुरोध किया। इस वर्ष भारी बरसात से राज्य में क्षतिग्रस्त आधारिक संरचना के पुनर्निर्माण के लिए रूपए 650 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।

प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि राज्य में तीन मेडिकल कालेजों व पांच नर्सिंग कालेज 13 वें वित्त आयोग से आंशिक रूप से वित्त पोषित थे। इनके लिए रूपए 275 करोड़ की आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।

एससी, एसटी व ओबीसी छात्रों की पोस्ट मेट्रिक स्काॅलरशिप योजना के अंतर्गत रूपए 72 करोड़ रूपए की राशि अवमुक्त की जानी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि जिन परिस्थितियों के कारण उतराखण्ड को विशेष राज्य का स्तर दिया गया था, वे परिस्थितियां अभी भी विद्यमान हैं।

राज्य से चीन व नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं लगती हैं। लगभग 70 प्रतिशत भूभाग दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र व वनाच्छादित होने के कारण राज्य के सीमित आर्थिक संसाधन हैं। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने उत्तराखण्ड के लिए फंडिंग पैटर्न, कोर सीएसएस में 90:10 व वैकल्पिक सीएसएस में 80ः20 रखे जाने का निर्णय लिया है। परंतु राज्य के लिए अति महत्वपूर्ण बाह्य सहायतित परियोजनाओं में भी 90:10 के अनुपात को बरकरार रखे जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से राज्य को केंद्र से फंड हस्तांतरण में लगभग रूपए 1700 करोड़ का विशुद्ध नुकसान हुआ है। भौगोलिक बाध्यताओं, महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति व हिमालयी राज्य होने के नाते उत्तराखण्ड को विशेष अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है। 13 वें वित्त आयोग में मंजूर किए गए बहुत से कार्य अभी निर्माणाधीन हैं। इन्हें पूरा किए जाने के लिए भी पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता है।

पिछले वर्ष एसपीए के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी फंड की आवश्यकता है। इनके अतिरिक्त पर्यटन सेक्टर में केंद्रीय सहायता से प्रारम्भ किए गए अनेक प्रोजेक्ट भी केंद्रीय सहायता जारी न रहने से बीच में ही रूक गए हैं। जबकि इन पर काफी निवेश किया जा चुका है। राज्य सरकार ने स्वीकृति के लिए रूपए 1200 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से संबंधित मंत्रालयों को उत्तराखण्ड के हित में समुचित कार्यवाही के निर्देश देने का अनुरोध किया है।

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