• May 14, 2022

जलवायु परिवर्तन पर ब्रिक्स की उच्च स्तरीय बैठक

जलवायु परिवर्तन पर ब्रिक्स की उच्च स्तरीय बैठक

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 13 मई, 2022 को वर्चुअल रूप से आयोजित ब्रिक्स की उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। जलवायु परिवर्तन पर ब्रिक्स की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए श्री यादव ने जलवायु परिवर्तन को संयुक्त रूप से संबोधित करने, निम्न कार्बन तथा अनुकूल परिवर्तन में तेजी लाने के लिए दृष्टिकोणों की खोज और स्थायी रिकवरी तथा विकास अर्जित करने के लिए फोरम की प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

ब्रिक्स उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता चीन के पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री श्री हुआंग रनकिउ ने की तथा ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका सहित ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने इसमें भाग लिया।

केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में सावधानीपूर्वक खपत और अपशिष्ट में कमी पर आधारित स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देने सहितमजबूत जलवायु कार्रवाई के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। पर्यावरण मंत्री ने ब्रिक्स मंत्रालयी बैठक को बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने आज किस प्रकार अक्षय ऊर्जा, स्थायी वास, अतिरिक्त वन और वृक्ष आच्छादन के माध्यम से कार्बन सिंक के निर्माण,टिकाऊ परिवहन में परिवर्तन, ई-मोबिलिटी, जलवायु प्रतिबद्धताएं करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करनेआदि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के द्वारा उदाहरण प्रस्तुत किया है।

श्री यादव ने उल्लेख किया कि कैसे भारत ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन से आर्थिक विकास के संबंध को उत्तरोत्तर कम करना जारी रखा है। श्री यादव ने उल्लेख किया कि विकासशील देशों द्वारा जलवायु कार्रवाइयों का कार्यान्वयन यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते द्वारा अधिदेशित जलवायु वित्त के समुचित वितरण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अन्य कार्यान्वयन सहायता पर निर्भर है।उन्होंने ग्लासगो निर्णय के अनुरूप जलवायु वित्त वितरण तथा सीओपी 26 प्रेसीडेंसी द्वारा जारी जलवायु वित्त प्रदायगी योजना की दिशा में आशा जताई।

ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को सुदृढ़ बनाने और सहयोग की विषय वस्तुओं को व्यापक और गहरा बनाने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अतिरिक्त, इन देशों ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में नीतिगत आदान-प्रदान और सहयोग जारी रखने पर भी सहमति जताई।इस अवसर पर एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया।

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