“आहार क्रांति” नाम के एक नए मिशन की शुरुआत —– डॉ. हर्षवर्धन

“आहार क्रांति” नाम के एक नए मिशन की शुरुआत  —– डॉ. हर्षवर्धन

नई दिल्ली -(पीआईबी)—— विज्ञान भारती (विभा) तथा ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट एंड टैक्नोक्रैट्स फोरम (जीआईएसटी) ने मिलकर “उत्तम आहार-उत्तम विचार” के लक्ष्य को लेकर यह मिशन शुरू किया है ।

“आहार क्रांति आंदोलन” का उद्देश्य भारत और पूरे विश्व के सामने पेश ढेर सारी भूख और बहुत सारी बीमारियों की समस्या का समाधान तलाशना है। अध्ययनों में पाया गया है कि भारत उपभोग से दो गुना ज्यादा कैलोरी का उत्पादन करता है लेकिन फिर भी देश में बहुत से लोग अभी भी कुपोषित हैं। इस अजीबो-गरीब मसले की जड़ यह है कि हमारे समाज के किसी भी तबके में पोषण के संबंध में जागरूकता का अभाव है।

मौजूदा कोविड -19 महामारी के समय में पोषक संतुलित आहार की और भी ज्यादा ज़रूरत है। एक स्वस्थ शरीर ही ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता और उच्च सहनशक्ति से इस संक्रमण का मुकाबला कर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र ने भी 2021 को “अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्ज़ी वर्ष” घोषित किया है जो “आहार क्रांति मिशन” के सर्वथा अनुरूप है। फल एवं सब्ज़ियां हमारे संतुलित आहार का एक बड़ा और अभिन्न हिस्सा हैं। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य # 3 जो मनुष्य के कल्याण पर ज़ोर देते हैं, उनमें कहा गया है कि “सभी के लिए और सभी उम्र के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन और कल्याण सुनिश्चित करें।“ यह लक्ष्य भी आहार क्रांति को और सार्थक बनाता है। आहार और कल्याण अविभाज्य जोड़ीदार हैं ।

भारत के पास आयुर्वेद का अनूठा ज्ञान है । यही समय है जब आयुर्वेद आधारित पोषण के इस समृद्ध ज्ञान को अभ्यास में लाना ज़रूरी है। यह आंदोलन इस दिशा में भी कार्य करेगा।

यह आंदोलन भूख की विकराल समस्या का समाधान करने के लिए लोगों को अपने पारंपरिक भारतीय खानपान को , स्थानीय फलों और सब्ज़ियों की उपचार की शक्ति को और इस तरह संतुलित आहार के चमत्कार को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। यह पोषणयुक्त संतुलित आहार –“उत्तम एवं संतुलित आहार” – के रूप में स्थानीय फलों और सब्ज़ियों पर लोगों का ध्यान केन्द्रित करेगा।

इस कार्यक्रम में अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाएगा ,जो इस संदेश को छात्रों , उनके माध्यम से उनके परिवारों और अंतत समाज तक पहुंचाने का काम करेंगे। इसी तरह की रणनीति पोलियो के उन्मूलन के लिए भी अपनाई गई थी और यह काफी सफल रही थी ।

विज्ञान भारती और ग्लोबल साइंटिस्ट एंड टैक्नोक्रैट्स फोरम का लक्ष्य आहार क्रांति को पूरे विश्व के लिए एक मॉडल बनाना है । भारत सदियों से विश्वगुरु या विश्व का नेता रहा है और आहार तथा पोषण के मामले में उसने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में बहुत से अभिनव प्रयास किए हैं। यह नया अभियान भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है ।

यह मिशन एक साथ विभिन्न आयामों में काम करेगा। उद्देश्य के तौर पर यह बेहतर जागरूकता , बेहतर पोषण और बेहतर कृषि को प्रोत्साहित करेगा। इसका संदेश पाठ्यक्रम के तहत –“पोषण क्या और क्यों” के रूप में प्रसारित किया जाएगा या फिर खेल खेल में या निर्देश के तौर पर दिया जाएगा। और इसका कथ्य आनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह तथा हिंदी और अंग्रेज़ी के अलावा सभी स्वदेशी भाषाओं में मुहैया कराया जाएगा ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे ।

हालांकि इस मिशन की शुरूआत विज्ञान भारती और ग्लोबल साइंटिस्ट एंड टैक्नोक्रैट्स फोरम ने की है लेकिन कई अन्य संस्थाओं ने भी उनसे हाथ मिलाया है और अपनी विशेषज्ञता तथा संसाधन मुहैया कराने की सहमति जताई है ।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाला सीएसआईआर का प्रवासी भारतीय एकैडेमिक एंड साइंटिफिक संपर्क (प्रभास) कई केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ इस दिशा में काम कर रहा है । इस मिशन के आगे बढ़ने के बाद कई अन्य संगठन भी इससे जुड़ जाएंगे ।

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