• November 16, 2019

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अंतर्गत 7 कार्यों का रिमोट से शिलान्यास :- मुख्यमंत्री

पश्चिमी  कोसी नहर  परियोजना  के  अंतर्गत 7 कार्यों  का  रिमोट  से शिलान्यास :-  मुख्यमंत्री

पटना——मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के बरियरवा के जगदेव सलौता उच्च विद्यालय मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मधुबनी एवं दरभंगा जिले के अधीन पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अंतर्गत 7 अदद कार्यों का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया।

इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देता हूॅ। इसी वर्ष अप्रैल माह में लोकसभा चुनाव के दौरान अपने प्रत्याशी श्री रामप्रीत मंडल के चुनाव प्रचार के दौरान मैं यहां आया था,यहां के जनप्रतिनिधियों और लोगों ने मेरे सामने कुछ समस्याएं रखी थीं, मैने उनसे कहा था कि समस्याओं के समाधान के लिए मैं काम करुंगा और आपसे फिर मिलने आउंगा। इसी वादे को निभाने के लिए आपके बीच उपस्थित हुआ हूॅ। श्री रामप्रीत मंडल को सांसद के रुप में विजयी बनाने के लिए आप सबका आभार व्यक्त करता हूॅ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में काम संभालने के बाद हमारी प्रतिबद्धता इस बात की रही है कि न्याय के साथ विकास के पथ पर हमलोग आगे बढ़ते रहेंगे। न्याय के साथ विकास का मतलब हर इलाके का विकास और समाज के हर तबके का उत्थान है।

हाशिए पर के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। समाज के सभी वर्गों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि हम जब भी किसी योजना की शुरुआत करते हैं तो उसके बाद लोगों के बीच जाकर उसे जानने और समझने का काम करते हैं। इससे हमें भी काम करने में सहुलियत होती है। हम जल्द ही जल-जीवन-हरियाली अभियान यात्रा पर निकलेंगे।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ रही है। हमलोग इसके समाधान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हुए, वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी आयी, वर्ष 2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी, वर्ष 2017 में फ्लैश फ्लड आया, वर्ष 2018 में सुखाड़ की स्थिति बनी। राज्य के 534 प्रखंडों में 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष जुलाई महीने में बाढ़ की स्थिति बनी जिस दौरान हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से इन क्षेत्रों का हमने दौरा भी किया।

लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध करायी गयी थी। वर्ष 2019 में ही सुखाड़ की स्थिति बनी और सितंबर माह के आखिरी सप्ताह में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। उन्होंने कहा कि वर्षा की अनिरंतरता जलवायु परिवर्तन का भी एक परिणाम है। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई को सभी दलों के विधायकों एवं विधान पार्षदों की विधानसभा के सेंट्रल हॉल में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकट विषय पर करीब 8 घंटे विस्तृत चर्चा हुई और सब लोगों ने मिलकर इसके समाधान के लिए एकजुट प्रयास करने का निर्णय लिया।

जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। अगर जल है हरियाली है तभी जीवन है। चाहे वह मनुष्य का हो, पशु-पक्षी का हो या फिर कोई जीव-जंतु का हो। जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इसके लिए 3 वर्ष के अंदर 24 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान के 11 अवयव हैं।

आहर, पईन, पोखर एवं सार्वजिनक जल संग्रहण क्षेत्रों को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। सार्वजनिक कुओं, पोखरों, आहर, पईन का पुनरूद्धार कराया जाएगा। चापाकल, कुओं के समीप सोख्ते का निर्माण कराया जाएगा ताकि जल जमीन के नीचे जा सके और जल का स्तर बना रह सके। पहाड़ी नदियों, छोटी नदियों के जल को चेक डैम बनाकर संग्रहित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गया में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गंगा नदी के पानी को शुद्ध कर लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। सरकारी भवनों के छत पर वर्षा जल संचयन का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत और वृक्षारोपण किए जाएँगे।

उन्होंने कहा कि झारखंड से अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत था, हमलोगों ने हरियाली मिशन की स्थापना कर 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा, जिसमें 19 करोड़ पौधे लगाए गए। इस वर्ष भी एक करोड़ पौधे लगाए गए। हमलोग 15 प्रतिशत हरित आवरण के लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं और अब इसे 17 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 8 करोड़ पौधे और लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाए जाने को भी जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत शामिल किया गया है। किस इलाके में कौन-कौन फसल लगाए जा सकते हैं, जिससे लोगों को लाभ हो इस पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर इच्छुक व्यक्ति को घर तक बिजली उपलब्ध करा दी गई है और किसानों को भी कृषि फीडर के माध्यम से बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

सभी जर्जर तारों को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली प्राप्त हो रही है। मेरा अनुरोध है कि बिजली का बेवजह दुरुपयोग न करें, जरुरत के हिसाब से उसका उपयोग करें। जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सौर ऊर्जा के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि वही अक्षय ऊर्जा है। सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल अवशेष पराली (पुआल) को जलाने से पर्यावरण पर तो बुरा प्रभाव पड़ता ही है साथ ही धरती की मिट्टी को भी काफी नुकसान होता है, उसे रोकने के लिए हम सबको मिल जुलकर काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 तक हर घर नल का जल उपलब्ध करा दिया जाएगा। बहुत जगहों में हर घर नल का जल उपलब्ध करा दिया गया है। इस पेयजल का लोग दुरुपयोग न करें। अगर पीने का शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो जाए तो कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी नदी के रिंग बांध बनाने के तहत पश्चिमी कोसी तटबंध तथा कोसी नदी के बीच बसे लोगों को बाढ़ से सुरक्षा दिलाने पर काम हो रहा है। इसके तहत सिकरहट्टा-मंझारी निम्न बांध को परसौनी से महिसा ग्राम तक 4.60 किलोमीटर की लंबाई में विस्तारीकरण एवं तटबंध के ऊपर बिटूमिनस सड़क का निर्माण, 1500 मीटर की लंबाई में रिवेटमेंट कार्य को 48.82 करोड़ रुपए की लागत से मार्च 2021 तक पूर्ण करा लिया जाएगा।

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अंतर्गत आज सात योजनाओं का शिलान्यास किया गया है जिसकी लागत राशि 64.43 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि भूतही बलान के बांए तट को 6.61 किलोमीटर की लंबाई में विस्तारित करते हुए घोघराडीहा-निर्मली लिंक रोड तक जोड़ा जाएगा, जिस पर 48.43 करोड़ रूपये की लागत आएगी। विस्तारीकरण से फूलपरास एवं घोघरडीहा प्रखंड के 56 गांवों के लोगों को भूतही बलान के फ्लेश फ्लड से निजात मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि जुलाई 2019 में भीषण बाढ़ के कारण कमला नदी का बांया तटबंध दो बिंदुओं पर एवं कमला नदी का दांया तटबंध छह बिंदुओं पर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके ब्रीच क्लोजर, रिवेटमेंट कार्य एवं चिन्हित स्थलों पर सीट पाइल गाड़ने का कार्य किया जाएगा। इस पर 88.10 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

उन्होंने कहा कि कमला तटबंध भविष्य में क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए सरकार दीर्घकालीन उपायों पर काम कर रही है ताकि तटबंध मजबूत बना रह सके। इसके लिए आई0आई0टी0 रूड़की द्वारा अध्ययन कराकर दीर्घकालीन योजना पर काम किया जायेगा। आई0आई0टी0 विषेषज्ञों द्वारा इस अध्ययन का प्रतिवेदन 31 मार्च 2020 तक समर्पित कर दिया जायेगा, जिसके आलोक में तटबंध की सुरक्षा हेतु कार्रवाई सुनिष्चित की जायेगी।

उन्होंने कहा कि जुलाई 2019 में आयी बाढ़ से झंझारपुर अंचल के अंतर्गत नरुवार गांव के 51 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हो गए। इन सभी परिवारों के वास हेतु 5 डिसमील की दर से सरकारी जमीन उपलब्ध करायी गई है। सामुदायिक भवनों के निर्माण हेतु 0.12 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गई है, जिस पर शीघ्र ही सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़क, पुल-पुलिया, समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में काम किये जा रहे है। महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ उनके उत्थान के लिए कार्य किए जा रहे हैं। पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थानों के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण पहले ही दिया जा चुका है।

जीविका समूह से और महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई जिससे समाज को काफी फायदा हुआ है। राज्य का प्रजनन दर पहले 4.2 था, जो घटकर अब 3.3 हो गया है। एक सर्वे से जानकारी मिली कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का और बिहार का प्रजनन दर भी दो है।

प्रजनन दर को नियंत्रित करने के लिए और लड़कियों को और शिक्षित करने के लिए हरेक ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा रही है। लड़कियां प्लस टू पास कर जाएंगी तो प्रजनन दर में काफी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि सेवा करना ही मेरा धर्म है।

कार्यक्रम को जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री लक्ष्मेश्वर राय, सांसद श्री रामप्रीत मंडल, विधायक श्रीमती गुलजार देवी, विधायक श्री रामप्रीत पासवान, पूर्व सांसद श्री मंगनी लाल मंडल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार हंस ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार हंस, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक बरबरे, दरभंगा प्रमंडल के पुलिस महानिरीक्षक श्री पंकज दराद, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी मधुबनी श्री शीर्षत कपिल अशोक, पुलिस अधीक्षक श्री सत्य प्रकाश सहित अन्य पदाधिकारीगण, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

संपर्क —
श्री लोकेश कुमार झा
सहायक सूचना निदेशक
बिहार सूचना केंद्र नई दिल्ली

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