ट्यूबरकलोसिस उन्मूलन समिट—2025 -2030 तक TB खत्म करने का लक्ष्य – प्रधानमंत्री

ट्यूबरकलोसिस  उन्मूलन समिट—2025 -2030 तक TB खत्म करने का लक्ष्य – प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री संबोधन के अंश—-

ट्यूबरकलोसिस – TB को अब से करीब 25 वर्ष पूर्व विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इमरजेंसी घोषित किया गया था।

एक Ground Reality ये भी है कि TB को रोकने में हम अब भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं।

जब आप गंभीरता से पुरानी प्रक्रियाओं को analyze करते हैं, तभी नई अप्रोच का रास्ता खुलता है।

Health और Family Welfare Ministry, WHO South East Asia Region और Stop TB Partnership मिलकर एशिया, अफ्रीका और दुनिया के अनेक देशों के प्रतिनिधियों को आज एक मंच पर लाए हैं।

सितंबर में United Nations में General Assembly की महत्वपूर्ण बैठक भी होने जा रही है।

मुझे उम्मीद है कि “Delhi End TB Summit” TB को धरती से हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक landmark event के तौर पर जाना जाएगा।

पिछले वर्ष “Delhi Call for Action to end TB in the WHO South East Asia Region by 2030” के प्रस्ताव को सर्व सहमति से स्वीकारा गया था।

South East Asia region में TB को समाप्त करने की दिशा में बहुत सकारात्मक पहल के तौर पर सामने आ रही हैं।

भारत में तो वैसे भी किसी भी communicable disease से TB का प्रभाव सबसे ज्यादा है

भारत ने वर्ष 2030 से पाँच साल और पहले, यानि 2025 तक TB को खत्म करने का लक्ष्य अपने लिए तय किया है।

भारत सरकार द्वारा जो नए strategic initiatives शुरू किए गए हैं, उसकी एक झलक आपने अभी यहां प्रस्तुत किए गए presentation में भी देखी है।

TB खत्म करने के लिए जितने भी stake-holders उत्तरदायी हैं, उन्हें हमारी सरकार एकजुट होकर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है।

भारत में TB को 2025 तक खत्म करने के लिए जो National Strategic Plan बनाया गया था, वो अब पूरी तरह operational है।

TB से जुड़ी योजनाओं पर बजट में ही हमारी सरकार ने इस बीमारी के मरीजों को पौष्टिक सहायता देने के लिए अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करने का प्रावधान किया है।

मरीजों को nutritional support खरीदने में दिक्कत न हो, इसके लिए उनके बैंक अकाउंट में सरकार की तरफ से सीधे आर्थिक सहायता ट्रांसफर की जा रही है।

TB के मरीजों की सही पहचान हो, Active Cases के बारे में समय पर पता चले, जो दवाइयां दी जा रही हैं, वो प्रभावी हैं भी या नहीं, drug-resistant TB तो नहीं है, इन विषयों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

‘Treat every TB patient best at the very first opportunity’ के सिद्धांत के साथ सरकार इन योजनाओं में private sector को भी engage कर रही है।

टेक्नोलॉजी औऱ नए Innovations के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर भी है।

Internet-of-Things को आधार बनाते हुए state-of-the-art, Information Communication Technology सिस्टम और उससे जुड़े प्लेटफॉर्म डवलप किए जा रहे हैं।

प्रोग्राम के management के लिए, disease surveillance के लिए, treatment monitoring के mobile-health solutions देने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

Digital X-Ray reading के लिए स्वदेशी molecular diagnostic machine भी विकसित की है।

Artificial Intelligence आधारित इस मशीन को True NAAT नाम दिया गया है।

ये मशीन Make in India की मुहिम को भी बल देती है।

TB से जुड़े विभिन्न विषयों, जैसे वैक्सीन, बेहतर दवाइयां, diagnostics and implementation इन सभी को और मजबूत करने के लिए India TB Research Consortium की भी स्थापना की गई है।

TB से मुक्ति का ये मिशन भले ही भारत में हो या किसी भी देश में, front line TB physicians और workers की बड़ी भूमिका होती है।

हर वो व्यक्ति जो TB से ग्रसित होने के बाद रेग्यूलर दवा लेता है, अपना इलाज कराता है और इस बीमारी को हराकर ही दम लेता है, वो भी प्रशंसा का पात्र है।

मेरा दृढ़ विश्वास है कि मरीजों की इच्छा-शक्ति और अपने passionate TB workers के सहयोग से भारत के साथ ही दुनिया का हर देश अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।

हेल्थ सेक्टर के जो लोग, भारत से हैं, उन्हें मैं विशेष तौर पर अपना best effort करने के लिए कहूंगा क्योंकि आपके लिए TB Free India का लक्ष्य 2030 नहीं, 2025 है।

सभी को अपने-अपने स्तर पर ‘TB Free गांव, पंचायत, जिला या राज्य बनाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा देनी होगी।

जब एक Holistic तरीके से इन चुनौतियों से निपटने का प्रयास किया जाता है तो उसके नतीजे भी मिलते हैं।

भारत में immunization 30-35 साल से चल रहा है।

2014 तक हम संपूर्ण कवरेज का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाए थे।

सिर्फ तीन-साढ़े तीन साल में अब ये 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष से ज्यादा हो गया है और अगले एक वर्ष में हम 90 प्रतिशत immunization coverage का लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं।

इन क्षेत्रों को Target करके हमारी सरकार ने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया, वैक्सीनेशन के लिए नई दवाइयां जोड़ीं और ग्राउंड लेवल पर जाकर काम करना शुरू किया।

स्वच्छता का दायरा लगभग बढ़कर लगभग 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

हम बहुत तेजी के साथ अक्तूबर 2019 में open defecation free India की तरफ बढ़ रहे हैं।

Health Sector के एक्सपर्ट्स हैं। ये भी भली-भांति समझते हैं कि कोई भी बीमारी को खत्म करने के लिए multi-sectoral interventions की आवश्यकता होती है।

TB के विषय में मैंने दवाइयों, इलाज की मॉनीटरिंग, रीसर्च, पौष्टिक आहार के लिए आर्थिक सहायता जैसे अनेक interventions के बारे में आपको बताया।

भारत सरकार की उज्ज्वला योजना भी TB कम करने में बड़ी भूमिका निभा रही है। इस योजना के तहत सरकार 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का काम कर रही है।

घर में LPG आने के बाद महिलाएं, उनके बच्चे, उनका परिवार लकड़ी के धुएं से मुक्त हो रहा है और साथ ही साथ खुद पर TB का खतरा भी कम कर रहा है।

हमारी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर पोषण मिशन भी शुरू किया है। इस मिशन का मकसद भी सिर्फ लोगों को पौष्टिक भोजन देना नहीं है। हमारा लक्ष्य वो Eco-system तैयार करना है जिसमें कुपोषण की संभावना कम से कम हो।

आयुष्मान भारत यानि “Long Live India”. इसके माध्यम से हमारी सरकार देश में primary, secondary and tertiary care-system को और मजबूत करने का काम करेगी।

सरकार द्वारा देशभर में डेढ़ लाख Health and Wellness Centres की स्थापना की जा रही है।

वेलनेस सेंटर primary health care का काम करेंगे जहां पर diagnostic services भी होंगी और लोगों को सस्ती दवा भी दी जाएगी।

10 करोड़ गरीब परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष का हेल्थ एश्योरेंस भी दिया जाएगा।

Curative, Promotive और Preventive हेल्थ केयर के इन तरीकों को अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है।

मैं स्वास्थ्य मंत्रालय से भी आग्रह करूंगा कि TB के निदान में आयुर्वेद के योगदान को लेकर रीसर्च का दायरा बढ़ाया जाए और उसके जो भी नतीजे आएं, वो हमारे साथी देशों से भी साझा किया जाए।

सबका साथ-सबका विकास का हमारा मंत्र, क्षेत्रीय सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है।

TB Free World बनाने के लिए भारत हर देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए सहर्ष तैयार है।

TB से लड़ाई में जिन भी देशों को first line drugs, commodities और technical support की जरूरत होगी, हम पूरी तत्परता के साथ उस देश का साथ देंगे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि कोई भी योजना सफल है या असफल, ये इस बात पर निर्भर करता है कि उससे last needy person को कितना लाभ हो रहा है।

हमारी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि हमारी योजनाएं, उस last needy person तक पहुंचें और उसकी Ease of Living बढ़ाएं।

मैं हर व्यक्ति, हर सरकार, हर संस्था, सिविल सोसायटी से जुड़े हर प्रतिनिधि से भी ये संकल्प लेने का आग्रह करता हूं कि वो TB के उस last person तक पहुंचने में, TB Free India बनाने में सक्रिय भूमिका निभाए।

TB Free India का संकल्प, TB Free World के संकल्प को भी पूरा करने में सहयोग करेगा।

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