- May 27, 2017
पीसीपीएनडीटी एक्ट—–15 इंटरस्टेट सहित कुल 71 डिकाय ऑपरेशन
जयपुर————–राजस्थान एवं गुजरात के सीमावर्ती राज्यों की भागीदारी में लिंगानुपात सुधार के कारगर उपायों को लेकर एक दिवसीय अंतर्राज्यीय कार्यशाला शुक्रवार को उदयपुर के अनन्ता होटल में सम्पन्न हुई।
कार्यशाला में गुजरात व राजस्थान के बीच पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये परस्पर सहयोग एवं प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति जतायी गई।
स्वास्थ्य सचिव एवं अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी श्री नवीन जैन ने पीसीपीएनडीटी एक्ट पर प्रकाश डालते हुए राजस्थान एवं राज्य के बाहर किये गये डिकाय ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब तक 15 इंटरस्टेट सहित कुल 71 डिकाय ऑपरेशन संपादित किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में गठित पीबीआई न केवल राजस्थान वरन् देश के अन्य राज्यों में भी डिकाय ऑपरेशन करने के लिए अधिकृत है।
श्री जैन ने कहा कि डिकाय आपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए गुजरात व राजस्थान को मिलकर ऎसे दलालों एवं नेटवर्क को पकड़कर ठोस कार्यवाही करनी होगी जो लिंग जांच एवं भू्रण हत्या जैसे संगीन अपराधों में सक्रिय हैं।
उन्होंने बताया कि लिंग जांच कर गर्भपात करवाने वालों तक पहुंचने एवं उनके विरूद्ध उचित कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार की मुखबिर योजना कारगर साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 2.50 लाख की राशि का प्रदान करने का प्रावधान है।
मिशन निदेशक ने प्रजेंटेशन के माध्यम से लिंगानुपात में हो रही बढ़ोतरी की ओर सम्भागियों का ध्यान आकृष्ट किया और आह्वान किया कि गुजरात तथा राजस्थान के बॉर्डर के जिलों को मिलकर एक संयुक्त रणनीति के तहत कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध सकारात्मक वातावरण निर्माण करना होगा। उन्होंने बताया कि धारा 315 में आईपीसी के तहत कन्या भ्रूण हत्या में कोई लिप्त पाया जाता है कि उसे 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
श्री जैन ने राजश्री योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य सरकार बालिका जन्म को बढ़ावा देने एवं सुकृढ़ीकरण के लिए प्रभावी प्रयास कर रही है। जिसमें राजश्री योजना के तहत बालिका जन्म के पश्चात् विभिन्न चरणों में 50 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है।
कार्यशाला में गुजरात के प्रमुख शासन सचिव, जनस्वास्थ्य श्री जे.पी. गुप्ता ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट की अनुपालना में विगत वषोर्ं में राजस्थान का कार्य सराहनीय रहा है। उन्होंने पीसीपीएनडीटी के साथ गर्भवती महिला की ट्रेकिंग, मलेरिया रोकथाम एवं एड्स की रोकथाम पर भी अन्तर्राज्यीय समन्वय की संयुक्त रणनीति बनाने की आवश्यकयता जताई। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में राजस्थान का कार्य काफी बेहतर रहा है, जिसका अनुकरण गुजरात द्वारा किया जाएगा एवं इसके लिए राजस्थान के संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
इस अवसर पर उदयपुर जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक, गुजरात के जिला कलक्टर्स में अरवल्ली के सुश्री शालिनी अग्रवाल, दाहोद के रणजीत कुमार, सांबरकांठा के पी. स्वरूप, बनासकांठा के दिलीप सिंह राणा, माहीसागर के एम.डी.मोदिया, राजस्थान के परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्री रघुवीरसिंह, उदयपुर के संयुक्त निदेशक (चिकित्सा) डॉ. आर.एन. बैरवा, उदयपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टांक सहित सिरोही, राजसमन्द, बाड़मेर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालौर के सीएमएचओ व पीसीपीएनडीटी समन्वयक तथा गुजरात के सीडीएचओ, विधिक अधिकारी आदि प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे।