भ्रष्टाचार से मुक्त के लिये उनके दिमाग में ‘कई परियोजनाएं’ हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भ्रष्टाचार से मुक्त के लिये उनके दिमाग में ‘कई परियोजनाएं’ हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पणजी: काले धन पर रोक लगाने के लिए बड़े नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) कहा कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए उनके दिमाग में ‘कई परियोजनाएं’ हैं और वह नतीजे भुगतने को तैयार हैं।

मोदी ने गोवा में मोपा ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे का शिलान्यास और इलेक्ट्रॉनिक सिटी परियोजना पर कार्य का शुभारंभ करने के बाद संबोधित करते हुए कहा, ‘यह अंत नहीं है।
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उन्होंने कहा, ‘हम ‘बेनामी संपत्ति’ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यह भ्रष्टाचार और कालेधन को समाप्त करने के लिए बड़ा कदम है।

अगर भारत में कोई धन लूटा गया है और देश से बाहर जा चुका है तो हमारा कर्तव्य उसके बारे में पता लगाने का है।’

मोदी अपने संबोधन के दौरान कुछ समय के लिए भावुक भी दिखाई दिये। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि कुछ ताकतें मेरे खिलाफ हैं, जो मुझे जीने नहीं देना चाहतीं, वे मुझे बर्बाद कर सकती हैं क्योंकि उनकी 70 साल की लूट संकट में है, लेकिन मैं तैयार हूं।’ उन्होंने कहा कि लोगों ने 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ मतदान किया था।

उन्होंने कहा, ‘मैं वही कर रहा हूं जो इस देश की जनता मुझसे करने के लिए कह रही थी और मेरी कैबिनेट की पहली बैठक से ही यह बहुत स्पष्ट हो गया, जब मैंने काले धन पर एसआईटी बनाई थी।’

हमने भ्रष्टाचार को हराने में ईमानदार नागरिकों की मदद के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया।

विपक्षी यूपीए पर सीधा निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘कोयला घोटाले, 2जी घोटाले और अन्य घोटालों में शामिल लोगों को अब 4000 रुपये बदलने के लिए कतारों में खड़ा रहना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘यह संकट केवल 50 दिन का है। एक बार स्वच्छता हो जाएगी तो एक मच्छर भी नहीं उड़ सकता। यह 70 साल पुराना रोग है और मुझे इसे 17 महीने में खत्म करना है।

मुझे आजादी के बाद से चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करना है। अगर मुझे इसके लिए एक लाख नौजवानों की भर्ती करनी पड़ी तो मैं वो भी करंगा।’

500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले पर विपक्षी दलों की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्होंने सोचा कि अगर वे मेरे बाल खींचेंगे तो मैं कुछ नहीं करंगा।

लेकिन आप मुझे जिंदा भी जला दें तो भी मैं नहीं डरने वाला।’

इस फैसले के लिए किये गये प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने 10 महीने पहले एक गुप्त अभियान शुरू किया था और एक छोटी टीम बनाई थी।’

उन्होंने कहा कि जाहिर है कि यह उस तरह नहीं है जिस तरह रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

हमें नयी मुद्रा के नोट छापने होंगे और दूसरे कदम उठाने होंगे।

जनता से 30 दिसंबर तक 50 दिन के लिए साथ देने की अपील करते हुए मोदी ने कहा, ‘अगर आपको मेरी मंशा में कुछ भी खोट नजर आता हो या मेरी कार्रवाइयों में कुछ गलत नजर आता है तो मुझे सार्वजनिक रूप से फांसी पर चढ़ा दें।

मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं आपको ऐसा भारत दूंगा जो आप चाहते हैं। अगर किसी को दिक्कत होती है तो मुझे पीड़ा होती है।

मैं उनकी समस्या को समझता हूं लेकिन यह केवल 50 दिन के लिए है और 50 दिन के बाद हम सफाई में सफल होंगे।’

उन्होंने कहा, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि कई सांसदों ने मुझसे कहा कि किसी भी ज्वेलरी की खरीद के लिए पैन को अनिवार्य नहीं बनाया जाए।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज ऐसे लोग भी अपनी विधवा मां के खाते में ढाई लाख रुपये जमा कर रहे हैं, जिन्होंने कभी उनका ध्यान नहीं रखा।’

देश में नमक की कमी की अफवाह पर उन्होंने कहा, ‘ऐसा वो कर रहे हैं जिनका काला धन बेकार हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे से 50 लाख से ज्यादा लोग गोवा में आएंगे, जिससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा बल्कि रोजगार बढ़ेगा और यहां अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन सिटी केवल एक परियोजना नहीं है। यह गोवा को भारत की प्रगति के शक्तिगृह में बदलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे सत्ता में आते ही देश के बाहर रखे काले धन की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल का गठन किया गया था।

क्या मैंने कुछ छिपाया ?’ उन्होंने कहा, ‘हमने कर छूट योजना के तहत 67,000 करोड़ रुपये एकत्रित किये।

पिछले दो सालों में छापों, सर्वे और घोषणाओं के माध्यम से सरकार ने अपने राजकोष में 1,25,00 करोड़ रुपये एकत्रित किये थे।’

मोदी ने वित्तीय समावेश के लिए जन धन योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं देश की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए दवाओं की छोटी छोटी खुराक देता रहा।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं कुर्सी के लिए पैदा नहीं हुआ। मैंने देश के लिए अपना गांव छोड़ा, परिवार छोड़ा।’ मोदी ने अपने भाषण में कहा कि सरकार देशभर में ‘बेनामी’ संपत्तियों पर कार्रवाई करेगी।

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं जिन्हें दूसरों के नाम पर खरीदा जाता है। यह देश की संपत्ति है।

मेरी सरकार का मानना है कि गरीबों की मदद करना हमारी जिम्मेदारी है और मैं इसे करंगा।’

उन्होंने कहा, ‘जब आम लोगों को कठिनाइयां आ रहीं है तो मुझे भी इस पर पीड़ा होती है।

***कृपया इस फैसले को मेरा अहंकार नहीं मानें।***

मोदी ने कहा, ‘काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में मेरे साथ गरीबों की दुआ और मांओं का आशीर्वाद है जो इसकी सफलता की संचालन शक्ति बन गयी है।

मैं आजादी के बाद से भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करंगा। अगर मुझे इस काम के लिए एक लाख नौजवानों की भर्ती करनी पड़ी तो मैं इसे करंगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने कानून बनाकर ज्वेलरों के लिए दो लाख से ज्यादा का सोना बेचने पर पैन कार्ड मांगने के नियम को जरूरी बनाया था तो आधे से ज्यादा सांसदों ने मुझसे संपर्क कर इसमें राहत की मांग की।

  • उन्होंने कहा, ‘कुछ ने तो मुझे लिखित में भी यह बात कह डाली। जिस दिन मैं पत्रों को सार्वजनिक कर दूंगा, वे अपने अपने क्षेत्रों में जाने लायक नहीं रहेंगे।’
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि आभूषणों पर उत्पाद शुल्क लगाने का फैसला किया गया तो हमें बहुत विरोध का सामना करना पड़ा जिसके बाद सरकार को इसके परिणामों का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ समिति बनानी पड़ी।

      मोदी ने कहा, ‘आशंका जताई गयी थी कि आयकर विभाग ज्वेलरों का उत्पीड़न करेगा।

      मैंने उन्हें पूरा विश्वास दिलाया कि कोई आयकर अधिकारी आपको परेशान नहीं करेगा।

      अगर कोई करता है तो उससे बातचीत रिकॉर्ड कर लें और मुझे दें। हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’

    बड़े नोटों को बंद करने के फैसले पर जनता की प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता जताते हुए मोदी ने कहा कि लोगों को बैंकों के बाहर लंबी कतारों में खड़ा रहना होगा। हमें थोड़ी परेशानी होगी लेकिन देश को फायदा हो रहा है।

    मोदी ने जनता से यह अपील भी की कि छिपा हुआ धन बैंकों में जमा करे और जरूरी हो तो जुर्माना अदा करके मुख्यधारा में शामिल हों।

    उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ लोगों को अब भी लगता है कि वे इंतजार कर सकते हैं तो वे मुझे नहीं जानते।’

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