• June 28, 2017

सभी राज्यो को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और गुणात्मक सुधार के लिए राजस्थान मोडल अपनाने की सलाह

सभी राज्यो को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और गुणात्मक सुधार के लिए राजस्थान मोडल अपनाने की  सलाह

जयपुर————–केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने सभी राज्यो को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और गुणात्मक सुधार के लिए राजस्थान मोडल को अपनाने की दी सलाह दी है।

नई दिल्ली के एन डी एम सी सभागार में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद महासभा की 54 वी बैठक में बोलते हुए श्री जावड़ेकर ने राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए नवाचारों की मुक्त कंठ से सराहना की। बैठक में राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी मौजूद थे। उन्होंने श्री जावड़ेकर के प्रति आभार जताया और कई उपयोगी सुझाव दिए।1

श्री जावड़ेकर ने राज्य की सभी 9985 ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत शिक्षा अधिकारी नियुक्त करने, सभी ग्राम पंचायतों में सीनियर सेकेंडरी स्कूल खोलने,18 हजार स्कूलों को छात्र टीचर अनुपात में मर्ज करने,स्टाफिंग पैटर्न को भी उसी अनुपात में लगाये जाने,बी एड टीचर्स की ट्रैनिंग को सरकारी स्कूल्स में अनिवार्य बनाने, प्री प्राइमरी स्कूलों के साथ 13हजार आंगनवाड़ी केंद्रों की जोड़ने, सरकारी स्कूलों में पैरेंट टीचर्स मीटिंग्स की परंपरा शुरू करने आदि नवाचारों के लिए राजस्थान की भूरी भूरी प्रशंसा की।

बैठक में राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने एन सी ई आर टी को राजस्थान की तरह टीचर्स के लिए आवासीय प्रशिक्षण शिविर का मॉड्यूल तैयार करवाने का सुझाव दिया। इसी प्रकार पाठ्यक्रमो में भी राजस्थान की तरह प्रधानमंत्री के स्वच्छ्ता, कौशल विकास,जल स्वावलंबन आदि कार्यकमो की जोड़ने की सलाह भी दी।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन वषोर्ं में राजस्थान में सरकारी स्कूलों में 12 लाख से भी अधिक बच्चो का नामाकन बढ़ा है और इस वर्ष करीब 7 लाख और बच्चों का नामांकन होने की उम्मीद है। इसी प्रकार 12वी के परीक्षा परिणाम 93.3 प्रतिशत और सेकेंडरी स्कूल के परिणामो में16.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होने से अभिभावकों का जुकव सारी स्कूलों की और बाद रहा है ।

प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में एक से 12 वी कक्षा के लिए आदर्श स्कूल और एक से 8 वी कक्षा के लिए उत्कृष्ट विद्यालय की व्यवस्था की गई है। प्राथमिक स्कूलों के शाला दर्शन और माध्यमिक विद्यालयों के लिए शाला दर्पण पोर्टल विकसित किये गए है जिसमे 80 लाख विधार्थियो और टीचर्स के नाम स्कूल मई गांव शहर के नाम कोई भी देख सकता है।

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