सभी प्रदेशों को समान रूप से धन वितरित करना केन्द्र सरकार की जिम्मेवारी

सभी प्रदेशों को समान रूप से धन वितरित करना केन्द्र सरकार की जिम्मेवारी

शिमला ——मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां अमृत फार्मेसी आऊटलेट के शुभारभ तथा आईजीएमसी के सुपरस्पेशिलिटी ब्लॉक तथा टर्शरी देखभाल कैंसर केन्द्र की आधारशिलाएं रखने के अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार कल से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में मेडिकल विश्वविद्यालय बिल को प्रस्तुत करेंगी।

उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए सहायता प्रदान करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय शासित क्षेत्रों को अधिकतम निधि प्रदान करने के बजाए सभी प्रदेशों को समान रूप से धन वितरित करना भारत सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को गुणात्मक चिकित्सा तथा रोगियों को श्रेष्ठ दवाईयां प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए कृतसंकल्प है।

तीन मेडिकल कालेजों के अतिरिक्त बिलासपुर में एम्स भी स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम पर पर्याप्त भूमि स्थानांतरित कर दी गई है। उन्होंने आशा जताई की एम्स का कार्य शीघ्र ही आरम्भ किया जाएगा।

श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि चम्याणा में आईजीएमसी के दूसरे परिसर के बनने से वर्तमान आईजीएमसी अस्पताल का भार कम होगा तथा सुपरस्पेशिलिटी ब्लॉक के निर्माण के पश्चात प्रदेश के लोगों को काफी राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दक्षिणी-पूर्वी एशिया में छः नई स्वास्थ्य योजनाएं आरम्भ करने वाला प्रथम प्रदेश बन गया है। इन योजनाओं में इलैक्टॉनिक स्वास्थ्य कार्ड, सार्वभौमिक टीकाकारण कार्यक्रम के अन्तर्गत 18 वर्ष की आयु से कम के मधुमेय रोगियों का निःशुल्क इंशुलिन योजना भी शामिल है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार कैंसर को प्रथम चरण में पकड़ने तथा कैंसर के सार्वभौमिक टैस्ट के अलावा विभिन्न रोगों के अन्य टैस्टों के सन्दर्भ में एक अहम निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष की आयु के प्रत्येक भारतीय नागरिक को कैंसर के सार्वभौमिक टैस्ट से गुजरना अनिवार्य होगा, जोकि दो या तीन माह के भीतर आरम्भ किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 45-45 लाख रुपये की लागत से शिमला तथा मण्डी के लिए टर्शरी देखभाल कैंसर केन्द्र प्रदान किए हैं तथा मण्डी में टर्शरी देखभाल स्वास्थ्य केन्द्र की आधाशिला शीघ्र रखी जाएगी।

रोगियों को राहत प्रदान करने के लिए अमृत दुकानों के तहत 60 से 90 प्रतिशत उपदान पर दवाईयां उपलब्ध करवाई जाएगी तथा रोगी सीधे तौर पर निर्माताओं से यह दवाईयां खरीद सकेंगे।

उन्होंने कहा कि अमृत फार्मेसी का प्रबन्धन डिजीटली किया जाएगा और आईजीएमसी में खोली गयी यह 100वीं अमृत फार्मेसी है। उन्होंने कहा कि अमृत के माध्यम से 32.65 लाख रोगियों को सस्ती दवाईयां उपलब्ध करवाने पर 170 करोड़ रूपये की राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि 300 करोड़ रूपये की दवाईयां रोगियों को 130 करोड़ रूपये में बेची गई है जिससे उन्हें 170 करोड़ रूपये का लाभ हुआ है।

चिकित्सक समुदाय को बधाई देते हुए उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अब तक देश के 87 सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉकों को अपनाया गया है। उन्होंने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी चमयाणा में कार्डियोलॉजी, किडनी प्रर्त्यापण, प्लास्टिक सर्जरी, पैडियाट्रिकी सर्जरी, नैफरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी इत्यादि की सुविधा होगी और इसके अतिरिक्त 9 मॉडयूलर ऑपरेशन थियेटर अत्याधुनिक कैमरों के साथ स्थापित किए जाएंगे जिससे विद्यार्थी अपनी कक्षा में बैठकर ऑपरेशन को लाईव देख सकेंगे।

उन्होने कहा कि सुपर स्पैशिलिटी ब्लॉक के निर्माण का कार्य दो वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा और चमयाणा सुपर स्पैशिलिटी ब्लॉक के लिए 18 स्नातकोत्तर सीटें बढ़ाई जाएंगी।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार प्रदेश, यहां तक कि उप-मण्डल स्तर पर प्रधानमंत्री डायलिसिस योजना आरम्भ करने के लिए उत्सुक है और आम लोगों की सुविधा के लिए कीमतों को भी स्थिर किया गया है। इसके अतिरिक्त गरीबी रेखा से नीचे रहे रहे रोगियों को निशुल्क डायलिसिस उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बारे शीघ्र प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि स्टंट, जिसका मूल्य लगभग एक लाख रूपये था, अब 12600 रूपये में जबकि 2 लाख मूल्य वाला केवल 29600 रूपये में। उपलब्ध होगा। उन्होंनें कहा कि घुटनो के बदलने पर जहां पहले 1.60 लाख रूपये खर्च होते थे अब इस सुविधा पर मात्र 54,700 रूपये खर्च होंगे। स्तरोन्नत घुटनों के बदलने पर पहले 2.5 लाख रूपये व्यय होते थे जबकि अब यह सुविधा केवल 76,600 रूपये में उपलब्ध होगी। गरीबों व आमजनों को लाभान्वित करने के लिए कीमतों में स्थिरता लाई गई है।

श्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 120 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए और 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को स्तरोन्न्त कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया। इसके अतिरिक्त 32 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को नागरिक अस्पतालों में स्तरोन्नत किया गया।

उन्होंने कहा कि आज 630 नए डाक्टरों के पद भरे गए और हिमाचल प्रदेश आज देश का फार्मेसी हब के रूप में उभर रहा है और राज्य में 33000 करोड़ रूपये की दवाओं का उत्पादन कर निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने बिलासपुर में एम्स के निर्माण व मण्डी में टर्श्ररी केयर केंसर केन्द्र के कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया ।

सांसद श्री वीरेन्द्र कश्यप, मुख्य संसदीय सचिव (स्वास्थ्य) श्री नन्द लाल, विधायक श्री अनिरूद्ध सिंह व श्री सुरेश भारद्वाज, महापौर श्रीमती कुसुम सदरेट, पूर्व मंत्री श्री नरेन्द्र बरागरा और श्री राजीव बिन्दल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री नवदीप रेनवा, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री प्रबोध सक्सेना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री पंकज रॉय, आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डा. अशोक शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चन्द व अन्य चिकित्स भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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