राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम : सात माह की बच्ची को हृदय आपरेशन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम : सात माह की बच्ची को हृदय आपरेशन

जयपुर ———  बारां जिले के अटरू में वाहन चालक के रूप में कार्यरत नईस की सात माह की बेटी राबिया अक्सर बीमार रहती थी। आंगनबाड़ी में मोबाइल चिकित्सा दल ने हृदय रोग की आशंका व्यक्त की और बड़े चिकित्सकों ने तत्काल हार्ट सर्जरी करवाना आवश्यक बताया। नईस के लिये यह इलाज संभव ही नहीं था। नईस की यह परेशानी दूर हुयी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के बाद तीन दिन पूर्व ही जयपुर के नारायणा हृदयालया में इस कार्यक्रम के तहत राबिया की निःशुल्क हार्ट सर्जरी की गयी और अब राबिया के स्वास्थ्य में निरन्तर सुधार हो रहा है। इसी प्रकार झोटवाड़ा निवासी नगर निगम में सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत श्रीमती आशा अपने बीमार पुत्र विराट को आगंनबाड़ी केन्द्र में टीका लगवाने गयी लेकिन वहां मौजूद मोबाइल चिकित्सा दल ने ह््रदय रोग की आशंका पर आगे रैफर कर दिया।

श्रीमती आशा एकबारगी तो चिन्ता में पड़ गयी लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निःशुल्क इलाज के बारे में सुनकर राहत मिली। हार्ट सर्जरी के बाद विराट अब स्वस्थ्य है। इसी तरह दिहाड़ी मजदूरी के जीवनयापन करने वाले नसीराबाद निवासी अब्दुल हमीद की पुत्री अस्मा बानो की भी निशुल्क हार्ट सर्जरी हुयी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र राठौड़ ने 2 मई को देर शाम नारायणा हृदयालया इन बच्चों की कुशलक्षेम पूछने आने पर श्री नईस, श्रीमती आशा एवं श्री अब्दुल हमीद सहित 20 बच्चों के परिजनों ने उनको शुक्रिया कहा एवं बच्चों के निःशुल्क हार्ट सर्जरी कराने हेतु सरकार के इस कार्यक्रम की प्रशंसा की।

प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन से राबिया, विराट और आस्मा बानो ही नहीं बल्कि अब तक 118 बच्चों की मेडिकल कालेज के अस्पतालों एवं निजी अस्पतालों में निःशुल्क हार्ट सर्जरी कर स्वस्थ होने की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने बताया कि रैफर किये गये बच्चों में से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 800 बच्चों का मेडिकल कालेज के अस्पतालों व निजी अस्पतालों में सर्जरी करवाकर उपचार करवाया गया है।

 श्री राठौड़ ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दो चरणों में अब तक 59 लाख से अधिक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें चिन्हित बीमारियों के रोगी पाये गये 2 लाख 69 हजार बच्चों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पतालों में उपचार करवाया जा चुका है।

चिन्हित गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों के उपचार हेतु सरकारी चिकित्सालयों के साथ निजी चिकित्सालयों में भी एमओयू के तहत प्रदेश के निजी अस्पताल- जयपुर का फोर्टिज अस्पताल, महात्मा गांधी मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल,नारायणा हृदयालय, जैन ईएनटी अस्पताल, सहाय हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, आनन्द आई हास्पिटल एवं आई सेंटर, जोधपुर का गोयल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मेडिप्लस हास्पिटल, भरतपुर के राज जिंदल हास्पिटल तथा सिरोह माउंट आबू के ग्लोबल हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, गीतांजली मेडीकल कालेज उदयपुर में भी निःशुल्क उपचार सेवायें प्रदान की गयी हैं।

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