पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश शासन–अभियुक्त को बाइज्जज रिहा किए जाने की उम्मीद

पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश शासन–अभियुक्त को बाइज्जज रिहा किए जाने की उम्मीद

लखनऊ— मोहम्मद तारिक कासमी अभियुक्त अन्तर्गत अपराध संख्या 547/2007 थाना कैसरबाग लखनऊ को दिनांक 23-08-2018 को सत्र परीक्षण संख्या 913/2008 सपठित सत्र परीक्षण संख्या 1580/2008 में न्यायालय स्पेशल जज (एससी/एसटी एक्ट) लखनऊ महोदया द्वारा दोष सिद्ध किया गया। उस दिन कैदी मोहम्मद तारिक कासमी तथा मोहम्मद अख्तर वानी ने मुझे दोष सिद्ध का निर्णय सुनने के बाद सान्त्वना देते हुए टेंशन न लेने का मशवरा दिया और उम्मीद जताई की अपील में वे बाइज्जज रिहा किए जाएंगे।

मोहम्मद तारिक कासमी ने जेल में अपनी सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुकदमें की सुनवाई के दौरान उसने कुछ दिनों से अपनी शिकायत नहीं की है जबकि जेल अधिकारियों तथा एटीएस के लोगों से उसे हमेशा जान का खतरा बना रहता है। मोहम्मद तारिक कासमी द्वारा वरिष्ठ अधीक्षक जिला जेल लखनऊ की शिकायत उच्च अधिकारियों को किए जाने के कारण पहले उसे लखनऊ जेल में प्रताड़ित किया जाता रहा और बाद में उसका स्थानांतरण जिला जेल बाराबंकी में कर दिया गया जहां भी वह अपने को सुरक्षित महसूस नहीं करता।

मुझे विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि लखनऊ जेल के अंदर मोहम्मद तारिक कासमी की हत्या की योजना तैयार की गई है। योजना के अनुसार सजा सुनाने के बाद एटीएस के लोग अभियोजक के माध्यम से माननीय न्यायाधीश महोदया से लखनऊ जेल में रोकने का आदेश पारित कराएंगे और लखनऊ जेल में तनहाई में रखकर गला घोंटकर उसकी हत्या करेंगे। हत्या करने के बाद जेल अधिकारियों द्वारा उसे फांसी पर लटका दिया जाएगा और कहा जाएगा कि सजा का अवसाद बर्दाश्त न कर पाने के कारण बंदी मोहम्मद तारिक कासमी ने जेल में आत्म हत्या कर ली। ज्ञात हो कि जिला लेख लखनऊ में नौशाद तथा उसके अन्य साथी से भी तारिक की हत्या के प्रयास की साजिश जेल अधिकारियों द्वारा की जा चुकी है जिसकी स्वीकारोक्ति नौशाद आदि मेरे समक्ष कर चुके हैं।

उक्त मामला तारिक कासमी के जीवन से जुड़ा है। इसलिए आवश्यक है कि अविलंब इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर मोहम्मद तारिक का जीवन बचाया जाए। चूंकि आरडी निमेष जांच कमीशन रिपोर्ट की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिशों से पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग तारिक कासमी की जान लेना चाहता है और इससे पहले उसके सहअभियुक्त खालिद मुजाहिद की हत्या फैजाबाद जेल से लखनऊ जेल लाते समय पुलिस कस्टडी में की जा चुकी है जिसकी विवेचना लंबित है।

अतः निवेदन है कि उक्त मामले में तुरन्त हस्तक्षेप कर मोहम्मद तारिक कासमी की जान बचाई जाए तथा उसके साथी बंदी मोहम्मद अख्तर की भी उचित सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।

मुहम्मद शुऐब एडवोकेट
110/60 नया गांव ईस्ट, लखनऊ
9415012666

Related post

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज  : सुप्रीम कोर्ट

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ…
किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

फूलदेव पटेल–(मुजफ्फरपुर)—-“हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है. खेतों में सिंचाई…
लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 के दूसरे चरण में प्रदेश के छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में शुक्रवार, 26 अप्रैल…

Leave a Reply