नीति आयोग : मुख्यमंत्रियों के उप समूह की 5वीं एवं अंतिम बैठक

नीति आयोग : मुख्यमंत्रियों के उप समूह की 5वीं एवं अंतिम बैठक

देश में विकास को नई गति प्रदान करने की दिशा में केन्द्र पोषित योजनाओं के युक्ति-युक्तकरण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों के उप समूह की 5वीं एवं अंतिम बैठक नई दिल्ली में नीति आयोग में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में केन्द्र पोषित योजनाओं की संख्या को कम करने, राज्यों को अपनी आवश्‍यकता के अनुरूप योजनाओं का चयन करने की स्वतंत्रता एवं अपनी आवश्‍यकतानुसार नई योजना बनाकर प्रस्तुत करने की छूट, प्रशासनिक क्षमता के सुदृढ़ीकरण में केन्द्रीय सहयोग, फ्लेक्सी फण्ड, योजनाओं में लचीलापन लाना, जम्मू-कश्‍मीर जैसे सरहदी राज्य, बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े इलाकों की जरूरतों, उत्तर-पूर्वी राज्यों की आवश्‍यकताएँ और उनके अनुरूप योजनाएँ एवं केन्द्रीय सहायता सुलभ करवाने जैसे मामले पर गठित उप समूह के सभी सदस्यों ने अपनी-अपनी राय एवं सुझाव दिये।

उप समूह की 5 जुलाई को सी.ई.ओ. नीति आयोग की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें विभिन्न राज्य द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार कर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जायेगा। इसके बाद अंतिम रिपोर्ट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी जायेगी।

बैठक में अरुणाचल प्रदेश, झारखण्ड, नागालेंड, राजस्थान, मणिपुर, उत्तरप्रदेश, केरल राज्य के मुख्यमंत्रियों के अलावा अण्डमान निकोबार द्वीप समूह के उप राज्यपाल और जम्मू-कश्‍मीर के वित्त मंत्री ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले अपने-अपने विचार रखे। बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द पनगड़िया, आयोग की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सिन्धुश्री खुल्लर, विवेक देबोराय सहित आयोग एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

उप समूह के संयोजक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि गठित समूह की चार बैठक पहले ही की जा चुकी हैं, जिसमें सभी सदस्यों से रायशुमारी के बाद रिपोर्ट का खाका तैयार किया गया है। श्री चौहान ने कहा कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले विशेष प्रयास किये कि राज्यों के हितों का ध्यान रखा जाये। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय हितों को भी सर्वोपरि रखा गया है। इस संबंध में पहले वित्त मंत्रालय सहित केन्द्र पोषित योजना से संबंधित सभी मंत्रालयों के अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी राय जानी, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन के अंतिम समय में कोई बाधा न आ सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र के पास सीमित संसाधन हैं और हमें इन्हीं सीमित संसाधनों में योजनाओं के माध्यम से प्रदेश और देश का विकास करना है। श्री चौहान ने बताया कि मोटे तौर पर सभी राज्य विकास की योजनाओं पर एकमत हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्य की समस्याओं को सुलझाने के लिए देश उनके साथ है।

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