• September 28, 2016

नई कोयला वितरण नीति में संशोधन

नई कोयला वितरण नीति में संशोधन

कोयला मंत्रालय (पेसूका) ———– केन्द्रीय कोयला मंत्रालय ने नई कोयला वितरण नीति (एनसीडीपी)-2007 में संशोधन के संबंध में एक आदेश जारी किया है जिसका उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा नामित एजेंसियों (एसएनए) के माध्यम से कोयला बिक्री की सरकारी सीमा 4200 टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 10000 टन करना है। कोयले की वार्षिक सीमा बढ़ाने के अलावा मंत्रालय ने नई कोयला वितरण नीति (एनसीडीपी) में संशोधन करते हुए लघु और मध्यम क्षेत्र की जगह लघु, मध्यम तथा अन्य क्षेत्रों कर दिया है।

मंत्रालय ने कल आदेश जारी करते हुए कहा कि उपरोक्त निर्देश सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) से कोयले के वितरण के लिए भी लागू होगा।

एनसीडीपी ने कोयला मंत्रालय के ज्ञापन संख्या 23011/4/2007-सीपीडी तारीख 18 अक्टूबर 2007 को जारी किया था जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लिए कोयले के वितरण और मूल्य निर्धारण हेतु दिशानिर्देश दिए गये हैं। नीति के अनुसार, राज्य नामित एजेंसियों के माध्यम से कार्यक्षेत्र का दायरा प्रतिवर्ष 4200 टन तक बढ़ा दिया गया था।

उपभोक्ताओं और राज्य सरकारों की ओर से केन्द्रीय कोयला मंत्रालय से यह अनुरोध किया गया था कि एनसीडीपी-2007 में जो दिशा निर्देशों दिए गए हैं उनपर पुनर्विचार किया जाये।

इस संशोधन के लिए जो तर्क आदेश में दिए गये उसके जरिए जिनकी जरूररत 4200 टन प्रति वर्ष से कम है वे ही एसएनए से कोयला ले सकते हैं, वैसी बड़ी इकाईयां जिसकी जरूरत 4200 टन प्रति वर्ष से कम है जिला उद्योग केन्द्र (डीआईसी) से कोयला नहीं ले रहे थे। इसके अलावा, उन छोटी (लघु) इकाइयों के लिए जिनकी आवश्यकता 4200 टन प्रति वर्ष से कम है को संशोधित किए जाने की जरूरत है।

इस संशोधन को सरकार द्वारा कारोबार करना आसान बनाने के लिए एक प्रमुख कदम के रूप में देखा जा रहा है जिससे लघु, मध्यम और अन्य क्षेत्रों को भी ज्यादा से ज्यादा कोयला उपलब्ध हो सकेगा।

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