विकास में बैंकों की बड़ी भूमिका है:- मुख्यमंत्री

विकास में बैंकों की बड़ी भूमिका है:-  मुख्यमंत्री

पटना—(बिहार)——–:-मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार होटल मौर्या, पटना में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा आयोजित 64वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक में शामिल हुये। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने कहा कि अनेक वर्षों से मैं एस0एल0बी0सी0 की बैठक में शामिल होता रहा हॅू एंव 64वीं बैठक में शामिल हुआ हॅू।

एस0बी0आई0 के महाप्रबंधक ने बैंकों से संबंधित समस्या बताई, राज्य सरकार की तरफ से वित्त मंत्री एवं विभाग के प्रधान सचिव ने बैंकों से संबंधित पक्ष रखा। रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक ने आॅकड़े के मिलान में गड़बड़ी के बारे में जिक्र किया और भी बैंकों से जुड़ी समस्याओं को विस्तार से रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में बैंकों की सेवा महत्वपूर्ण होती जा रही है। हम-लोगों ने वर्ष 2006 से ही कई योजनायें बैकों के माध्यम से चलाने का प्रयास किया लेकिन उसमें उनका सहयोग नहीं मिला। बिहार में नकद भुगतान के द्वारा कई योजनाओं को क्रियान्वित किया गया। 2008 में साइकिल योजना 2000 रूपये नकद भुगतान के द्वारा शुरूआत की गई। लोगों को आषंका थी कि यह रूपया साइकिल में नहीं खर्च किया जायेगा लेकिन पहले वर्ष में इस नकद वितरण के द्वारा 96 प्रतिषत साइकिल खरीद की गई। हमलोग समाज कल्याण, वृद्धा पेंषन, छात्रवृति योजना जैसी कई अन्य योजनायें नकद भुगतान के द्वारा केन्द्र की योजना के पहले से संचालित करते रहे हैं। एक निर्धारित तिथि को ब्लाॅक में या निर्धारित जगह पर बुजुर्ग, स्वतंत्रता सेनानी, सेवानिवृत व्यक्ति या अगर कोई जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहना चाहे तो उनके समक्ष नकद वितरण किया जाता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर0टी0जी0एस0 एक उपयोगी योजना है। केन्द्र के द्वारा डायरेक्ट बेनीफिट स्कीम शुरू किया गया है। इसके लिए मुझे खुषी है। बिहार आपदा बाहुल्य राज्य है। खासकर बाढ़ यहां अक्सर आते रहता है, वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी आई थी और उसमें आपदा पीड़ित परिवारों को नकद भुगतान किया गया था। पिछले वर्ष राज्य के सीमावर्ती जिलों में भयानक बाढ़ आई थी, यह फ्लैष फ्लड था। 38 लाख परिवारों को 6 हजार रूपये प्रति परिवार की दर से आर0टी0जी0एस0 के द्वारा भुगतान कराया गया। इसके लिए हमारे अधिकारीगण बैंकों के निरंतर सम्पर्क में लगे रहे। बैंकों को इस बात का ख्याल रखना होगा कि पैसे का भुगतान समय के अंदर हो, जल्द से जल्द ट्रांसफर हो, उसके लिए निचले स्तर पर व्यवस्था को दुरूस्त करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी एक बैंक कर्मचारी की हत्या के बारें में जिक्र किया गया।
उसकी पूरी तहकीकात कर ली गई है, तुरंत गिरफ्तारी होगी। कोई भी नहीं बचेगा। आपको सुरक्षित रखने में हमलोग किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राहक सेवा केन्द्र के द्वारा धांधली की षिकायत अक्सर मिलती है। हम चाहेंगे कि ग्राहक सेवा केन्द्र का ठीक से गठन हो, इसमें काम करने वाले लोगों की जानकारी प्रषासन को भी दी जाये ताकि उनका फीडबैक प्रषासन भी पता कर सके और वे फर्जीवाड़ा नहीं पर पाये।सरकार द्वारा दी जाने वाली राषि जो बैंकों के माध्यम से जनता को मिलती है, अगर कोई गड़बड़ी होती है तो जनता सरकार को सीधा जिम्मेदार मानती है, जबकि गड़बड़ी बैंकवालों के द्वारा होती है। इन सब चीजों पर भी आप लोगों को चर्चा करनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 1/6 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया जा चुका है। आप चाहे तो उसमें ब्रांच खोलियें, कोई किराया नहीं लिया जायेगा। हर एक ग्राम पंचायत में अगर बैंक का ब्रांच होगा तो लोगों को काफी सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 08 लाख से अधिक जीविका समूह का गठन किया जा
चुका है और इसे 10 लाख गठन करने का लक्ष्य है। हमलोगों ने वर्ष 2006 में वल्र्ड बैंक से कर्ज लेकर 06 जिलें एवं 44 ब्लाॅक में जीविका योजना शुरू की थी। प्रभावी तरीके से काम शुरू किया गया। स्वयं सहायता समूह का संचालन कारगर ढ़ंग से किया गया और केन्द्र सरकार ने इससे प्रभावित होकर आजीविका योजना शुरू की। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अभी तक 80 लाख से ज्यादा परिवार जुड़ चुके है। इससे जुड़ी गांव की महिलायें बैंकों की कार्यप्रणाली एवं शब्दावली को पढ़े-लिखे लोगों से भी बेहतर ढ़ंग से समझती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रेडिट डिपोजीट रेषियो बिहार में 50 प्रतिषत से भी कम है।
इसे बढ़ाने के लिए आप लोग ध्यान दीजिये। राष्ट्रीय औसत 70 प्रतिषत है। हमारे राज्य के लोगों में कर्ज लेने की प्रवृति ज्यादा नहीं है, जो लेना भी चाहते है, उसके लिए आपलोगों ने कड़े माप दण्ड तय कर रखें है। उसमंे उन्हें काफी परेषानी होती है। आप लोग बड़े-बड़े लोगों को बड़ी-बड़ी राषि कैसे आसानी से उपलब्ध कराते है। इसका घोटाला भी अभी सामने आया है। बिहार के लोग बैंकों पर बहुत भरोसा करते है। आज भी बैंक उनका सबसे विष्वसनीय जगह है, जहां पैसा जमा करते है और हमारे राज्य के जमा पैसों को आप विकसित राज्यों में देते है। क्रेडिट डिपोजीट रेषियो को बिहार में बढ़ाने पर ध्यान दे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सात निष्चय योजना के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
चलायें, जिसमें आप लोगों को पिछले बार की बैठक में भी 100 रूपये की जगह 160 रूपये की गारंटी दिया, फिर भी बैैंकों द्वारा कोई सहयोग नहीं मिला। राज्य का ग्राॅस इनराॅलमेंट रेषियो अभी 14.3 प्रतिषत है, हमलोगों को लक्ष्य इसे बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर से ऊपर ले जाना है। आप लोग का सहयोग मिलता तो हमारे विद्यार्थियों को कर्ज लेने में कोई परेषानी नहीं होती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देष में विकास के लिए जो धनराषि सरकार मुहैया कराती है
उसके सही आवंटन के लिए आपको अपने तंत्र को सुदृढ़ करना होगा। आप आॅटोनोमस है,ऊपर से नीचे तक इन चीजों को देखना होगा। हमलोग प्रषासनिक गड़बड़ी होने पर तत्काल कार्रवाई करते है ताकि प्रषासन सुदृढ़ ढ़ंग से काम कर सके। नोटबंदी का हमने समर्थन किया था लेकिन बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ जितना मिलना चाहिये उतना नहीं मिल पाया। उन्हांेने कहा कि देष की प्रगति में बैंकों की बड़ी भूमिका है। सिर्फ जमा, निकासी एवं ऋण प्रदान करना सिर्फ आपका कार्य नहीं है बल्कि एक-एक योजना में आपकी भूमिका बढ़ गयी है। सामाजिक सुधार, देष के विकास में आपकी भूमिका है। आपलोगों को इसके लिये बैंकों के ब्रांचों की संख्या एवं कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। बैंकिंग संस्थान को और मजबूत करने की जरूरत है। बैंकों की भूमिका दिन प्रतिदिन और बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर0बी0आई0 के मानक के अनुसार पाॅच हजार की आबादी पर बैंक की शाखा होनी चाहिये। देष में ग्यारह हजार की आबादी पर शाखा है और बिहार में सोलह हजार की आबादी पर शाखा है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बैंकों की संख्या कितनी तेजी से बढ़ानी पड़ेगी। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा बढ़ाने के लिये राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी, इसके लिये निर्णय आपको करना होगा। नकद साख जमा अनुपात गोपालगंज, सीवान एवं सारण जिले में पचास प्रतिषत से भी कम है, इसका भी अध्ययन कराइये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को सूक्ष्य उद्योग के लिये आपकी तरफ से सहयोग
होना चाहिये। हमारे यहाॅ बड़ी पूॅजी लगाने वाले लोग बहुत कम हैं। छोटी राषि में पूॅजी
लगाकर राज्य में सूक्ष्म उद्योग की काफी संभावना है। पिछले दस वर्षों से हमारा विकास दर दहाई की संख्या में है। हमलोगों ने राज्य में विकेन्द्रीकृत तरीके से विकास किया है। उदाहरण के तौर पर राज्य में स्कूल भवनों का निर्माण स्थानीय स्तर पर गठित षिक्षा समिति के द्वारा कराया गया है।

हमलोगों ने राषि उपलब्ध कराई और उन्हें पाॅच डिजाइन दिया कि इसमें स्थानीय अनुसार जो समुचित लगे, उसको अपनाकर निर्माण करायें। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिला और बिल्डिंग स्ट्रक्चर का कारोबार शुरू हुआ। लोगों की आमदनी बढ़ी, इससे क्रय शक्ति बढ़ी और व्यापार बढ़ा। नीचे के स्तर से आमदनी बढ़ने से नीचे के स्तर से शुरू हुआ।

हमारा राज्य लैंडलाॅक प्रदेष है।

विषेष राज्य की सुविधा के बिना कोई बड़ी पूॅजी उद्योगपति आकर यहाॅ नहीं लगायेगा। छोटे उद्योगों की बड़ी संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। सात निष्चय के अन्तर्गत उद्यमिता के लिये दस लाख रूपये तक सहायता का निर्णय लिया गया है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के उद्यमिता के लिये पाॅच लाख रूपये तक की गारंटी दी गयी है और पाॅच लाख रूपये तक का ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा। हमलोगों की तो कोषिष है ही लेकिन आपके सहयोग के बिना यह सब संभव नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस 64वीं बैठक से हमारी पूरी उम्मीद है। माइक्रो लेवल पर
माॅनिटरिंग कीजिये। अगर बैंकों के द्वारा बड़ी राषि कहीं ले जाया जाय तो इसकी सूचना
स्थानीय थाना को कर देनी चाहिये ताकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई गड़बड़ी नहीं हो सके। हमारे राज्य के विकास में आपकी बड़ी भूमिका है। आपके सहयोग से और बेहतर स्थिति बनेगी। बिहार की तरक्की के बिना देष की तरक्की संभव नहीं है। आप जरूर इन सब चीजों पर गौर कीजिये। आपकी सुरक्षा हमलोगों की जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया गया। कार्यक्रम को उप
मुख्यमंत्री श्री सुषील कुमार मोदी, प्रधान सचिव वित्त श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, क्षेत्रीय निदेषक भारतीय रिजर्व बैंक श्री एन0पी0 टोप्पो, मुख्य महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक श्री संदीप तिवारी ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री प्रेम कुमार, षिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, उद्योग मंत्री श्री जय कुमार सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेषक श्री के0एस0 द्विवेदी, विकास आयुक्त श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वितीय सेवा विभाग के निदेषक श्री सुधीर श्याम, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री एस0के0 मजूमदार एवं अन्य प्रधान सचिव/सचिव, बैंकों के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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