• December 31, 2015

उदयपुर – जनजाति क्षेत्रीय विकास को मिले नए आयाम – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

उदयपुर – जनजाति क्षेत्रीय विकास को मिले नए आयाम  – डॉ. दीपक आचार्य  उप निदेशक

सू०ज०वि०(उदयपुर) –  प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों का समग्र विकास और जनजाति वर्ग का बहुमुखी उत्थान प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है।

सरकार ने राजस्थान के जनजाति क्षेत्रों की आधारभूत सुविधाओं के विकास व विस्तार के  साथ ही जनजाति कल्याण को लेकर व्यक्तिगत लाभ की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी सूत्रपात किया है वहीं जनजाति क्षेत्रों में सामुदायिक विकास की विभिन्न गतिविधियों का प्रभावी ढंग से संचालन किया जा रहा है। जनजाति विद्यार्थियों से लेकर जनजाति वर्ग के आम लोगों और जनजाति बहुल इलाकों में सरकार की योजनाएं सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही बहुआयामी तरक्की को मूर्त रूप दे रही हैं। 

जनजाति क्षेत्रीय विकास गतिविधियों ने दिया सुनहरा विकास

जनजाति विद्यार्थियों के लिए प्रतिभा उन्नयन और शैक्षिक गतिविधियों में सम्बलन की दृष्टि से व्यापक प्रयास जारी हैं। खासकर विगत दो वर्ष में उदयपुर जिले में जनजाति कल्याण की दिशा में सार्थक उपलब्धियां सामने आयी हैं।TAD UDR  (4)

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग में आश्रम छात्रावासों में 3 हजार 231 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। इस पर 1519.14 लाख की धनराशि व्यय हुई। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस गतिविधि के लिए 898.50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

जनजाति खेल छात्रावासों में दक्ष विशेषज्ञोें द्वारा तीरंदाजी एवं एथलेटिक्स वर्ग में सम्पूर्ण राज्य के कक्षा 6 से 12 तक के जनजाति खिलाड़ी बालकों को प्रवेश दिया जाता हैं। जिले में संचालित दो खेल छात्रावासों में 2014-15 में 100 छात्रों ने प्रवेश लिया। इन पर 33.41 लाख रुपए की धनराशि व्यय की गई। चालु वित्तीय वर्ष में इसके लिए 71.45 लाख रुपए धनराशि का प्रावधान किया गया है।

आवासीय विद्यालयों में नवोदय पैटर्न पर अध्ययन मुफ्त आवास भोजन व अन्य सुविधाओं के तहत कक्षा 6 में पूर्व परीक्षा के माध्यम से मेरिट बेस पर तीन आवासीय विद्यालयों में प्रवेश की व्यवस्था है। वर्ष 2014-15 में 913 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। इस पर 338.64लाख रुपए की धनराशि व्यय की गई है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 468.41 लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान है। नवीन मॉडल पब्लिक रेजिडेन्शियल स्कूल ढीकली में वर्ष 2014-15 में 191 छात्राओं ने प्रवेश पाया है। इस पर 59.28 लाख की धनराशि व्यय की गई है। इस हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए78.71 लाख का प्रावधान है।

अनूसूचित क्षेत्र में माँ बाड़ी योजनान्तर्गत जनजाति वर्ग के जागरुकता अभाव वाले परिवारों के बालक-बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने व कुपोषण से बचाने के लिए स्वच्छ परियोजना के तहत गाँवों में माँ बाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इससे वर्ष 2014-15 में 857.27लाख की राशि आवंटित हुई। जनजाति छात्रों को महाविद्यालयों में अध्ययन के दौरान मकान किराया पुनर्भरण की योजनान्तर्गत 3000 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुई। इस पर 99.68 लाख रुपए व्यय हुए। वर्तमान सत्र के लिए इस पर 120  लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान है।

बोर्ड एवं विश्वविद्यालय में सामान्य शिक्षा के दौरान प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के अगली कक्षाओं में प्रवेश पर प्रोत्साहन राशि की योजना में 106 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। इन पर 3.71 लाख रुपए की राशि व्यय हुई। इस वर्ष के लिए इस योजना में 12.25 लाख रुपए का प्रावधान है।

उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता की योजना में 3  हजार 350 जनजाति छात्राएं लाभान्वित हुई।   इन 167.50 लाख की धनराशि व्यय हुई। इस वर्ष के लिए इसमें 110 लाख का प्रावधान किया गया है।

आश्रम छात्रावासों में अध्ययनरत छात्राओं को कोचिंग की योजना में 1 हजार 774 छात्र लाभान्वित हुए।  इन पर 74.33 लाख की धनराशि व्यय हुई।  गत वर्ष 26  जनजाति छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी वितरण से लाभान्वित किया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए26 लाख की धनराशि का प्रावधान है। बुनियादी संरचनाओं के विकास की दृष्टि से विशेष केन्द्रीय सहायता के तहत 69 तथा जनजाति कल्याण निधि के तहत 17 निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं।

जनजाति कृषक कल्याण

विशेष केन्द्रीय सहायता के तहत एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न कृषि विकास कार्यक्रमों के लिए 884.62 लाख का प्रावधान है। सब्जी विकास कार्यक्रम के तहत कृषकों को 30.37 लाख का सब्जी फसल आदान का वितरण किया गया।TAD UDR  (3)

बाड़ी विकास (फलोद्यान) योजनान्तर्गत 2014-15 में 100 लाख आवंटित तथा 2015 में भी 100 लाख का प्रावधान है। पशुपालन के क्षेत्र में कृत्रिम गर्भाधान  गतिविधियों के लिए चालु वित्तीय वर्ष में 144.60 लाख का प्रावधान है।

ब्लास्टिंग द्वारा कृषि कूप गहरा कराने संबंधी कार्यो के लिए 2014-15 में 1 हजार 178 कुओं पर ब्लास्टिंग की गई।  इस पर132.18 लाख की धनराशि व्यय हुई।

डीजल/विद्युत पम्पसेट्स पर अनुदान योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में 87.36 लाख रूपये व्यय कर 369 परिवारों को लाभान्वित किया गया। चालु वित्तीय वर्ष में इस योजना पर 185.50 लाख रुपए का प्रावधान है।

वनीकरण योजनान्तर्गत उदयपुर के नाल सांडोल, केवड़ा की नाल में पर्यटन विकसित किया जा रहा है। इन स्थलों पर वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति व स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भोजन, आवास, नेचर गाइड़ की सुविधाएं पर्यटकों को उपलब्ध करायी जाकर आय में वृद्धि की योजना है। इस योजनान्तर्गत 277.42 लाख व्यय हो चुका है जबकि 2015-16 में 362 लाख का प्रावधान है।

विभिन्न विभागों की ओर से जनजाति क्षेत्रीय विकास से संबंधित गतिविधियां व्यापक पैमाने पर चलाई जा रही हैं जिनसे क्षेत्र में बदलाव आने के साथ ही जनजाति वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक विकास की धाराओं ने वेग पाया है।

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