• March 19, 2016

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-चहुंमुखी विकास के लिए नीतियां जारी

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-चहुंमुखी विकास के लिए नीतियां जारी

जयपुर — (सूचना ब्यूरो)———-उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश में उद्योगों के चहुंमुखी विकास के लिए कई नीतियां जारी की गई हैं, प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है, भूमि की सरल उपलब्धता के लिए लैंड बैंक बनाया गया है और आधारभूत सुविधाओं का विकास किया गया है। इससे प्रदेश में रोजगार सृजन और निवेश का अच्छा वातावरण तैयार हुआ है।

उन्होंने बताया कि उद्योगों को प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई की सामाजिक विकास एवं रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए अनेक प्रयास किए गए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इन सभी प्रयासों के फलस्वरूप राज्य तीव्र गति से समृद्धि की ओर बढ़ेगा। उद्योग मंत्री सदन में मांग संख्या-42 उद्योग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे।

 बहस के बाद सदन ने उद्योग की 3 अरब  24 करोड़ 74 लाख 87 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। इससे पहले श्री खींवसर ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मांग के संबंध में जो कटौती प्रस्ताव सदन में आए हैं, उनका अध्ययन कराकर जवाब भिजवाया जाएगा। श्री खींवसर ने रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट की सफलता को रेखांकित करते हुए कहा कि अब तक 3.3 लाख करोड़ रुपए के 470 एमओयू साइन हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने गंभीर निवेशकों का चयन कर उनके साथ एमओयू किए हैं और इसी का परिणाम है कि लगभग 60 प्रतिशत निवेशकों ने अपने उद्योगों के लिए भूमि चयन का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन एमओयू की प्रगति पर सतत निगरानी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 का उद्देश्य नए उद्योगों को लाना और स्थापित उद्योगों का विस्तार है और हम उद्देश्य में सफल रहे हैं। इसके तहत उद्योगों को कस्टमाइज्ड पैकेज दिए गए हैं और उद्योगों पर निवेश और रोजगार सृजन की शर्तें लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ही स्थानों तक निवेश सीमित नहीं रहे, इसके लिए पिछड़े और अति पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी विशेष पैकेज दिए गए हैं।
उद्योग मंत्री ने बताया कि राजस्थान में उद्योग जगत इसलिए लाभ की स्थिति में है, क्योंकि यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नजदीक है, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक क्षेत्र का 39 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश से होकर गुजरता है, राज्य सरकार ने श्रम कानूनों में सुधार किया है, यहां भूमि की उपलब्धता अच्छी है और कीमत कम है, कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है तथा सरकार की नीतियां उद्योगों के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जापानी जोन और कोरियाई जोन आने से निवेश का सकारात्मक माहौल बना है।
श्री खींवसर ने बताया कि वल्र्ड बैंक की रिपोर्ट में राजस्थान को ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ के लिए छठा स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि एकल खिड़की के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और उनका समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने बताया कि नौजवान उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए स्टार्टअप पॉलिसी लाने के मामले में राजस्थान का देश में चौथा स्थान है। उन्होंने बताया कि सीतापुरा, जयपुर में स्टार्टअप ओएसिस की शुरूआत की गई है, जिसमें 40 स्टार्टअप शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पांच साल में प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर सेंटर की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर जिला मुख्यालय पर स्टार्टअप सेंटर शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रीको और वस्त्र उद्योग के माध्यम से कौशल विकास का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में इन्टीग्रेटेड स्कीम में 11 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठित नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन जयपुर में 50 एकड़ भूमि में स्थापित किया जा रहा है।
श्री खींवसर ने कहा कि प्रदेश में 329 रीको इंडस्टि्रयल एरिया हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के शुरुआती समय में लैंडबैंक लगभग शून्य था, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 7113 हैक्टेयर किया है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष तक इसे 10 हजार हैक्टेयर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई इंडस्टि्रयल कॉरिडोर में खुशखेड़ा-नीमराणा-भिवाड़ी एवं जोधपुर-मारवाड़ जंक्शन-पाली में प्रथम चरण का कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि कोटकासिम के पास एयरपोर्ट बनाया जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को रीढ़ बताते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4 लाख 22 हजार छोटे उद्योग हैं, जबकि बड़े उद्योग सिर्फ 340 हैं। उन्होंने बताया कि छोटे उद्योग 24 हजार करोड़ की पूंजी के साथ 19 लाख लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जबकि बड़े उद्योग 12 हजार 294 करोड़ की पूंजी के साथ 2 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं जयपुर, जोधपुर और अजमेर में शुरू कर दी गई हैं और अगले ढाई वर्ष में हर जिले में एमएसएमई के लिए यह व्यवस्था होगी।  उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योगों के सामाजिक दायित्व के निर्वहन को सुनिश्चित करने के लिए सीएसआर पोर्टल बनाया गया है, जिसमें इससे जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध है।  जोधपुर एयरपोर्ट की हवाई पट्टी के विस्तार के विषय में उन्होंने बताया कि फिलहाल वहां दो हवाई पट्टी हैं, जिसे बढ़ाकर 8 किया जाएगा।
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