संसदः पक्ष और विपक्ष का अतिवाद —- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
संसद का यह वर्षाकालीन सत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होना था लेकिन वह प्रतिदिन निरर्थकता की ओर बढ़ता चला जा रहा है।
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