लेखक के कलम से

चीन की कमज़ोर नब्ज़ पर वार करने की जरूरत —– सज्जाद हैदर— (वरिष्ठ पत्रकार एवं

चीन को धूल चटाना यदि इतना आसान नहीं, तो नमुमकिन भी नहीं। भारत चीन को धूल आसानी के साथ चटा
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बंजर रेगिस्तान का अमृत है पीलू — गणपत गर्ग

पोकरण, राजस्थान —– पश्चिमी रेगिस्तान की भूमि भले ही बंजर हो, लेकिन प्रकृति ने इस क्षेत्र को भी कुछ अनमोल
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आत्मनिर्भर होने के मायने तलाशने होंगे——- डॉ नीलम महेंद्र (लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार हैं)

आजकल देश में सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर चीन को बॉयकॉट करने कीमुहिम चल रही है। इससे पहले कोविड
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पिता प्रेम है, प्यार है — राहुल गढ़वाल

पिता प्रेम है, प्यार है… पिता प्रेम है, प्यार है, जीवन का आधार है। पिता वो वृक्ष है, जो छाया
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योग ,ध्यान से तनाव मुक्ति—योगिनी अलका सिंह

दिल्ली ——आज पूरा विश्व मानसिक तनाव को झेल रहा है, इससे मुक्ति का सरल समाधान सिर्फ एक ही है वह
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गांव में होम क्वारंटाइन का मतलब —- राजेश निर्मल

(चरखा फीचर) —- जब भारत में करोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे,तब होम क्वारंटाइन जैसा एक शब्द आंधी की
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कारावास नहीं है क्वारंटाइन सेंटर —- फौजिया रहमान खान

गया—- कोरोना संक्रमण का खौफ लोगों पर इस कदर हावी है कि दूसरे राज्यों से आने वाले अपने सगे संबंधियों
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आज भी महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं रानी लक्ष्मीबाई——– डॉ नीलम महेंद्र (लेखिका वरिष्ठ

आसान नहीं होता एक महिला होने के बावजूद पुरूष प्रधान समाज मेंविद्रोही बनकर अमर हो जाना। आसान नहीं होता एक
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महामारी के बीच उलझता जीवन —-सज्जाद हैदर— (वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्र चिंतक) —-सज्जाद हैदर

कोरोना की मार आज के समय में अपने चरम पर पहुँच रही है। पूरा विश्व इस गंभीर समस्या से पीड़ित
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सबकी जुबां पर बस एक ही बात ‘सु-शांत’ आखिर ऐसा क्यों किया ?– -मुरली मनोहर

सुशांत तुम्हारे चले जाने की जैसे मनहूस खबर आयी, मुझे गुजरे कल की बातें याद आने लगी। तुमसे हुई चंद
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