- August 5, 2015
सड़कों के निर्माण के लिए पाँच सौ करोड़ की राशि मंजूर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में सड़कों के निर्माण के लिए पाँच सौ करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की गई। मंत्रि-परिषद ने एमडीआर (मुख्य जिला मार्ग) योजना में 264.6 किलोमीटर की 8 सड़क के लिए 501 करोड़ 13 लाख रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
इसमें 30.6 किलोमीटर की देवास-विजयागंज मंडी मार्ग निर्माण के लिए आकलित निर्माण लागत 59 करोड़ 83 लाख, ग्वालियर में 8.04 किलोमीटर के एनएच-3 चौधरी ढाबा से विक्की फेक्ट्री तिराहा तक मार्ग के लिए 56 करोड़ 66 लाख, 7.26 किलोमीटर के विक्की फेक्ट्री तिराहा से एन.एच.-75 मालवा इंजीनियरिंग कॉलेज तक के लिए 55 करोड़ 40 लाख, 30 किलोमीटर के रतलाम-धनासुता मार्ग के लिए 55 करोड़ 48 लाख, 60 किलोमीटर के मलहरा लोंडी-चंदला-अजयगढ़ मार्ग के लिए 65 करोड़ 98 लाख, 44.80 किलोमीटर की चन्दला सरवई-गौरिहार-चन्द्रपुरा यूपी बार्डर मार्ग के लिए 54 करोड़ 53 लाख, 51 किलोमीटर के गौरझामर-केमलीटड़ा-सियारमऊ टू-लेन मार्ग के लिए 81 करोड़ 26 लाख
और 32.90 किलोमीटर के मंदसौर-संजीत मार्ग निर्माण के लिए 71 करोड़ 99 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति शामिल है।
मंत्रि-परिषद ने बालाघाट जिले में नक्सली गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण के लिए भारत रक्षित वाहिनी (एस.आई.आर.बी.) के गठन का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के करीब ढाई लाख चालक-परिचालक के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मोटरयान चालक-परिचालक कल्याण योजना 2015 का अनुमोदन किया। इसमें व्यावसायिक आधार पर वाहन चलाने के लायसेंस/परिचालक, लायसेंस लेकर खुद के स्वामित्व का परिवहन यान या ट्रांसपोर्ट कम्पनी/एजेंसी का वाहन चलाने या संबंधित कार्य करने वाले शामिल होंगे। यह वर्ग असंगठित श्रमिक वर्ग की श्रेणी में आता है जिन्हें सामाजिक सुरक्षा सुविधाएँ मिलेंगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चालक-परिचालक की राज्य-स्तरीय महा पंचायत में इस संबंध में घोषणा की थी। योजना में चालक-परिचालक को बीमा, बीमारी सहायता, कन्या विवाह सहायता, कौशल उन्नयन, स्व-रोजगार के लिए ऋण और उनके बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।
मंत्रि-परिषद ने सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये व्यापक रुचि को देखते हुए आवश्यक परियोजना आवंटित करने का निर्णय लिया। प्रदेश में वर्ष 2022 तक 10 हजार मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की स्थापना में इन संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान होगा। ‘ईज ऑफ डूइंग’ के अनुरूप इन संस्थाओं द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की सुगमता को देखते हुए नवकरणीय ऊर्जा नीतियों में इन संस्थाओं द्वारा परियोजना आवंटन के लिए किसी भी समय आवेदन का प्रावधान किए जाने का मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया। मध्यप्रदेश शासन इन संस्थाओं के साथ हिस्सेदारी कर परियोजना स्थापित करेगा। शासन के उपक्रम मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ ज्वाइंट वेन्चर कम्पनी अथवा परियोजना के लिए संयुक्त स्वामित्व अनुबंध कर परियोजनाएँ स्थापित की जा सकेगी।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश स्टाम्प विधेयक 2009 पर अनुमति रोक लेने के संबंध में गृह मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध करने का निर्णय लिया। इस संबंध में विधि विभाग जरूरी कार्यवाही करेगा।
मंत्रि-परिषद ने डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान, महू को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय का स्वरूप देने का निर्णय लिया। विश्वविद्यालय को अध्यादेश द्वारा क्रियाशील किया जाएगा।