- April 11, 2015
अनुसूचित जाति, अनुसचित जनजाति व पिछड़ी जाति की सूचियों में अलग-अलग संशोधन
जयपुर -सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किये जा रहे है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग से उक्त जातियों की सूची प्राप्त होने के उपरान्त जातियों के संबंध में पूर्व में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी अधिसूचनाओं में वर्णित जातियों के नाम एवं उनकी स्पैलिंग के अन्तर को संशोधित कर भिजवाया गया था, ना कि जातियों की कोई नवीन संशोधित सूची भिजवाई गई है।
एक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने राजस्थान राज्य की अनुसूचित जाति, अनूसचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की संशोधित सूची सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को जारी कर भिजवायी गयी है। इसमें कुछ जातियों के नाम में संशोधन प्रकाशित किया गया है।
इससे लोगों में संशय की स्थिति उत्पन्न हुई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने स्पष्ट करते हुए बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में कुछ जातियों के नाम हिन्दी एवं अंग्रेजी में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी अधिसूचनाओं में अंकितानुसार नहीं थे तथा उनके नामों में हिन्दी में वर्तनी अशुद्घि एवं अंग्रेजी में स्पैलिंग त्रुटियां अंकित थी। जबकि प्रकाशित समाचार में बताया गया है कि विभाग द्वारा संशोधित सूची जारी की गयी है। इसके अलावा कुछ जातियों के नाम भी प्रकाशित किये गये है।
इस समाचार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का वर्गीकरण नहीं प्रकाशित हुआ है, जो कि सही नहीं है। जबकि अनुसूचित जाति, अनुसचित जनजाति व पिछड़ी जाति की सूचियों में अलग-अलग संशोधन किया गया है।
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