- March 10, 2015
सदन में कश्मीर बबाल पर जबाब : देश की एकता और अखंडता में कोई समझौता हमें मंजूर नहीं- प्रधानमन्त्री
मेरा इस सदन के माननीय सदस्यों से आग्रह है कि आप समय आने पर अवश्य राजनैतिक टिपण्णियां करें। भारतीय जनता पार्टी वहां पर सरकार में हिस्सेदार है, इसके लिए आप भरपूर आलोचना भी करें, और वो आपका हक है और होना भी चाहिए। लेकिन हम ऐसा न करें कि देश की एकता के संबंध में हमारे भिन्न स्वर हैं, यह message न दुनिया में जाना चाहिए, न कश्मीर में जाना चाहिए, न देश में जाना चाहिए। और इसलिए मैं इस सदन को और पूरे देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह सरकार ऐसी किसी भी हरकतों को स्वीकार नहीं करती है। देश की एकता और अखंडता में कोई समझौता हमें मंजूर नहीं है। संविधान की मर्यादाओं में ही कदम उठाए जाते हैं, आगे भी उठाए जाएंगे।
दूसरा… मोदी जी चुप क्यों हैं? मैंने उस सदन में भी इस विषय में विस्तार से अपनी बात कही थी। और इसलिए ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमें चुप रहना पड़े। हम इन विषयों में वो लोग है, जिन्होंने इन्हीं आदर्शों के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बलि दिया है। और इसलिए कृपा करके हमें देशभक्ति मत सिखाएं। और मैं आपको कहना चाहता हूं हमने कुछ बातों का clarification मांगा है, और जैसे माननीय गृहमंत्री जी ने कहा वो clarification आने के बाद वे भी सदन को जानकारी दी जाएगी।
और इसलिए मैं फिर एक बार कहता हूं यह आक्रोश किसी दल का नहीं है, यह आक्रोश देश का है। यह आक्रोश उस bench का और उस bench का नहीं है, यह आक्रोश पूरे सदन का है। और हम एक स्वर से अलगाववादी ताकतों को, अलगाववाद को समर्थन करने वालों को, और कानून का दुरुपयोग करने वालों को हम हमारा आक्रोश अभिव्यक्त करते हैं और आने वाले दिनों में सदन जो एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है, उसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे यह सरकार उठाएगी।