- March 1, 2015
वित्त मंत्रालय : बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं
· पिछले नौ माह में भारतीय अर्थव्यवस्था की साख बढ़ी।
· भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र विकास के पथ पर प्रशस्त है।
· कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के अधिकांश विकास संकेतक उन्नति के मार्ग पर।
· भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में आर्थिक रूप से सशक्त राज्यों की समान रूप से सहभागिता।
· प्रतिकूल वृहद आर्थिक संकेतकों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ‘’नियति और निराशा’’ के दौर में थी, किंतु पिछले नौ महीनों में देश कामयाबी की छलांग लगाते हुए 7 दशमल चार प्रतिशत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के साथ अब नई श्रृंखला में विश्व की सबसे बड़ी और तेजी से उभरने वाली अर्थवस्था के रुप में सामने आया है।
· शेयर बाजार में 2014 में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।
· दीर्घकालिक गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और दोहरे अंकों की विश्वसनीय आर्थिक विकास दर हासिल की गई।
· विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर सेवा के माध्यम से सरकार ने जनता का विश्वास हासिल किया।
· वित्तीय समायोजन- सौ दिनों के भीतर 12 दशमलव पांच करोड़ परिवारों को वित्तीय मुख्य धारा में शामिल गया।
· राज्यों के संसाधनों में वृद्धि के लिए पारदर्शी कोयला ब्लॉक नीलामी।
· स्वच्छ भारत अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार का एक कार्यक्रम है बल्कि यह भारत के पुनर्निर्माण आंदोलन का रूप ले चुका है।
· व्यापक सुधारों का शुभारंभ- माल और सेवाकर (जी एस टी)
· प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए – जन धन, आधार और मोबाइल (जे ए एम) कारगर हथियार
· मुद्रा स्फीति में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई।
· वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत सीपीआई स्फीति। इसके परिणाम स्वरूप मौद्रिक नीति को सरल बनाया।
· मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने की दृष्टि से भारतीय रिजर्व के साथ मौद्रिक नीति प्रारूप समझौता।
· अमृत महोत्सव- वर्ष 2022 – स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘’टीम इंडिया’’ हेतु दृष्टिकोण
· सभी के लिए आवास- शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ आवास।
· 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, एक शौचालय सड़क संपर्क की मूलभूत सुविधा।
· आजीविका के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार।
· महत्वपूर्ण गरीबी उन्मूलन।
· 2020 तक ऑफ–ग्रिड सौर ऊर्जा सहित शेष 20 हजार ग्रामों का विद्युतिकरण।
· ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से भारत को विश्व के विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना।
· युवाओं को रोजगार सृजन बनाने के लिए उद्यमिता की भावना का प्रोत्साहन और विकास।
· पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का देश के अन्य भागों की तरह ही विकास कारना।
· सरकार सकल घरेलू उत्पाद की तीन प्रतिशत की दर पर राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल करने के लिए कृतसंकल्प है।
· लाभार्थियों की संख्या एक करोड से बढ़ाकर 10 दशमलव 3 करोड़ के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का विस्तार।
· कृषि उत्पादन हेतु दो महत्वपूर्ण निर्णायक कारकों मृदा और जल से निपटने केलिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
· ‘परंपरागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।
· ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ प्राप्त करने हेतु ‘प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना’।
· वर्ष 2015-16 के लिए आठ दश्मलव पांच लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्य।
· ऋण देने में अंतरजातीय और अंतर जन जातीय उद्यमों को वरीयता।
· गांवों में फैले 1,54,000 उपस्थित केंद्रों वाले डाक नेटवर्क का सामान्य वित्तीय प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
· केवल 12 प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए के दुर्घटना जन्य मृत्यु जोखिम को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना।
· पी पी एफ में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए कर्मचारी भविष्यनिधि की संचित राशि में अनुमानत: 6 हजार करोड़ रुपए की अदावाकृत जमा राशि।
· सड़कों और रेल मार्गों के लिए परिव्यय में तीव्र वृद्धि।
· सरकारी क्षेत्र में पूंजीगत व्यय बढ़ाया गया।
· 20,000 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रवाह से राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि की स्थापना की जाएगी।
· प्लग और प्ले मोड में प्रत्येक 4000 मेगावाट वाली 5 नई अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं।
· सोना खरीदने के लिए विकल्प के तौर पर सरकारी स्वर्ण बाण्ड स्कीम बनाना।
· भारतीय सोने के सिक्के बनाने की दिशा में कार्य करना, जिसके अग्र भाग में अशोक चक्र होगा।
· निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रुपए।
· आगमन पर वीजा सुविधा का विस्तार चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करना।
· नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 2022 तक बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट तक करने का लक्ष्य।
· आंध्र प्रदेश की तरह बिहार और पश्चिम बंगाल में विशेष सहायता उपलब्ध कराई।
· जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम में नए एम्स की स्थापना, बिहार में एम्स जैसे दूसरे संस्थान की स्थापना।
· वित्त वर्ष हेतु आयोजा भिन्न व्यय 13,12,200 करोड़ रुपए अनुमानित।
· आयोजना व्यय 4,65,277 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· कुल व्यय 17,77,477 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्यय और अन्य आवश्यक व्यय की आवश्कता की पर्याप्त पूर्ति का प्रावधान किया गया।
· सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· राज्यों को अंतरण 5,23,958 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· केन्द्र सरकार का हिस्सा 9,19,842 करोड़ रुपए होगा।
· आगामी वित्त वर्ष के लिए कर-भिन्न राजस्व 2,21,733 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· अगले वित्त वर्ष से चार वर्षों में कारपोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
· बचत सुगम बनाने के लिए व्यष्टि करदाता को छूट जारी करेगी।
· काले धन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्य से प्रभावी और बलपूर्वक निपटा जाएगा।
· इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत का एक प्रमुख सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है।
· काले धन पर महत्वपूर्ण नए कानून।
· देश में विनिर्माण इकाईयों का विकास और निवेश तथा संवर्द्धन उपलब्ध कराना ताकि उनमें रोजगार सृजन हो सके।
· एंबुलेंस के चेसिस पर उत्पाद शुल्क को 24 प्रतिशत से घटाकर 12 दशमलव 5 प्रतिशत किया गया।
· कर प्रक्रियाओं को सरलीकरण।
· वार्षिक रूप से एक करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले धनिकों पर 2 प्रतिशत का अतिक्त अधिभार।
· घरेलू अंतरण मूल्य निर्धारण की प्रारंभिक सीमा पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए की गई।
· नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय निधि में किया गया अनुदान आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट।
· स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में सीएसआर अंशदान के अलावा, अंशदानों के लिए 100 प्रतिशत की छूट।
· स्वच्छ पर्यावरण पहलों के लिए वित्त पोषण के लिए कोयला आदि पर स्वच्छ ऊर्जा उप कर को 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया गया।
· विद्युत चालित वाहनों और हाई ब्रिड वाहनों पर लागू रियायती सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क की समय सीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई।
· स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 20,000 से 30,000 हजार तक किया गया।
· 80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिक जो स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं है, उन्हें चिकित्सीय व्यय के लिए 30 हजार रुपए की कटौती की अनुमति दी गई।
· विक्लांग व्यक्तियों के लिए 25 हजार रुपए की अतिरिक्त कटौती। पेंशन निधि और नई पेंशन स्कीम में अंशदान के लिए 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट।
· कृषि उत्पाद की ढुलाई में सेवाकर से छूट जारी रहेगी।
· कृत्रिम ह्रदय को 5 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क और सी वी डी से छूट।