• January 7, 2015

जिला परिषद के 8 वार्डों के लिए 16 नामांकन , 21 वार्डों में 43 नामांकन वैध

जिला परिषद के 8 वार्डों के लिए 16 नामांकन , 21 वार्डों में 43  नामांकन वैध

प्रतापगढ़, 7 जनवरी/ पंचायत राज आम चुनाव 2015 के पहले चरण के तहत प्रतापगढ़ जिला परिषद के आठ वार्डों के लिए प्राप्त नामांकन पत्रों की बुधवार को संवीक्षा के पश्चात् 16 नामांकन वैध पाए गए।

जिला निर्वाचन अधिकारी रतन लाहोटी ने बताया कि प्रतापगढ़ जिला परिषद सदस्य के लिए राजनैतिक दलों ने डमी प्रत्याशी के रूप में कुछ नामांकन दाखिल किए थे। संवीक्षा में जिन उम्मीदवारों को राजनैतिक दलों का सिम्बल नहीं मिला उनका नामांकन पत्रा स्वतः ही निरस्त हो गया। जिला परिषद के आठ वार्डों में 16 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रा वैध घोषित किए गए हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी रतन लाहोटी ने बताया कि 8 जनवरी को अपराह्न 3 बजे तक नामांकन पत्रा वापस लिया जा सकता है। इसी दिन अपराह्न 3 बजे बाद उम्मीदवारों को चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा।

प्रतापगढ़ पंचायत समिति के 21 वार्डों में 43 नामांकन वैध

प्रतापगढ़, 7 जनवरी/ पंचायत राज आम चुनाव 2015 के पहले चरण के तहत प्रतापगढ़ पंचायत समिति के 21 वार्डों के लिए प्राप्त नामांकन पत्रों की बुधवार को संवीक्षा के पश्चात् 43 नामांकन वैध पाए गए।

प्रतापगढ़ पंचायत समिति के निर्वाचन अधिकारी दिनेष मंडोवरा ने बताया कि पंचायत समिति सदस्य के वार्ड संख्या 1 5 को छोड़कर सभी वार्डों से दो-दो उम्मीदवारों के नामांकन पत्रा वैध पाए गए। वार्ड 15 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के अलावा निर्दलीय आनन्द प्रकाश पंवार रठांजना का नामांकन भी वैध पाया गया।

स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर कौशल विकास करें: कलक्टर लाहोटी

जिला स्तरीय आजीविका समिति एवं बैंकर्स की कार्यशाला

प्रतापगढ़, 7 जनवरी/ जिला कलक्टर रतन लाहोटी ने कहा कि राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लोगों का कौशल विकास करना चाहिए, ताकि रोजगार मिलने में दिक्कत नहीं आए।DIST Level Ajivika Sameti V Bankers Work shop (17)

जिला कलक्टर बुधवार को यहां कलक्ट्रैट सभागार में जिला स्तरीय आजीविका समिति एवं बैंकर्स की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद गांवों के गरीब लोगों का कौशल विकसित कर उनकी आजीविका का विकास करना है। यह कार्य स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर करेंगे तो निश्चित रूप से अच्छे परिणाम मिलेंगे।

गांवों में इलेक्ट्रीशीयन, हैण्डपम्प मिस्त्राी, पलम्बर आदि की काफी मांग रहती है। युवाओं को इनका प्रशिक्षण मिले तो उन्हें वहीं अपने गांव में ही रोजगार मिल जाएगा।  इसके अलावा प्रतापगढ़ क्षेत्रा में कृषि एवं पशुपालन में अच्छी संभावनाएं हैं। इसके लिए उन्नत कृषि तकनीकों एवं अधिक दूध देने वाले पशुओं का ज्ञान देकर लाभ उठाया जा सकता है।

बैंकों के लोन के समय पर भुगतान की समस्या पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीणों को ऐसे क्षेत्रा में प्रशिक्षण दें जिसमें वह तीन-चार साल काम कर आत्म निर्भर बन सके। इसके लिए माइक्रोफाइनेंस की व्यवस्था व जागरूकता मददगार साबित हो सकती है। यहि वह कौशल विकसित कर अपने पैरों पर खड़े हो जाएंगे तो बैंकिंग उनकी आदत में शामिल हो जाएगी

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