- October 1, 2014
विजन : ‘’चलें साथ–साथ : हमें साथ-साथ आगे बढ़ना है’’ – अमेरिका – भारत
(पेसूका, दिल्ली ) चलें साथ – साथ, हमें साथ – साथ आगे बढ़ना है। विविध परंपराओं और आस्थाओं वाले दो महान लोकतांत्रिक देशों के नेताओं के रूप में हम एक ऐसे विजन को साझा करते हैं, जिससे न केवल अमेरिका और भारत को लाभ मिलेगा बल्कि यह पूरे विश्व के लिए लाभदायक होगा।
हमारा इतिहास बिल्कुल अलग-अलग है, लेकिन हमारे दोनों ही देशों के संस्थापकों ने स्वतंत्रता की गारंटी चाही है, जिसमें हमारे नागरिकों को स्वयं भाग्य निर्धारण करने और अपनी व्यक्तिगत उम्मीदों को आगे बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है। समानता, वाणिज्य, छात्रवृत्ति और विज्ञान संबंधों ने हमारे देशों को एकसूत्र में बांध रखा है। दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य के रखरखाव द्वारा ये संबंध हमें अपने मतभेदों से ऊपर उठने की अनुमति प्रदान करते हैं। प्रतिदिन विविध रूपों में हमारा यह सहयोग आपसी संबंधों को और मजबूत बना रहा है, जो जनता के संबंधों के अनुरूप हैं। इनसे कला और संगीत की प्रगति हुई है। अति आधुनिक प्रौद्योगिकी का आविष्कार हुआ है। हमने पूरे संसार में व्याप्त चुनौतियों का डटकर सामना किया है।
समृद्धि और शांति के लिए हमारी सामरिक भागीदारी हमारा संयुक्त प्रयास हैं। गहन विचार-विमर्श, संयुक्त अभ्यास और साझी प्रौद्योगिकी के माध्यम से हमारा सुरक्षा सहयोग इस क्षेत्र तथा विश्व को सुरक्षित और मजबूत बनाएगा। हम मिलकर आतंकवादी खतरों का मुकाबला करेंगे और अपने देशों और नागरिकों को ऐसे हमलों से सुरक्षित रखेंगे। हमने मानवीय आपदाओं और संकटों के समय शीघ्रता से जवाब दिया है। हम सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु हथियारों की प्रमुखता को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ-साथ हम वैश्विक, सत्यापन योग्य और भेदभाव रहित परमाणु निरस्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
हम एक खुली और समग्र कानून आधारित विश्व व्यवस्था का समर्थन करेंगे जिसमें भारत की एक दुरूस्त संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित बड़ी बहुपक्षीय जिम्मेदारी है। संयुक्त राष्ट्र और इससे भी आगे हमारे घनिष्ठ समन्वय से एक निश्चिंत और सुरक्षित विश्व को बढ़ावा मिलेगा।
जलवायु परिवर्तन दोनों देशों के लिए खतरा है और हम इसके प्रभाव को कम करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे तथा हम अपने बदलते हुए पर्यावरण के अनुकूल अपने आप को ढालने का प्रयास करेंगे। हमारी सरकारें आपसी सहयोग, विज्ञान तथा शैक्षिक समुदायों की मदद से अनियंत्रित प्रदूषण के प्रभाव को दूर करेंगी। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भागीदार बनेंगे कि दोनों देशों में सस्ती, स्वच्छ, विश्वसनीय और विविध स्रोतों की ऊर्जा उपलब्ध हो, जिसके लिए अमेरिकी मूल की परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को भारत में लाने के प्रयास भी शामिल होंगे।
हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोनों देशों में आर्थिक विकास से आजीविका बेहतर हो और हमारे सभी लोगों का कल्याण हो। बेहतर जीवन के एक साधन के रूप में हमारे नागरिकों को अच्छी शिक्षा मिलेगी और कौशल तथा ज्ञान के आदान-प्रदान से हम आगे बढ़ेंगे। यहां तक कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी दोनों देशों में उपलब्ध अवसरों में हिस्सा मिलेगा।
बाहरी अंतरिक्ष में कणों के सृजन से लेकर हर पहलू में संयुक्त अनुसंधान और सहयोग, असीम नवाचार और उच्च प्रौद्योगिकी सहयोग से लोगों के जीवन में बदलाव आयेगा। हमारी जनता ज्यादा स्वस्थ होगी क्योंकि हम संयुक्त रूप से संक्रामक रोगों की रोकथाम करेंगे और मातृ एवं शिशु मृत्यु को खत्म करेंगे और गरीबी उन्मूलन के लिए कार्य करेंगे। सभी नागरिक सुरक्षित होंगे क्योंकि हम एक सुरक्षित वातावरण में महिलाओं का पूर्ण सशक्तिकरण सुनिश्चित करेंगे। अमेरिका और भारत दोनों लोकतंत्रों की निहित क्षमता का उपयोग करने और हमारे लोगों के मध्य आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए अपनी सामरिक भागीदारी को ओर व्यापक तथा मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम साथ मिलकर एक विश्वसनीय और टिकाऊ मैत्री संबंध चाहते हैं, जिससे सुरक्षा और स्थिरता बढ़े और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ-साथ इससे हमारे नागरिकों के लिए और दुनियाभर में शांति और समृद्धि का विस्तार हो। हमारा यह विजन है कि 21वीं सदी में अमेरिका और भारत में परिवर्तनकारी मित्रता होगी और वे भरोसेमंद साथी होंगे। हमारी साझेदारी शेष विश्व के लिए एक मॉडल बनेगी।