• August 10, 2022

‘क्रांति स्मृति पर्व’ पर ‘भारत के अमर सपूत’ पुस्तक का विमोचन

‘क्रांति स्मृति पर्व’ पर ‘भारत के अमर सपूत’ पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली –(भूपेंद्र चाहर)—— भारतीय शिक्षा प्रणाली में भारतीय इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है जिसके कारण नई पीढ़ी के विद्यार्थियों में राष्ट्रीय चिंतन की कमी है जरूरत है कि पाठ्यक्रम में भूले विसरे क्रांतिकारियों की कहानियां शामिल की जाए।

वर्तमान केंद्र सरकार अपने शिक्षण संस्थानों में इतिहास और संस्कृति के विस्मृत पन्नों को पुनः जोड़ने के प्रयास में लगी हुई है उक्त बातें आईसीसीआर के चेयरमैन और राज्यसभा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने आज दिल्ली के कन्स्टिट्यूसन क्लब में निर्विकल्प फाउंडेशन द्वारा आयोजित क्रांति स्मृति पर्व के तहत ‘भारत के अमर सपूत’ स्मारिका के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। सुप्रसिद्ध चित्रकार एवं इतिहास शोधार्थी स्व. अविनाश पुराणिक जी की स्मृति में आयोजित एक सेमिनार में सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्रीमती मल्लिका नड्डा ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हमें स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिवीरों के त्याग, बलिदान और शौर्य गाथाओं को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए। वरिष्ठ समाजकर्मी और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमुख स्तम्भ सदाशिवराव देवधर जी ने कहा कि भारत की आजादी में गुमनाम तरीके से लाखों लोगों द्वारा दी गई आहुतियों की कहानियों को नई शिक्षा प्रणाली की किताबों में शामिल किया जाना चाहिए।वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती अंजली कराड ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारत सरकार आजादी के 75 वें वर्षगांठ पर देश भर में तिरंगा अभियान के माध्यम से जन जन तक क्रांतिकारियों की गाथा को ले जाने का प्रयास कर रही है। जिसमें जन जन की भागीदारी बढ़ेगी और देश में राष्ट्रीय भावनाओं का जागरण होगा।

भाजपा के पूर्व विधायक अनिल शर्मा ने इस अभियान को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

इस अवसर पर स्व.अविनाश पुराणिक जी धर्मपत्नी और सुप्रसिद्ध कवयित्री रोनिता पुराणिक ने स्व.अविनाश पुराणिक द्वारा क्रान्तिवीरों के इतिहास पर किये गए शोध को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की मांग की।

निर्विकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष भूपेंद्र चाहर ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कवि विनय विनम्र ने किया। कवि के. डी. पाठक ने अपनी अंत्योदय कविता से लोगों में चेतना का संचार किया। डॉ. प्रभात कुमार, जयदीप कपूर, संदीप मल्लिक, संतोष कुमार, नीतू जेटली, शशी प्रभा सहित अनेकों गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

संपर्क :
भूपेंद्र चाहर
अध्यक्ष, निर्विकल्प फाउंडेशन
9818103697

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply