- March 2, 2021
प्रिंसिपल और मरीज डेढ़ घंटे तक बंधक—-9 आयुष PG छात्र–6 माह के लिए सस्पेंड
पटना——– आयुष डॉक्टरों को राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल और मरीजों को डेढ़ घंटे तक बंधक बनाना महंगा पड़ा है। कॉलेज के 9 आयुष PG छात्रों पर कार्रवाई की गई है। उन्हें 6 माह के लिए कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया है। अब वह 6 माह तक कॉलेज की किसी भी एक्टिविटी में भाग नहीं ले सकेंगे। प्रिंसिपल डॉ. दिनेश्वर प्रसाद का कहना है कि कॉलेज में अनुशासनहीनता बरतने पर कार्रवाई की गई है।
डेढ़ घंटे तक मचाया था हंगामा
प्रोत्साहन राशि की डिमांड को लेकर आयुष डॉक्टरों (PG) ने जमकर बवाल मचाया था। डेढ़ घंटे तक बवाल में प्रिंसिपल और मरीजों को बंद कर दिया था। डेढ़ घंटे तक हंगामा किया गया था। इस दौरान अफरातफरी मच गई थी। बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत कराया गया। इसके बाद ताला खुलवाकर प्रिंसिपल और मरीजों को मुक्त कराया गया था।
जांच के लिए गठित की गई थी कमिटी
आयुर्वेदिक कॉलेज में 26 फरवरी को हुई घटना की जांच के लिए प्रिंसिपल ने एक जांच कमिटी गठित की थी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी आयुष के PG स्टूडेंट्स पर कार्रवाई की गई है। प्रिंसिपल डॉ. दिनेश्वर प्रसाद का कहना है कि जांच रिपोर्ट में 9 आयुष PG डॉक्टरों को दोषी पाया गया है। उक्त सभी को कॉलेज से सस्पेंड किया गया है। सोमवार को यह कार्रवाई की गई है। प्रिंसिपल का कहना है कि वह अगले छह माह तक कॉलेज की कोई एक्टिविटी का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। इसके साथ ही उनकी इस अनुशासनहीनता पर अन्य कार्रवाई की जा रही है।
न तो पढ़ाई कर सकेंगे, न कोई एक्टिविटी
प्रिंसिपल का कहना है कि 9 छात्रों को कॉलेज प्रबंधन ने निष्कासित कर दिया है। इस दौरान छात्र किसी परीक्षा में भी शामिल नहीं हो सकेंगे। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आंदोलन का नेतृत्व कर रहे 9 छात्रों पर कार्रवाई की गई है। पीजी के इन 9 छात्रों को प्राचार्य को बंधक बनाने का दोषी पाया गया है।
50 से अधिक लोग बने थे बंधक
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल में PG स्टूडेंट्स ने अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला बंद कर 50 से ज्यादा मरीज और शिक्षक डॉक्टरों को बंधक बना लिया था। PG छात्र कॉलेज प्रशासन से कोरोना प्रोत्साहन राशि की मांग कर रहे थे जबकि छात्रों के लिए इसका प्रावधान नहीं था।
इन आयुष डॉक्टरों पर हुई है कार्रवाई
डॉ. अर्चना कुमारी राय- रोग निदान
डॉ. धनंजय कुमार- रसशास्त्र
डॉ. रुपेश कुमार सिंह- शरीर रचना
डॉ. संतोष कुमार राय- शालाक्य तंत्र
डॉ. अजय कुमार- अगदतंत्र
डॉ. मुकेश कुमार- रसशास्त्र
डॉ. धमेंद्र प्रसाद- शालाक्य तंत्र
डॉ. कुमार भास्कर- मौलिक सिद्धांत
डॉ. अभिजीत सावंत- अगद तंत्र