गड़बड़ी करने वालों की जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्यवाही करें

गड़बड़ी करने वालों की जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्यवाही करें

भोपाल :———- सहकारिता विभाग की गतिविधियों व योजनाओं का मैदानी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। सिस्टम में तकनीकी व पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाये। प्रत्येक स्तर पर कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग हो। सहकारी संस्थाओं में यदि गबन व घोटाले प्रकाश में आते है तो उनमें संबंधित अधिकारियों/ कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाये तथा उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही हो। सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया ने शनिवार को सहकारिता विभाग के मैदानी अधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से विभागीय समीक्षा में यह निर्देश दिये।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि सहकारी संस्थाओं में गड़बड़ियां क्षम्य नहीं है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि इन मामलों में जीरो टालरेन्स की नीति अपनाई जाये। उन्होंने कहा कि ‍सिस्टम में अच्छा काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाये और उनका सावर्जनिक सम्मान भी किया जाये। मंत्री डॉ. भदौरिया ने सहकारिता की गतिविधियों में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया। उन्होंने तकनीकी के इस युग में कम्प्यूटराईजेशन को बढ़ावा देने के निर्देश दिये। डॉ. भदौरिया ने अधिकारियों को टीम भावना के साथ जनहित में संवेदनशीलता के साथ काम करने की सीख दी। उन्होंने विभाग में नवाचार और सहकार की भावना को भी बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता जताई।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने गेहूँ उपार्जन कार्य में विभागीय अधिकारियों के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष रिकार्ड 129 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। उन्होंने उपार्जन कार्य के लिए नोडल अधिकारी व संयुक्त आयुक्त श्री बृजेश शुक्ला को सम्मानित भी किया।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने वीडियो कॉफ्रेंस में कहा कि शीघ्र ही उनके द्वारा संभाग व जिलों का दौरा कर विभागीय कार्यों व योजनाओं की समीक्षा के साथ ही का मौका मुआयना भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि सहकारिता सिस्टम को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाये, जिससे कि गड़बड़ी न हो। मंत्री डॉ. भदौरिया ने प्रधानमंत्री की ‘आत्मनिर्भर भारत” व मुख्यमंत्री की ‘आत्मनिर्भर मध्‍यप्रदेश” योजना के तहत सहकारिता के क्षेत्र में वायवल प्रोजेक्ट लेने पर जोर दिया, जिससे कि उनके आर्थिक रूप से सफल होने की संभावना ज्यादा से ज्यादा हो।

वीडियो कांफ्रेंस में आत्मनिर्भर भारत कृषि अधोसंरचना कोष अन्तर्गत प्रस्तावित प्रोजेक्ट, आगामी कार्ययोजना,पी.एम. किसान योजना में पात्र किसानों को जारी के.सी.सी. में ऋण वितरण, पशुपालक कृषकों को कार्यशील पूँजी साख सीमा, खरीफ 2020 में ऋण वितरण, कृषि ऋणों की वसूली, रबी 2020-21 के लिये उर्वरकों का अग्रिम भंडारण, खरीफ 2020 के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रीमियम प्रेषण की भी समीक्षा की गई। उन्होंने मैदानी अधिकारियों को निर्देश दिये कि उपार्जन केन्द्रों पर प्लेटफार्म निर्माण के लिये भूमि के चिन्हांकन एवं विभाग को भूमि के ट्रांसफर कराये जाने की प्रक्रिया 15 सितम्बर 2020 तक पूर्ण की जाए।

यह भी कहा कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से सम्पर्क कर प्लेटफार्म निर्माण का कार्य भी मनरेगा अन्तर्गत स्वीकृत करवा कर काम शुरू करायें। सोसायटियों के अंकेक्षण की प्रगति, अंकेक्षण शुल्क की वसूली की भी विस्तार से समीक्षा की। सहकारिता न्यायालयीन केस मेनेजमेन्ट सिस्टम के बारे में भी अवगत कराते हुए बताया कि इस नवीन सिस्टम की अभी परीक्षण स्तर पर शुरूआत की जा रही है। सोसायटियों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की जानकारी भी दी गई।

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