• July 27, 2019

बाढ़ की वर्तमान स्थिति एवं सुखाड़ समीक्षा— मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

बाढ़ की वर्तमान स्थिति एवं सुखाड़  समीक्षा— मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

*** वज्रपात से 170 लोगों की मृत्यु

बिहार सरकार एवं इसरो के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर, भविष्य में राज्य के बहुआयामी आपदा जोखिम आकलन में सहायता

8 लाख 36 हजार परिवारों के लिये 502 करोड़ रूपये की जी0आर0 पेमेंट ट्रांसफर

सूखाग्रस्त जिलों में 234 कैटल ट्रैप की व्यवस्था
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पटना : – मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ की वर्तमान स्थिति एवं सुखाड़ के में समीक्षात्मक बैठक हुयी। मौसम विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि ने अगले दस दिनों में सामान्य वर्षापात की संभावना जतायी है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने इस वर्ष 1 जून से 26 जुलाई के बीच की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को बिहार सरकार एवं इसरो के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है, जिससे भविष्य में राज्य के बहुआयामी आपदा जोखिम आकलन में सहायता मिलेगी । हाल ही में वज्रपात से 170 लोगों की मृत्यु के बारे जानकारी दी गयी । उन्होंने कहा कि अर्थ नेटवर्क कम्पनी वज्रपात पूर्व चेतावनी की जानकारी देती है , उससे भी सहयोग लेने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधान सचिव ने बताया कि कुल 13 जिले , 106 प्रखण्ड , 2243 पंचायतों के 20 लाख परिवार बाढ़ प्रभावित हैं। 8 लाख 36 हजार परिवारों के लिये 502 करोड़ रूपये की जी0आर0 पेमेंट ट्रांसफर कर दी गयी है । बाढ़ पीड़ितों को पैकेट वितरण एवं बाढ़ पीड़ितों के लिये किये रहे अन्य कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुयी फसल क्षति के संबंध में आंकलन करने के संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने 214 प्रखण्डों में कम की संभावना जतायी है । कम वर्षा की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों में धान की अलावा और किन – किन फसलों को उपजाया जा सकता है , इसके लिये बीज की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी दी गई ।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव ने वर्तमान में भू – जल स्तर की स्थिति की जानकारी दी । गुणवतापूर्ण पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में फ्लोराइड प्रभावित गॉवों के दौरे के संबंध में भी जानकारी दी , जहाँ बेहतर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। आर्सेनिक एवं आयरन प्रभावित इलाकों में भी शुद्ध पेयजल के लिये काम किया जा रहा है।

जीर्ण – शीर्ण चापाकलों सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार के लिये बनायी जा रही कार्ययोजना के संबंध में भी जानकारी दी गयी एवं मत्स्य नियंत्रण के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान श्रीमती एन0 विजयालक्ष्मी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु रोग नियंत्रण की व्यवस्था , टीकाकरण की व्यवस्था , पेयजल , पशुचारा की व्यवस्था , पशुओं में होने वाले रोगों की दवा उपलब्धता, जिला स्तर पर आपदा कोषांग के गठन की जानकारी दी ।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रे में 26 पशु शिविर लगाये जाने के संबंध में जानकारी दी । उन्होंने बताया कि सूखाग्रस्त जिलों में 234 कैटल ट्रैप की व्यवस्था की गयी जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह ने बताया कि नेपाल में भारी वर्षा से विभिन्न नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में वृद्धि एवं उतर बिहार के जिलों में भारी वर्षापात से विभिन्न नदियों में जलस्तर में वृद्धि होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुयी । सूखा प्रभावित क्षेत्रों में नहरों से पानी की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी गयी।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि दक्षिण बिहार में जिस तरह की वर्षा की स्थिति है, उससे सूखे की संभावना बन रही है । सभी जिलाधिकारी अपने – अपने जिलों में सूखे की स्थिति में पशुओं का चारा, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिये चापाकल का प्रबंध , वैकल्पिक फसल योजना के तहत किसानों को बीज उपलब्ध कराना एवं अन्य तैयारियों के बारे में आश्वस्त किया है । उन्होंने कहा कि उतर बिहार में इस बार भी बाढ़ की स्थिति बनी है , उसके संबंध में सभी जिलाधिकारी लोगों को राहत एवं बचाव कार्य में मुश्तैदी से लगे हुये हैं ।

जिलाधिकारी बाढ़ के दौरान हुये ध्वस्त हुये मकानों एवं फसल क्षति का भी आंकलन करा लें । उन्हें फसल सहायता योजना , कृषि इनपुट सबसिडी का लाभ देने के संबंध में तैयारी कर लें । बाढ़ के दौरान बच्चे बाहर नहीं निकलें , इस संबंध में अभिभावकों को भी सजग करने की जरूरत है क्योंकि बाढ़ के दौरान कुछ बच्चों के नहाने की खबरें भी आयी है ।

बाढ़ के कारण जिन जगहों पर बालू का जमाव हो गया है, वहाँ आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इस संबंध में गाइडलाइन के आधार पर उस क्षेत्र के लोगों को राहत मुहैया करायें । उन्होंने कहा कि चापाकल , तालाब , पोखर , आहर , पईन को दुरूस्त कर जलस्तर को मेंटेन किया जा सकता मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप वर्षापात में कमी , भू – जल स्तर में गिरावट , इससे उत्पन्न जल संकट एवं सुखाड़ की स्थिति पर 13 जुलाई को सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों की संयुक्त बैठक विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आठ घंटे तक चली थी , जिसमें सभी दलों के नेताओं ने एकमत होकर पर्यावरण में हो रहे बदलाव को रोकने लिये सहमति जतायी थी ।

जल, जीवन एवं हरियाली अभियान शुरू करने का हमलोगों ने योजना बनायी है , इसे ध्यान में रखते हुये आगे काम करना है । कैसे वाटर लेवेल मेंटेन हो , इसके लिये जल संरक्षण पर काम करना होगा।

चाहे पशु हों , पक्षी हों या मनुष्य हों , सबके जीवन का संरक्षण और हरियाली के लिये पर्यावरण संरक्षण पर हम सब मिलकर काम करेंगे । मनरेगा, लघु जल संसाधन विभाग , लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग , ग्रामीण विकास विभाग , नगर विकास विभाग , वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण संबंधित कई कार्य किये जा रहे समर्पित भाव से इसे सफल बनायेंगे । रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी कार्य किया जा रहा है । गंदे पानी को शुद्ध कर जमीन के नीचे भेजने से पीने का पानी भी शुद्ध रहेगा ।

पूरे बिहार में जल , जीवन एवं हरियाली को लेकर अभियान चलाना होगा , इसके लिये जिला स्तर के जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रतिनिधि सहयोग करेंगे । जीविका , शिक्षा सेवक , विकास मित्र , टोला सेवक एवं अन्य लोगों के सहयोग से भी इस अभियान को आगे बढ़ाना होगा । जिला स्तर पर भी एक कमिटी बनेगी ।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जो भी सुझाव आ रहे हैं, मुख्य सचिव के स्तर पर उसका संकलन किया जा रहा है और उसके आधार पर 15 अगस्त तक एक कार्ययोजना बना ली जायेगी। कम वर्षा की स्थिति में वैकल्पिक फसलों के लिये भी एक कार्ययोजना बनानी होगी ।

जल के दुरूपयोग को रोकने के लिये जागरूकता फैलानी होगी राज्य में एक तरफ बाढ़ और एक तरफ सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है , इसके लिये हम सबको एकजुट होकर समर्पण के साथ कार्य करना होगा । उन्होंने कहा कि अगर जीना है तो पर्यावरण को ठीक करना ही होगा।

3 अगस्त को सभी जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी प्रधान सचिव / सचिव बाढ़ अनुश्रवण समिति की बैठक कर लें। 18 अगस्त को फिर से इस संबंध में एक और बैठक होगी । कृषि विभाग, लघु जल संसाधन विभाग , जल संसाधन विभाग , पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग , लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग , स्वास्थ्य विभाग , ऊर्जा विभाग , ग्रामीण कार्य विभाग , वन एवं पर्यावरण विभाग , सहकारिता विभाग , नगर विकास एवं आवास विभाग , खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग , ग्रामीण विकास विभाग एवं संबंधित अन्य विभागों के प्रधान सचिव / सचिवों , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों ने बाढ़ के लिये राहत एवंबचाव कार्य तथा सुखाड़ की परिस्थिति में की जा रही तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी सहित अन्य मंत्रीगण , मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ब्यासजी दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय , संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा , मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार , अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री चन्द्रशेखर सिंह , मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल गंह , बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यगण सहित संबंधित विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे ।

संपर्क
निदेशालय जनसंपर्क विभाग
पटना, बिहार

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