मशहूर फोर्ब्स मैगजीन में एग्री बेस्ड स्टार्टअप ग्रामोफोन

मशहूर फोर्ब्स मैगजीन में एग्री बेस्ड स्टार्टअप ग्रामोफोन

इंदौर: उद्योग जगत की मशहूर मैगजीन फोर्ब्स इंडिया ने एक सर्वे के जरिये विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली देश की कुछ अग्रणी कंपनियों को अपने ताजा एडिशन में जगह दी है जिसमें इंदौर के एक एग्री बेस्ड स्टार्टअप को भी शामिल किया है.

देश भर की 500 से अधिक कृषि आधारित कंपनियों में से एक नाम ग्रामोफोन कृषि ऐप का भी है. यह मोबाइल ऐप मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के हजारों किसानों की जिंदगी बदलने का काम कर रहा है. ग्रामोफोन को एक ऐसे किसान ऐप के रूप में देखा जा सकता है जो हर मायने में किसानों के लिए लाभकारी ही साबित हुआ है.

बीज व कीटनाशक का छिड़काव हो या मंडी का भाव, मौसम की जानकारी हो या आधुनिक कृषि उपकरणों की खरीद बिक्री, ग्रामोफोन इन सभी समस्यायों का एकमात्र हल लेकर आता है. यही कारण है कि ग्रामोफोन फोर्ब्स मैगजीन में लगातार दूसरी बार शामिल होने वाली इंदौर की पहली कृषि आधारित संस्था बनी, ग्रामोफोन को उसके बिजनेस मॉडल और ग्रोथ के आधार पर नामित किया गया है.

जहां कंपनी ने अपने पहले साल में 10 लाख का रेवेन्यू जनरेट किया था वही मौजूदा समय यानी मार्च 2019 के अंत तक 6 करोड़ से अधिक का टारगेट पूरा कर चुकी है. देश भर में ग्रामोफोन के कुल 17 हेडक्वाटर्स बने हुए है जबकि संस्था की मुख्य शाखा इंदौर में स्थित है. अपने शुरूआती साल में 5 हजार किसानों के साथ शुरू हुआ ग्रामोफोन का सफर आज 2 लाख से अधिक किसानों का आंकड़ा पार कर चुका है. और संस्था अगले 3 सालों में इस आंकड़े को 10 मिलियन के पार ले जाना चाहती है.

कंपनी को फोर्ब्स ने अपने शुरूआती पन्नों में ही जगह दी है. तोसीफ अहमद खान और उनकी टीम द्वारा देखा गया किसानों को एक ही स्थान पर उनकी कृषि संबधी सारी समस्याओं को हल ढूंढकर देने का ख्वाब, आज पूरा होने के बाद तोसीफ काफी गर्व महसूस करते हैं और बदलती टेक्नोलॉजी के साथ कदमताल करते हुए किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम् किरदार निभाना चाहते हैं.

इस मौके पर तौसीफ ने कहा कि, हमारी महत्वकांक्षा एक मात्र हल बनने की नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक बेहतर जिंदगी की तलाश करने की है, हालांकि ये जानकर खुशी होती है कि पिछले चार सालों में हम किसानों के लिए एक मात्र समाधान बनकर उभरे हैं.

इस एप का इजात करने वाले आईआईटी इंजीनियर्स निशांत वत्स, तोसीफ खान, हर्षित गुप्ता और आशीष सिंह ने किसानों की बेहतरी के लिए काम करने की ठानी और अपने सपने को साकार कर दिखाया. इन सभी ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए करने के बाद जून 2016 में ग्रामोफोन पर काम करना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने कृषि क्षेत्र में गहराई से रिसर्च की और छोटी-छोटी जानकारियों को एकत्रित करने का काम किया

तोसीफ की टीम मानती है कि वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का है. ऐसे में टेक्नोलॉजी के जरिए जमीन का संयोजन कर किसान उत्पादकता में सुधार बेहद आसानी से लाया जा सकता है. ग्रामोफोन पर किसी भी कृषि संबधी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस कॉल करिए

Related post

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ…

 PIB Delhi—एक महत्वपूर्ण सुधार में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने शिकायतों के समाधान में तेजी लाने…
‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

 PIB Delhi:——— प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में दोपहर…

Leave a Reply