- September 12, 2018
लोक सेवा गारंटी का प्रदाय अधिनियम 425 से अधिक सेवाओं में से 250 आनलाइन
‘समाधान एक दिन’ काउंटर से 4 महिने में 28 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण
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भोपाल———- मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने कहा है कि शासकीय सेवाओं के लोक सेवा प्रबंधन की परिधि में आने से प्रकरणों के समय सीमा में निराकरण की सख्याँ मे अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इससे जनसामान्य में शासकीय प्रणालियों के प्रति विश्वास बढ़ा है और लोग सुशासन के भाव का अनुभव कर रहे हैं।
श्री सिंह भोपाल में गुड गर्वनेन्स पर आयोजित भारत सरकार के क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। शिक्षा, कृषि और नागरिक केन्द्रित सेवाओं पर आधारित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के प्रतिनिधि मण्डल ने भाग लिया।
नीति आयोग के सलाहकार श्री राकेश रंजन ने आकांक्षी जिलों मेंबदलाव पर प्रस्तुतिकरण दिया। सम्मेलन के दूसरे दिन स्लम फ्री सिटी चंडीगढ़, मध्यप्रदेश के पंच-सरपंच पोर्टल तथा उड़ीसा में विद्यार्थियों के ऑनलाईन एप्लीकेशन की प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
समापन अवसर पर मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2010 में लोक सेवा गारंटी का प्रदाय अधिनियम लाने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश था।
अधिनियम के सुचारू संचालन के लिये एक पृथक विभाग की स्थापना की गई। अब तक अधिनियम के अन्तर्गत 425 से अधिक सेवाएँ नोटीफाय की जा चुकी हैं। जिनमें 250 से अधिक पूरी तरह ऑनलाईन हैं।
श्री सिंह ने बताया की प्रदेश में तहसील और विकासखण्ड मुख्यालयों पर 412 लोक सेवा केन्द्र और एमपी ऑन लाईन के 13 हजार से अधिक कियोस्क कार्यरत है। हाल ही में आरंभ ‘समाधान एक दिन’ काउंटर से 4 महिने में 28 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
जनता से सीधे जुड़ने और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये परख, समाधान ऑन लाईन, सी.एम. हेल्प लाईन जैसे नवाचार आरंभ किये गये हैं। श्री सिंह ने कहा की भारत सरकार द्वारा सुशासन के संबंध में विभिन्न प्रदेशों के बीच अपने अनुभव साझा करने के लिये आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन ने राज्यों को सीखने के नये अवसर प्रदान किये है।
सम्मेलन को भारत सरकार के सचिव श्री के.व्ही.ईपम ने भी सम्बोधित किया। श्री ईपम ने मध्यप्रदेश की योजना समाधान एक दिन की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न राज्य में हुए नवाचारों का व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन होने से ही इस प्रकार के सम्मेलनों की सार्थकता सिद्ध होगी।