विश्व बैंक वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा

विश्व बैंक वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा

2111 करोड़ की बागवानी परियोजनाओं से किसानों की आर्थिकी में बदलाव
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शिमला ———– सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य व बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि 1688 करोड़ रुपये की बागवानी तथा 423 करोड़ की समेकित खुम्भ विकास परियोजनाओं से राज्य के किसानों की आर्थिकी में बदलाव आएगा।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जहां ऊपरी क्षेत्रों में सेब का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है, वहीं निचले क्षेत्रों में आम, गुठलीदार व नीम्बू प्रजाति के फलों के उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि बागवानी परियोजना के व्यवहार्यता अध्ययन के लिए विश्व बैंक का दल 18 से 27 सितम्बर, 2018 तक प्रदेश का दौरा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि सचिव स्तर की वार्ता शिमला में आगामी 15 सितम्बर को होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना को धरातल पर व्यवहारिक रूप देने के लिए संबंधित अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 17 सितम्बर को पुनः इस संबंध में उनके कार्यालय में बैठक बुलाई गई है और अधिकारियों को परियोजना के उपयुक्त अध्ययन व जानकारी सहित बैठक में उपस्थित होने को कहा गया है।

आई.पी.एच. को मिले नौ अधिशाषी अभियन्ता

सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने आज यहां बताया कि सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग में अभियंताओं के विभिन्न पदों पर पदोन्तियां की गई हैं। विभाग में नौ सहायक अभियंताओं को अधिशाषी अभियंता बनाया गया है और इन्हें राज्य के विभिन्न भागों में तैनात किया गया जहां अत्यावश्यकता वाले मण्डलों में अभियंताओं की कमी थी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम के प्रयासों से विभाग के लिए 4751 करोड़ की जल संरक्षण व वर्षा जल संग्रहण की एक महत्वाकांक्षी परियोजना मंजूर करवाई गई है, जिसमें से पहले चरण में 708.87 करोड़ की किश्त राज्य को प्राप्त हो चुकी है। किसानों की आय को दोगुणा करने के लक्ष्य को हासिल करने में इस परियोजना की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अभियंताओं से इस परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए ताकि अपेक्षित लक्ष्यों को शीघ्र हासिल कर लोगों को समयबद्ध लाभ सुनिश्चित बनाया जा सके।

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