विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी उद्यमिता का विकास और कुटीर उद्योगों की संरचना करें

विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी उद्यमिता का विकास और कुटीर उद्योगों की संरचना करें

भोपाल :(सुनीता दुबे)———-राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपनी योग्यता और दक्षता से प्रदेश और देश के अन्नदाता किसान के जीवन में उजियारा लाने के लिए संकल्पित हों।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी उद्यमिता का विकास और कुटीर उद्योगों की संरचना करें तथा किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक बनें।

श्रीमती पटेल ने कहा कि शिक्षा एवं दीक्षा भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परम्परा है। भारतवर्ष में शिक्षण संस्थान न केवल कार्य-कौशल प्रदान करते हैं, वरन् विद्यार्थियों को संस्कार और दीक्षा भी देते हैं ताकि वे अपने आगामी जीवन में शिक्षा का उपयोग कर अपने व्यक्तिगत और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर सकें। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह वस्तुत: विद्यार्थियों में उत्तरदायित्वों के प्रति सम्पूर्ण योग्यता होने की घोषणा करता है।

कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने युवाओं में कृषि के प्रति लगाव पैदा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्टार्टअप कार्यक्रम से विश्वविद्यालय के छात्रों को जोड़ने की जरूरत बताई ताकि वे कृषि आधारित उद्योग स्थापित कर सकें। इससे न केवल किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा, बल्कि उन्हें अपने उत्पादन की बिक्री के लिए बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।

श्रीमती पटेल ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव का विषय है कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय 54 वर्षों से कृषि शिक्षा अनुसंधान एवं विस्तार के क्षेत्र में निरन्तर योगदान दे रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयों के माध्यम से गांवों को गोद लेकर वहां पौधारोपण कार्यक्रम चलाने की भी जरूरत बताई।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि कृषि तकनीकों के प्रचार-प्रसार के साथ नैतिक मूल्यों को भी वे अपने जीवन में उतारें, जिससे वे अपना सामाजिक जीवन उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से निभा सकें।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय में अर्जित ज्ञान की उपादेयता अपने-अपने कार्यक्षेत्र में अपनी सम्पूर्ण निष्ठा एवं कर्मठता द्वारा अभिव्यक्त करेंगे, जिससे प्रदेश के लाखों कृषकों की आकांक्षाएं पूरी होंगी।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने तीन करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से निर्मित राष्ट्रीय स्तर के खेल परिसर एवं तरण-ताल का लोकार्पण भी किया।

इस मौके पर उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् डॉ नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।

दीक्षान्त समारोह में पूर्व महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पद्मभूषण डॉ राजेन्द्र सिंह परोदा तथा उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् डॉ नरेन्द्र सिंह राठौड़ को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने डॉ आर.एस. परोदा को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया।

उन्होंने विभिन्न विषयों में शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल एवं नगद पुरस्कार किए। कृषि और कृषि अभियांत्रिकी संकायों में पीएचडी की उपाधियां भी प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री ए.के. इंगले भी मौजूद थे।

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रयागदत्त जुयाल एवं मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ. आर.एस. शर्मा को शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।

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