- December 1, 2017
एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों के संरक्षण के लिए कई कानूनी प्रावधान — जस्टिस श्री झवेरी
जयपुर,———- राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष श्री के.एस. झवेरी ने कहा कि न्यायपालिका लोगों के मानवाधिकार, मौलिक अधिकार, संवैधानिक और विधिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए सदैव कटिबद्ध है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से हमारा पूरा प्रयास है कि पीड़ित और वंचित वर्गों को उनके अधिकार मिल सकें और वे न्याय से वंचित नहीं रहें। उन्होंने कहा कि एचआईवी ग्रस्त व्यक्तियों के संरक्षण के लिए कानून में कई प्रावधान हैं, जो उन्हें एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जीने का अवसर प्रदान करते हैं।
जस्टिस श्री झवेरी शुक्रवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं ग्लोबल अलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स के सहयोग से विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर के मध्यस्थता केंद्र में आयोजित एचआईवी-एड्स पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय ऑरियंटेशन एण्ड कंसलटेशन प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि एचआईवी एवं एड्स पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए भारत सरकार ने एचआईवी एण्ड एड्स एक्ट-2017 बनाया है। जिसमें एचआईवी एवं एड्स से ग्रसित व्यक्तियों के मानवाधिकारों के साथ ही उनकी देखभाल, उपचार एवं सहयोग सहित अन्य अधिकारों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एचआईवी एवं एड्स पीड़ित व्यक्तियों की विधिक सहायता के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री एस.के. जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि योग एवं प्राणायाम तथा विभिन्न औषधियों के उपयोग से एचआईवी पॉजिटिव होने के बाद भी स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। उन्होंने पीड़ित व्यक्तियों के संरक्षण एवं स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न विधिक प्रावधानों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
ग्लोबल अलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष श्री बृजेश दुबे ने कहा कि एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति स्वयं को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से विकलांग समझने लगता है, लेकिन वह आत्मविश्वास, संयमित जीवन शैली और समय पर उपचार के द्वारा स्वस्थ जीवन जी सकता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में एचआईवी एवं एड्स पीड़ित व्यक्तियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पीड़ित व्यक्तियों को इनका लाभ लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि राजस्थान में एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों को बीपीएल श्रेणी में शामिल कर ऎतिहासिक कदम उठाया गया है।
अंत में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की संयुक्त सचिव श्रीमती अनु चौधरी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारीगण, ग्लोबल अलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स के जिला प्रतिनिधि, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे।