कृषि मंत्रालय जल्द ही 100 केवीके पर इंटीग्रेटेड फार्मिंग शुरू

कृषि मंत्रालय जल्द ही 100 केवीके पर इंटीग्रेटेड फार्मिंग शुरू

पेसूका ————— केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को आगे ले जाने में देश भर में स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) की बहुत बड़ी भूमिका है।

श्री राधा मोहन सिंह ने केवीके अधिकारियों और राज्य स्तर के कृषि अधिकारियों से अपील की कि वे किसानों के हित में कंधा से कंधा मिलाकर काम करें और किसानों की आय बढ़ाने में अपना योगदान दें।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि मंत्रालय जल्द ही 100 केवीके पर इंटीग्रेटेड फार्मिंग शुरू करने जा रहा है, जिले के किसान आकर इन्हें देख सकते हैं और इन्हें अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

श्री राधा मोहन सिंह ने ये बात आज दक्षिण भारत के 12 राज्यों के कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों, कृषि, पशुपालन, मछली पालन, बागवानी के राज्य स्तर के अधिकारियों और लाभार्थी किसानों से नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में कही। यह पहला मौका है जब देश के केंद्रीय कृषि मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केवीके अधिकारियों और लाभार्थी किसानों से सीधा संवाद किया है।

केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आंध्र प्रदेश, दादरा और नागर हवेली, दमन और दीव, गोवा, कर्नाटक, केरल, लक्ष्यद्वीप, महाराष्ट्र, ओडिसा, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना के कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों और कृषि विकास से संबंधित राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों को संबोधित किया। श्री सिंह ने पहले आधे घंटे में अधिकारियों और किसानों के सामने अपनी बात रखी और बाद के आधे घंटे में उनके सवालों के जवाब दिए।

श्री राधा मोहन सिंह ने अपने संबोधन में केवीके के अधिकारियों से कहा कि अनाज की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को अच्छे बीज, रोपण सामग्री और खाद की जरूरत पड़ती है इसलिए अधिकारी इसमें किसानों की पूरी मदद करें।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने इस मौके पर पशुओं की बीमारी और टीकाकरण का भी जिक्र किया और कहा कि पशुओं की बीमारी की रोकथाम में अधिकारी सहयोग करें। श्री सिंह ने कहा कि पशुओं की बीमारी की रोकथाम से किसानों की आय में वृद्धि होती है।

केंद्रीय मंत्री ने किसानों को कृषि परियोजनाओं और सरकार की कृषि नीतियों की जानकारी दी और अधिकारियों से कहा कि वे पूरे मनोयोग और निष्ठा से इन योजनाओं को पूरा करें।

इस मौके पर केन्द्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने किसानों से अपील की वे मछली पालन पर ध्यान दें और अपनी आय बढ़ाने के लिए मछली पालन को अपनाएं। श्री सिंह ने राज्य और जिला स्तर के मत्स्य पालन अधिकारियों से आग्रह किया कि 21 नवंबर को मनाए जाने वाले विश्व मात्स्यकी दिवस की तैयारी के लिए जरूरी कदम उठाएं और इस काम में किसानों को सहयोग करें।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने अधिकारियों से ये भी कहा कि 5 दिसंबर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस है, इसलिए राज्यों में वे अभी से इसकी तैयारी में जुट जाएं। श्री सिंह ने खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य पर जोर दिया और कहा कि किसानों को अपने खेत की मिट्टी को स्वस्थ बनाये रखने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड बनवाने चाहिए और अपने नजदीक के कृषि अधिकारियों से इस बारे में बात करनी चाहिए।

श्री सिंह ने इस मौके पर किसानों से आग्रह किया कि वे धान की फसल की कटाई के बाद खेत में बचे पुवाल (पराली) को ना जलाएं बल्कि जैविक खाद बनाने में इनका इस्तेमाल करें। बाद में किसानों ने केन्द्रीय कृषि मंत्री के सामने अपनी समस्याएं रखीं और उनके समाधान का आग्रह किया।

श्री राधा मोहन सिंह ने किसानों को बताया कि उनके कल्याण के लिए देश के ज्यादातर जिलों में 645 किसान विज्ञान केन्द्रों का पुनर्गठन किया गया है। सरकार नये और बड़े जिलों के लिए 106 नये केवीके भी खोलने जा रही है। अब देश के हर जिले में केवीके होगा जो किसानों के फायदे के लिए काम करेगा और उनकी परेशानियां सुलझाएगा।

तीन चरणों के इस वीडियो कांफ्रेंसिंग का पहला चरण 19 अक्तूबर, 2016 को सम्पन्न हुआ था जब केन्द्रीय कृषि मंत्री ने उत्तर भारत के 12 प्रदेशों के किसान विज्ञान केन्द्रों के अधिकारियों और किसानों को सम्बोधित किया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग का तीसरा और अंतिम चरण 28 अक्तूबर को होगा जिसमें पहाड़ी राज्यों के केवीके के अधिकारियों और किसानों से केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री की बात होगी।

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