• October 13, 2016

ज़मीनी स्तर पर पार्टी संगठन व चुनावी तैयारियों की गहन समीक्षा

ज़मीनी स्तर पर पार्टी संगठन व चुनावी तैयारियों की गहन समीक्षा

सपा, भाजपा व कांग्रेस जैसी विरोधी पार्टियां साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डे अपनाकर व बड़े-बडे़ पूँजीपतियों व धन्नासेठों के धन बल पर लोगों को वरग़लाने के मामले में धुरंधर।

लखनऊ, 13 अक्टूबर 2016: बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों व ज़िम्मेवार लोगों की आज यहाँ प्रदेश कार्यालय 12 माल एवेन्यू में एक अति-महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती ने स्वयं शिरकत की और प्रदेश में ज़मीनी स्तर पर पार्टी संगठन व चुनावी तैयारियों के साथ-साथ पार्टी के जनाधार को सर्वसमाज में विस्तार करने के अनवरत मिशनरी कार्य की गहन समीक्षा की तथा आगे की तैयारियों के लिये नया दिशा-निर्देश जारी किया।

उल्लेखनीय है कि बी.एस.पी. के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी की 10वीं पुण्यतिथि के मौके पर दिनाँक 09 अक्टूबर को यहाँ निर्मित भव्य ’’मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल’’ में आयोजित हुये श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम के फलस्वरूप मासिक बैठक की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया था। आज की बैठक में उस श्रद्धा-सुमन अर्पित कार्यक्रम के दौरान समुचित सरकारी व पुलिस व्यवस्था के अभाव में दो लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया गया व घायलों के प्रति संवेदना प्रकट की गयी।

बी.एस.पी. के कार्यक्रमों में पार्टी की तरफ से ही व्यवस्था चाक-चैबन्द रहती है तथा लोग भी स्व-नियंत्रित रहते हैं, फिर भी लाखों की भीड़ को सुचारू रूप से व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी सरकार व ज़िला प्रशासन की ही बनती है, जिसका पूर्ण अभाव विशाल ’’मान्यवर श्री कांशीराम स्मारक स्थल, लखनऊ’’ में उस दिन देखने को मिला, ऐसी रिपोर्ट आज की बैठक में पार्टी के जिम्मेदार लोगों ने पार्टी प्रमुख सुश्री मायावती जी को दी।

सुश्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. को सर्वसमाज का व ख़ासकर दलितों, अन्य पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में से विशेषकर मुस्लिम समाज व बौद्ध समाज आदि का व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है, परन्तु बी.एस.पी का मुक़ाबला खासकर ऐसी भाजपा व सपा आदि पार्टी से है जो साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों की धुरंधर खिलाड़ी होने के साथ-साथ बड़े-बड़े पूंजिपतियों व धन्नासेठों के धनबल तथा अफवाहों व धर्म एवं सम्प्रदायों के ध्रुवीकरण के बल पर अब तक सत्ता में आती रही हैं। इसलिये प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव होने तक हर प्रकार की सावधानी बरतना बहुत ही जरूरी है।

सुश्री मायावती ने दिनांक 9 अक्टूबर के अपने सम्बोधन का दोबारा उल्लेख करते हुये बैठक में कहा कि केन्द्र में ख़ासकर कांग्रेस व बीजेपी का और यहाँ उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस, बीजेपी व सपा आदि का शासनकाल अधिकांश मामलों में विफल ही रहा है, लेकिन फिर भी अब ये तीनों पार्टियां उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के लिए हर प्रकार के घिनौने हथकण्डे ज़रूर इस्तेमाल करेंगी, जिनसे प्रदेश की जनता को हर स्तर पर सतर्क रहना भी बहुत जरूरी है।

पार्टी के लोगों को फिर से यह आगाह किया कि देश में जितने भी छोटे-बड़े अखबार व टी.वी. चैनल आदि चल रहे हैं तो उनके अधिकांश मालिक यहाँ बड़े-बड़े पूँजीपति व धन्नासेठ ही हैं। चुनाव में सर्वे कराने वाली एजेन्सियां भी ज्यादातर इन्हीं के हिसाब से ही कार्य करती है।, और फिर चुनाव में ये पूँजीपति व धन्नासेठ लोग इन सबका इस्तेमाल खासकर यहाँ कांग्रेस, बीजेपी आदि उन सभी विरोधी पार्टियों के पक्ष में ही हवा बनाने के लिये करते हैं ।

प्रदेश की सपा सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हितों की घोर अनदेखी करके चीनी मिल मालिकों का लगभग 900 करोड़ रूपये का ब्याज माफ करने के हाल के फैसले का विशेष उल्लेख करते हुये कहा कि ऐसी धन्नासेठों की किसान-विरोधी सपा सरकार कैसे अपने आपको ’समाजवादी’ सरकार होने का दावा कर सकती है। इसके अलावा सपा सरकार के ऐसे तमाम ग़लत व जनविरोधी फैसले वास्तव में ’लोहियावाद’ व ’समाजवाद’ का मज़ाक उड़ाने वाले फैसले हैं, जिनके बारे में आमजनता को और भी ज्यादा जागृत करने की जरूरत है।

अपने यहाँ देश में व्याप्त वर्ण व्यवस्था के कारण सदियों से अभी तक भी उपेक्षित व तिरस्कृत चले आ रहे दलितों व अति पिछड़े वर्गों में समय-समय में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के नाम पर, उनके आदर-सम्मान में बी.एस.पी. सरकार द्वारा बनाये गये कुछ जरूरी भव्य स्थल, स्मारक व पार्को आदि को ’’फिजूलखर्ची’’ बताकर उनका अनादर करके प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार ना केवल ओछी जातिवादी द्वेषपूर्ण राजनीति कर रही है, बल्कि छद्म समाजवादी होने का भी परिचय दे रही है।

बी.एस.पी. सरकार के समय में ही बनने वाले लखनऊ के डा. अम्बेडकर ग्रीन गार्डेन का नाम बदलकर जनेश्वर मिश्र पार्क करने के साथ-साथ नये जिलों , नये शिक्षण संस्थानों, मेडिकल कालेज व विश्वविद्यालय आदि का भी नाम बदलने का घोर जातिवादी व विद्वेषपूर्ण काम इस सपा सरकार द्वारा ओछी मानसिकता के तहत् किया गया है, जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है।

वर्तमान सपा सरकार द्वारा जिस ’समाजवादी पेंशन’ योजना का बार-बार डंका पीटा जाता है तो वह योजना पहले ‘‘महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना‘‘ के तहत् बी.एस.पी. सरकार द्वारा दिनांक 15 जनवरी सन् 2010 को लगभग 31 लाख परिवारों को आर्थिक मदद देकर तब इसकी शुरूआत की गयी थी। जिसका नाम बदलकर अब समाजवादी पेंशन योजना कर दिया गया है।

बी.एस.पी. सरकार द्वारा संचालित महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, सर्वजन हिताय गरीब आवास (स्लम एरिया) मालिकाना हक योजना, गरीबों के लिए कोर्ट में निःशुल्क पैरवी योजना, महामाया सर्वजन आवास योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बस्ती समग्र विकास योजना व जनहित गारण्टी जैसी अत्यन्त ही महत्वाकांक्षी व जन-कल्याणकारी योजनाओं की सफलता के बारे में वर्तमान सपा सरकार व मुख्यमंत्री को थोड़ा समय निकाल कर इनकी अवश्य ही जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिये।

इस प्रकार इन योजनाओं के कारण यहाँ उत्तर प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन व समानता के साथ-साथ सर्वसमाज में से खासकर गरीब व कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक तरक्की का जबर्दस्त आधार तैयार हुआ और जिन नीतियों को अब जातिवादी रंग देकर सपा सरकार ने पक्षपातपूर्ण तरीके से केवल अपनी पार्टी व अपनी जाति के ही खास लोगांे को ही फायदा पहुँचाने का प्रयास किया है।

बी.एस.पी. उ.प्र. राज्य कार्यालय,
12 माल एवेन्यू, लखनऊ

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