• April 14, 2016

बजट 2016-17 : गाँव, गरीब, किसान, महिलायें और युवा हमारा केंद्र विंदू:- प्रधानमंत्री

बजट 2016-17 : गाँव, गरीब, किसान, महिलायें और युवा  हमारा केंद्र विंदू:- प्रधानमंत्री
इस बजट के लिए हमारे वित्त मंत्री श्रीमान अरुण जेटली जी को हृदयपूर्वक बहुत बहुत बधाई देता हूँ। गाँव, गरीब, किसान, महिलायें और युवा इस बजट का हमारा सबसे बड़ा फोकस है। इनके जीवन में qualitative change लाने के लिए इस बजट में कई योजनायें रखी गयी हैं।  

यह बजट गरीबी से मुक्ति दिलाने के लिए समयबद्ध और व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करता है। किसानों की आया को दोगुना करने की दिशा में इस बजट में कई अहम कदम उठाये गए हैं। उनमें से एक महत्वपूर्ण कदम है – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जिसके तहत निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की गयी है और हर खेत को पानी पहुंचाने की दिशा में एक बहुत बड़ा प्रयास है।

गाँव के विकास में बिजली और सड़क …इस महत्व को मैं और आप हम सब जानते हैं। इस बजट में 2019 तक देश के हर गाँव को सड़क से जोड़ने का एक बहुत बड़ा अहम् संकल्प है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में अब तक की सबसे बड़ी धनराशि का आवंटन किया गया है साथ ही साथ 2018 तक हर गाँव में बिजली की सुविधा देने की व्यवस्था भी इस बजट में स्पष्ट रूप से है।

इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नयी ऊर्जा मिलेगी, गति मिलेगी, और सामान्य मानविकी जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। हम यह साफ़ जानते हैं गरीब से गरीब को पूछो,सामान्य से सामान्य व्यक्ति को पूछो उसका एक सपना होता है अपना घर। हर गरीब का सपना है अपना घर। मिडल क्लास हो निओ मिडल क्लास हो उसका सपना कैसे पूरा करेंगे। सरकार की मदद के बिना यह संभव नहीं है और इसलिए इस बजट में वह सारे प्रावधान किये गए हैं जिसके कारण हाउसिंग सेक्टर को बल देगा और सामान्य से सामान्य मानवी को घर देगा।

इसके अलावा, किराए के घर में रह रहे लोगों को किराए की राशि के ऊपर भी इनकम टैक्स में छूट में बढ़ोतरी की गए है। पाँच लाख तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए आयकर में कमी हुई है।

हमारे देश में गरीबों के नाम पर राजनीति बहुत हुयी। आप यह जानकर के चौंक जायेंगे कि एक गरीब माँ अपने बच्चों का खाना बनाने के लिए जो चूल्हा जलाती है उसके कारण उसके और उसके बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा होता है।

जो इस विषय के एक्सपर्ट हैं, जानकार लोग हैं उनका कहना है कि चूल्हे के कारण, उस धुंए के कारण गरीब महिला के शरीर में एक दिन में 400 सिगरेट का जो धुंआ होता है उतना धुंआ उसके शरीर में जाता है। ऐसे गरीबी की रेखा के नीचे जीने वाले करोड़ों परिवारों को इस से मुक्ति दिलान

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