तालाब की तस्वीर बदली, अब बदलेगी गांव की तकदीर

तालाब की तस्वीर बदली, अब बदलेगी गांव की तकदीर

जयपुर ——- कभी गांव की जल उपलब्धता का मूल आधार मानी जाने वाली नाल की भूरोलाई तलाई, एक बार फिर गांव की प्यास बुझाने को आतुर है। लम्बे समय से उपेक्षा की शिकार इस तलाई की तस्वीर, पिछले तीन महिनों में बदल चुकी है और वह दिन दूर नहीं जब यह तलाई गांव की तकदीर बदल देगी।  B-S-6-5-2016-photo-1

नाल गांव के बीचोंबीच स्थित भूरोलाई तलाई, बीकानेर जिले की ऎतिहासिक तलाईयों में से एक है। एक दौर था, जब नाल और आस-पास के अनेक गांवों के लोग इस तलाई से ही अपनी प्यास बुझाते थे। पशुओं को पानी पिलाने और अन्य कार्यों के लिए इस तलाई से जल उपलब्ध हो जाता था। धीरे-धीरे तलाई का स्वरूप बिगड़ने लगा और मिट्टी के कटाव के कारण तलाई में पानी ठहरना बंद हो गया। इससे ग्रामीणों को पेयजल के लिए दूसरे संसाधनों पर निर्भर होना पड़ा।

संकट के इस दौर में, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ग्रामीणों के लिए नई रोशनी लाया। ऎतिहासिक तलाई के जीर्णोद्धार और क्षमता वद्र्धन का कार्य अभियान के तहत लिया गया और गत 27 जनवरी को इस कार्य की शुरूआत हो गई और बेहतर मॉनिटरिंग के फलस्वरूप लगभग 90 दिनों में इस तलाई ने नया रूप धारण कर लिया। तलाई के जीर्णोद्धार का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है और जब बरसात होगी तो लगभग 48 हैक्टेयर पायतन वाले तालाब में पानी हिलोरे लेगा और यह पानी गांव को आत्मनिर्भर बनने की राह आसान करेगा।

‘आदर्श तालाब’ के रूप में तैयार करने की योजना भी है। इसके तहत यहां रंग-बिरंगी लाइटें और आकर्षक पेड़-पौधे लगाकर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसकी दीवारों पर जल संरक्षण से संबंधित नारे लिखे भी लिखे जाएंगे। नाल गांव में रहने वाले 60 वर्षीय मघाराम का कहना है कि सरकार की मेहरबानी तो हो गई, अब तो बस इंद्र मेहरबान हो जाए। फिर ना ही ग्रामीणों के लिए पानी की कमी रहेगी और ना ही पशुओं के लिए। —

Related post

मानवाधिकारों पर लघु फिल्म और पुरस्कृत : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

मानवाधिकारों पर लघु फिल्म और पुरस्कृत : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

पीआईबी दिल्ली : राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), ने 2024 में मानवाधिकारों पर लघु फिल्मों के लिए…
आपके हाथ में हथकड़ी वाले कार्टून  ब्लॉक क्यों  :भारतीय मीडिया को हतोत्साह करने वाली सरकार

आपके हाथ में हथकड़ी वाले कार्टून  ब्लॉक क्यों :भारतीय मीडिया को हतोत्साह करने वाली सरकार

जनता के हाथ में हथकड़ी लगा तो आपके हाथ में हथकड़ी वाले कार्टून  ब्लॉक क्यों ?…
भारतीय उच्च शिक्षा नियामक प्राधिकरण –  विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन और मान्यता  – गड़बड़

भारतीय उच्च शिक्षा नियामक प्राधिकरण – विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन और मान्यता – गड़बड़

अभिनव मेहरोत्रा ​​और अमित उपाध्याय—(कश्मीर टाइम्स )————दो भारतीय उच्च शिक्षा नियामक प्राधिकरण – एक जो शिक्षण,…

Leave a Reply