• September 13, 2016

सही योजना से ही गांव का विकास

सही योजना से ही गांव का विकास

जगदलपुर : —–ग्राम पंचायत विकास योजना के लिए तीन दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण सोमवार को प्रारंभ किया गया। घाटपदमूर के पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केन्द्र में दिए जा रहे इस प्रशिक्षण के शुभारंभ के अवसर पर बस्तर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री केएल चौहान, कोंडागांव जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिजीत सिंह, मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल की राज्य समन्वयक सुश्री मनीषा एलिस लकड़ा, बस्तर संभाग के उपायुक्त एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य श्री जदुबीर राम सहित संभाग भर के मास्टर ट्रेनर्स शामिल थे। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारीद्वय ने कहा कि गांवों का विकास तभी संभव है, जब कार्य योजनाबद्ध ढंग से किया जाए।

गांव के विकास की योजना ग्रामीणों की आवश्यकता के अनुसार बने, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘हमर गांव हमर योजना‘ के तहत गांव के विकास की रुपरेखा बनाने के लिए ग्रामीणों की सहभागिता को प्रमुख स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि मानव विकास सूचकांक में भारत को तेजी से आगे ले जाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का योजनाबद्ध ढंग से विकास किया जाना आवश्यक है। शासन द्वारा गांवों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर विकास किए जाने के लिए 14वें वित्त की पूरी राशि भी अब सीधे पंचायतों को दी जा रही है।

पंचायतें इस राशि का सदुपयोग करें और विकास कार्य टिकाऊ हो, इसके लिए पंचायतों को प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। पंचायतों को प्रशिक्षण देने के लिए भी शासन द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किए गए हैं, जिनमें केरल और हैदराबाद में राष्ट्रस्तरीय प्रशिक्षण दिया गया था। इसके साथ ही रायपुर के पास निमोरा में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया था। ग्राम पंचायतें विकास की सही योजना तभी बना पाएगी, जब प्रशिक्षण की ये बातें शत-प्रतिशत उन तक पहुंचे।

मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल की राज्य समन्वयक सुश्री मनीषा एलिस लकड़ा ने मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल और सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा गरीबी उन्मूलन और कुपोषण, प्रारंभिक शिक्षा, लैंगिक समतुल्यता, शिशु मृत्यु दर में कमी, मातृ मृत्यु दर में कमी, गंभीर बीमारियों से बचाव, पर्यावरणीय संवहनीयता और वैश्विक भागीदारी को मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल के रुप में रखा गया है।

इसी तरह सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल में गरीबी का अंत, शून्य भुखमरी, अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समतुल्यता, स्वच्छ जल एवं स्वच्छता, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा, सम्मानजनक काम और आर्थिक विकास, उद्योग नवाचार एवं मूलभूत संरचना, असमानताओं में कमी, स्थायी शहरें एवं समुदाय, जिम्मेदार खपत एवं उत्पादन, जलवायु कार्यवाही, जल के नीचे का जीवन, भूमि पर जीवन, शांति न्याय एवं सशक्त संस्थान व लक्ष्यों के लिए भागीदारी तय किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत की विकास योजना बनाते समय इन सारी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजना बनाए जाने की आवश्यकता है।

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