• April 27, 2015

सभी विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपतियों की नियुक्ति शीघ्र -राज्यपाल

सभी विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपतियों की नियुक्ति शीघ्र  -राज्यपाल

जयपुर -राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि प्रदेश के जिन विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति नहीं हैं, उन विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपतियों की नियुक्ति शीघ्र ही की जाएगी।

श्री सिंह रविवार को बीकानेर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय ऐसा नहीं रहेगा, जहां स्थाई कुलपति न हो। साथ ही ऐसे सभी विश्वविद्यालय जिन्होंने वर्ष 2014 तक की डिग्रियां वितरित कर दी जाएंगी, उन विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह भी शीघ्र ही आयोजित किए जाएंगे। सभी विश्वविद्यालय इस ओर आगे बढ़ रहे हैं।

  उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार करने के लिए आगामी 5 मई को जयपुर में राज्य के सभी 26 राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक दिवसीय कांफ्रेंस आयोजित की जाएगी। इसके लिए सभी कुलपतियों को 25 बिंदुओं का एजेंडा पूर्व में दिया गया है। कांफ्रेंस के दौरान इन बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।

राज्यपाल श्री सिंह ने शनिवार को नेपाल और भारत के विभिन्न राज्यों में आए भूकंप पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि भूकंप से जान-माल की बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में भारत सरकार नेपाल के साथ है। उन्होंने कहा कि भूकंप पीडि़तों की सहायता करना मानवीय दृष्टिकोण से जुड़ा मुद्दा है। गत दिनों बेमौसम हुई ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान पर भी उन्होंने अफसोस जताया।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने मुआवजे के पुराने नियमों में बदलाव किया है, जिससे किसानों का राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में पचास प्रतिशत खराबे पर किसानों को मुआवजा मिलता था, अब इसमें बदलाव करते हुए 33 प्रतिशत खराबे पर मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

बीकानेर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की ली जानकारी
श्री सिंह ने अधिकारियों और पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीकानेर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की। श्री सिंह को जब बताया गया कि यहां का रसगुल्ला बहुत प्रसिद्घ है, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने आते ही रसगुल्ला चख लिया है। उन्होंने राव बीका और इसके बाद बीकानेर राजघराने के विभिन्न महाराजाओं के शासन काल के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा पूछा कि क्या बीकानेर में कभी कोई युद्घ हुआ? श्री सिंह ने यहां के एतिहासिक जूनागढ़ किले की स्थापत्य शैली और इसकी भव्यता के बारे में जानकारी प्राप्त की। वहीं देशनोक की विश्व प्रसिद्घ करणीमाता के मंदिर और यहां पाए जाने वाले सफेद चूहों ‘काबोंÓ के बारे में जानकार अभिभूत हो गए।

पानी की उपलब्धता और खनिज सम्पदा के बारे में भी जाना
राज्यपाल श्री सिंह ने बीकानेर जिले में सिंचाई और पीने के लिए पानी की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। जब उन्हें बताया गया कि महाराजा गंगासिंह द्वारा बनवाई गई गंग कैनाल लगभग 1400 किलोमीटर क्षेत्र में प्रदेश के नौ जिलों में पेयजल की आपूर्ति करती है, तो उन्होंने तात्कालिक शासन व्यवस्था की दूरदर्शिता की सराहना की। श्री सिंह ने यहां की फसलों और खनिज सम्पदा के अलावा प्राथमिक, माध्यमिक एवं तकनीकी शिक्षा की स्थिति पर भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यहां के विश्वविद्यालयों, राजस्थान राज्य अभिलेखागार और उस्ताकला के बारे में भी जाना।

राज्यपाल ने कहा, मैंने भी चलाया है हल
श्री सिंह ने बीकानेर की प्रमुख फसलों एवं यहां की खेती की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। जब उन्हें बताया कि गया कि राजस्थान के पश्चिमी इलाके में गत वर्षो में ग्वार की फसल ने किसानों को निहाल कर दिया है। इससे किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ हो रहा है तथा इस क्षेत्र में पैदा हुई ग्वार को विदेशों में भेजा जा रहा है। इस पर राज्यपाल श्री सिंह ने बताया कि उत्तरप्रदेश में ग्वार को ‘दरहरीÓ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसान हैं और उन्होंने दरहरी की खेती की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी हल चलाया है। श्री सिंह ने लगभग पौने घंटे तक बीकानेर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

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