• November 26, 2022

संविधान दिवस : जनजातीय बालक छात्रावास

संविधान दिवस : जनजातीय बालक छात्रावास

प्रतापगढ़—- राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिाकरण के निर्देशानुसार संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महोदय (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) श्री शिवप्रसाद तम्बोली द्वारा राणा पुंजा राजकीय जनजातीय बालक छात्रावास, प्रतापगढ़ में संविधान की शपथ एवं प्रस्तावना का वाचन किया गया।

संविधान दिवस के अवसर पर प्राधिकरण सचिव द्वारा बालकों को जानकारी दी गई कि यह 26 नवम्बर 1949 को तैयार किया जाकर राष्ट्र को समर्पित किया गया तथा इसके पश्चात् 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। इसलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।

प्रस्तावना के अनुसार हमारा देश एक सम्प्रभुतासम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है। संविधान द्वारा भारत के नागरिकांे को मौलिक अधिकार एवं कत्र्तव्य प्रदान किये गए हैं। मौलिक अधिकार वे अधिकार हैं जो जन्म के साथ ही हमें मिलते हैं जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार एवं संवैधानिक उपचारों का अधिकार। इसके साथ ही बच्चों को यह भी बताया गया कि 42वें संविधान संशोधन द्वारा भाग 4ए जोड़ा गया और मूल कत्र्तव्यों का समावेश किया गया है जिनमें संविधान का पालन, उसके आदर्शाें, संस्थाओं, राष्ट्रगान तथा राष्ट्रध्वज का आदर, स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखना और उनका पालन करना, भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना, देश की रक्षा करना और आव्हान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करना, भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना निर्माण करना, हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझना तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षित रखना और हिंसा से दूर रहना आदि शामिल हैं।

कार्यक्रम के दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित बालकों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया गया एवं शपथ दिलाई गई। उपस्थित बालकों को प्रोत्साहित कर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की हेतु प्रेरित किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
प्रतापगढ़

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