• March 21, 2015

शिक्षा विभाग : पंद्रह अगस्त तक साइकिल और दीपावली तक लैपटॉप — शिक्षा राज्य मंत्री

शिक्षा विभाग :  पंद्रह अगस्त तक साइकिल और दीपावली तक लैपटॉप — शिक्षा राज्य मंत्री

जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि शिक्षा विभाग के प्रशासनिक ढॉंचे का पुनर्गठन एवं सुदृढ़ीकरण कर राज्य में गुणवत्तापूर्ण एवं संस्कारयुक्त शिक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कि अगले सत्र से प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय में शारीरिक शिक्षक उपलब्ध करवा दिये जायेंगे।

उन्होंने आगामी 15 अगस्त तक राजकीय विद्यालयों की नवीं की छात्राओं को साइकिल देने तथा प्रतिभावान विद्यार्थियों को दीपावली तक लैपटॉप देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल 26 जून से खुलेंगे, इससे विद्यालयों के अवकाश में एक सप्ताह की जो कमी आएगी उसका समायोजन शीतकालीन अवकाश को एक सप्ताह बढ़ाकर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शैक्षणिक कैलेण्डर को धीरे-धीरे सीबीएसई के समान बनाया जाएगा।

श्री देवनानी शुक्रवार को राज्य विधान सभा में मांग संख्या-24  शिक्षा, कला एवं संस्कृति पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद विधानसभा ने सदन में शिक्षा विभाग की 197 अरब 96 करोड़ 33 लाख 11 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनि मत से पारित कर दीं। इससे पहले श्री देवनानी ने बताया कि मांगों के संबंध में 230 कटौती प्रस्ताव आए हैं, जिनका अध्ययन कराके जवाब आगामी तीन दिन में भिजवा दिए जाएंगे।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान शिक्षा सेवा एवं अधीनस्थ सेवा नियम की विसंगतियों एवं अव्यावहारिक नियमों को हटाएगी। उन्होंंने कहा कि प्रारम्भिक एवं माध्यमिक निदेशालय बीकानेर का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा साथ ही विद्यालयों की विज्ञान प्रयोगशालाओं को संसाधनयुक्त बना कर उनका सुदृृढ़ीकरण किया जाएगा। उन्होंने नवगठित पंचायत समिति मुख्यालयों पर पुस्तकालय खोले जाने की भी घोषणा की।

श्री देवनानी ने कहा कि यह सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का दौर है। राज्य सरकार प्रदेश के 4 हजार विद्यालयों में सैटेलाईट के माध्यम से गणित, विज्ञान व अंग्रेजी का अध्ययन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शाला दर्पण कार्यक्रम के अन्तर्गत माध्यमिक एवं प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों का मय स्टाफ पूर्ण विवरण सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। उन्होंने निजी विद्यालयों की मान्यता प्रक्रिया का सरलीकरण करने के साथ ही मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्र्रिया प्रारम्भ किए जाने की भी सदन में घोषणा की।

शिक्षा राज्य मंत्री नेे कहा कि शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा संबंधी सुझाव प्राप्त करने के लिए शिक्षक संवाद कार्यक्रम 11 जिलों में आयोजित हो चुका है और आगामी दो-तीन माह में शेष 22 जिलों में भी इसे पूरा कर लिया जाएगा।

श्री देवनानी ने प्रदेश के विद्यालयों में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों और समाज हित में आमूलचूल परिवर्तन कर कार्यवाही किए जाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सम्पूर्ण विद्यालयी शिक्षा का पाठ्यक्रम भारतीय परिवेश, राजस्थान की संस्कृति एवं महान गौरवशाली इतिहास के साथ आधुनिक तकनीकी ज्ञान एवं कौशल से परिपूर्ण एवं वसुधैव कुटुम्बकम के हमारे विचार के अनुकूल हो, इस दृष्टि से समीक्षा कर सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा में राजनीति नहीं बल्कि राजनीति में शिक्षा की आवश्यकता है। प्रत्येक बालक को शिक्षित-दीक्षित करना हमारा लक्ष्य हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 11 हजार 591 प्राथमिक एवं 1 हजार 659 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मर्ज किया गया है। इससे राज्य में कक्षा 1 से 10 तक के 3 हजार 461 माध्यमिक विद्यालय एवं कक्षा 1 से 12 तक 8 हजार 342 माध्यमिक विद्यालय स्थापित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्रत्येक ग्राम पंंचायत में एक राजकीय उच्च माध्यमिक या माध्यमिक विद्यालय का चयन कर आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए वर्ष 2016-17 में 4 हजार 431 एवं वर्ष 2017-18 में 4 हजार 976 विद्यालयों को विकसित करने की योजना है।

प्रो. देवनानी ने बताया कि निजी विद्यालयों की फीस नियंत्रण के लिए वे अन्य प्रांतों की व्यवस्था का अध्ययन कर रहे हैं। हम ऐसी व्यवस्था चाहते हैं जिससे न तो अभिभावकों को कोई दिक्कत हो और न ही स्कूल संचालकों को परेशानी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का निजीकरण होना चाहिए, व्यावसायीकरण नहीं। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में शैक्षिक योग्यता से संबंधित अनिवार्यता लागू करने का सुखद परिणाम यह रहा है कि स्टेट ओपन स्कूल में इस वर्ष नामांकन में ढाई गुना बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को जीवन में आत्मसात करने के क्रम में प्रदेश के विद्यालयों में सूर्य नमस्कार, योग एवं ध्यान को लागू किया जा रहा है।

प्रो. देवनानी ने आश्वस्त किया कि जो विद्यार्थी आठवीं बोर्ड की परीक्षा दे चुके हैं उन्हें स्कूल में परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा का विषय शामिल किया जाएगा।

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